Farmers Protest: बारिश से तबाही के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे किसान, 10 अक्टूबर को करेंगे प्रदर्शन

Farmers Protest: बारिश से तबाही के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे किसान, 10 अक्टूबर को करेंगे प्रदर्शन

10 अक्टूबर को महाराष्ट्र भर में AIKS, CITU और खेत मजदूर यूनियन के नेतृत्व में किसानों का राज्यव्यापी आंदोलन होगा. भारी बारिश से फसल बर्बादी पर मुआवजा, कर्ज माफी और राहत की मांग.

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Farmers Protest: बारिश से तबाही के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे किसान, 10 अक्टूबर को करेंगे प्रदर्शनमहाराष्ट्र के किसानों का हाल (सांकेतिक फोटो)

महाराष्ट्र में हाल ही में हुई भारी बारिश और बाढ़ ने न केवल किसानों की फसलें बर्बाद कर दी हैं, बल्कि मिट्टी भी बहा ले गई है. इस मुश्किल स्थिति को देखते हुए, अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS), केंद्रीय ट्रेड यूनियन परिषद (CITU) और अखिल भारतीय खेत मजदूर संघ ने संयुक्त रूप से 10 अक्टूबर को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है.

कहां और कैसे होगा प्रदर्शन?

AIKS नेता अजीत धवले ने बताया कि यह प्रदर्शन सभी तहसील और जिला मुख्यालयों पर किया जाएगा. इसका मकसद सरकार पर दबाव बनाना है ताकि किसानों और खेत मजदूरों को जल्द से जल्द राहत दी जाए.

आंदोलन की प्रमुख मांगे

प्रदर्शन करने वाले संगठनों ने सरकार से निम्नलिखित मांगे रखी हैं:

  • प्रति एकड़ ₹50,000 का मुआवजा फसल नुकसान के लिए
  • खेत मजदूरों को ₹30,000 का मुआवजा मजदूरी नुकसान के लिए
  • किसानों और खेत मजदूरों के लिए सम्पूर्ण कर्ज माफी
  • बारिश और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में 'वेट ड्रॉट' (गीला सूखा) घोषित किया जाए

किसानों की हालत बेहद खराब

अजीत धवले ने बताया कि बारिश के कारण हजारों एकड़ में फसल बर्बाद हो गई है और लाखों ग्रामीण परिवार बेघर हो गए हैं. साथ ही, किसानों और खेत मजदूरों की आत्महत्या के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं.

सरकार की प्रतिक्रिया पर सवाल

प्रदर्शनकारी संगठनों का कहना है कि सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस राहत नहीं मिली है. पीड़ित किसान और मजदूर अपने आप को अकेला और बेसहारा महसूस कर रहे हैं. इससे ग्रामीण इलाकों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है.

मराठवाड़ा सबसे ज्यादा प्रभावित

20 सितंबर के बाद महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई, लेकिन मराठवाड़ा के आठ जिलों में हालात सबसे ज्यादा खराब रहे. यहां हजारों एकड़ फसलें बर्बाद हुई हैं और मवेशियों की भी मौत हुई है.

10 अक्टूबर को होने वाला यह आंदोलन, किसानों और खेत मजदूरों की पीड़ा और नाराजगी की अभिव्यक्ति है. संगठनों की मांग है कि सरकार संवेदनशीलता दिखाए और तत्काल राहत कदम उठाए, ताकि किसानों का जीवन पटरी पर लौट सके.

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