महाराष्ट्र में हाल ही में हुई भारी बारिश और बाढ़ ने न केवल किसानों की फसलें बर्बाद कर दी हैं, बल्कि मिट्टी भी बहा ले गई है. इस मुश्किल स्थिति को देखते हुए, अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS), केंद्रीय ट्रेड यूनियन परिषद (CITU) और अखिल भारतीय खेत मजदूर संघ ने संयुक्त रूप से 10 अक्टूबर को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है.
AIKS नेता अजीत धवले ने बताया कि यह प्रदर्शन सभी तहसील और जिला मुख्यालयों पर किया जाएगा. इसका मकसद सरकार पर दबाव बनाना है ताकि किसानों और खेत मजदूरों को जल्द से जल्द राहत दी जाए.
प्रदर्शन करने वाले संगठनों ने सरकार से निम्नलिखित मांगे रखी हैं:
अजीत धवले ने बताया कि बारिश के कारण हजारों एकड़ में फसल बर्बाद हो गई है और लाखों ग्रामीण परिवार बेघर हो गए हैं. साथ ही, किसानों और खेत मजदूरों की आत्महत्या के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं.
प्रदर्शनकारी संगठनों का कहना है कि सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस राहत नहीं मिली है. पीड़ित किसान और मजदूर अपने आप को अकेला और बेसहारा महसूस कर रहे हैं. इससे ग्रामीण इलाकों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है.
20 सितंबर के बाद महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई, लेकिन मराठवाड़ा के आठ जिलों में हालात सबसे ज्यादा खराब रहे. यहां हजारों एकड़ फसलें बर्बाद हुई हैं और मवेशियों की भी मौत हुई है.
10 अक्टूबर को होने वाला यह आंदोलन, किसानों और खेत मजदूरों की पीड़ा और नाराजगी की अभिव्यक्ति है. संगठनों की मांग है कि सरकार संवेदनशीलता दिखाए और तत्काल राहत कदम उठाए, ताकि किसानों का जीवन पटरी पर लौट सके.
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