पिछले दिनों चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया. राज्य में पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव होगा. 18 सितंबर से घाटी में मतदान की शुरुआत होगी तो वहीं एक अक्टूबर को तीसरे और आखिरी चरण के साथ ही इसका अंत हो जाएगा. इन चुनावों को ध्यान में रखते हुए ही नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सोमवार 19 अगस्त को अपना घोषणा पत्र जारी किया. यूं तो इसमें कई बातें थीं जिन पर ध्यान गया लेकिन सबसे ज्यादा दिलचस्प बात थी, अनुच्छेद 370 की वापसी का वादा. पार्टी ने अगले पांच साल तक कई तरह के तोहफे देने का वादा भी राज्य की जनता से किया है.
पार्टी के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी किया. ये चुनाव 10 साल बाद हो रहे हैं. साल 2019 में जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया था. नेशनल कॉन्फ्रेंस की तरफ से मुफ्त सुविधा देने का ऐलान भी किया गया है. इनमें 12 मुफ्त गैस सिलेंडर, 200 यूनिट मुफ्त बिजली, यूनिवर्सिटी तक फ्री शिक्षा और एक लाख नौकरियों का वादा भी शामिल हैं. साथ ही चावल का कोटा बढ़ाने और डिपो पर चीनी और केरोसिन मुहैया कराने के लिए पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में सुधार की योजना भी बनाई गई है.
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अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी अनुच्छेद 370 और 35 ए को बहाल करने के लिए संघर्ष जारी रखेगी. उन्होंने कहा, 'हम अनुच्छेद 370 के लिए राजनीतिक रूप से लड़ते रहेंगे. घोषणापत्र एक भरोसा है कि हम इन मुद्दों पर चुप नहीं रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने अतीत में तीन बार अनुच्छेद 370 को बरकरार रखा है. क्या हम ऐसी स्थिति की उम्मीद नहीं कर सकते जहां सुप्रीम कोर्ट अपने हालिया फैसले को बदल दे.' उनका कहना था कि अनुच्छेद 370 के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के तीन आदेशों के बाद भी जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हार नहीं मानी तो फिर वह क्यों हार मानकर बैठ जाएं.
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उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टी राज्य का दर्जा बहाल करने का दृढ़ संकल्प ले चुकी है. भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह वादा पहले ही कर दिया है. उमर ने कहा कि अगर भारत सरकार स्वेच्छा से राज्य का दर्जा बहाल नहीं करती है तो फिर पार्टी कोर्ट के जरिये इसकी मांग करेगी. राज्य का दर्जा मिलने पर जम्मू-कश्मीर सरकार के पास वादे पूरे करने के लिए जरूरी शक्तियां होंगी.
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इसके अलावा उमर ने कश्मीर मसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत को प्रोत्साहित करने का भी वादा घोषणा पत्र में किया है. पार्टी के घोषणापत्र में सभी राजनीतिक कैदियों, खासकर युवाओं की रिहाई की मांग करने और सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में काम करने का वादा किया गया है. अब्दुल्ला ने कहा, ' यह काफी दुखद है कि सरकार ने जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) पर लगा बैन नहीं हटाया है जिसके नेताओं ने खुले तौर पर ऐलान किया है कि वो विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को प्रतिबंध हटाने की दिशा में काम करना चाहिए था.'
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