नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को चुनाव आयोग के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए मतदान को तीन चरणों तक कराने के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. चुनाव आयोग के प्रमुख राजीव कुमार ने शुक्रवार को ऐलान किया है कि जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर को विधानसभा चुनाव का पहला चरण, 25 सितंबर को दूसरा और 1 अक्टूबर को तीसरे और अंतिम चरण का मतदान होगा. साथ ही इन चुनावों के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे. उमर अब्दुल्ला ने इस पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लिए एक दशक में पहली बार विधानसभा चुनाव की तारीखों का स्वागत किया है. जम्मू कश्मीर में साल 2018 से ही राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है.
उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से कहा, '1987-88 के बाद शायद यह पहली बार है जब चुनाव चरणों में हो रहे हैं. यह एक नया अनुभव होगा. लेकिन मैं कह सकता हूं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस पहले से ही तैयारी कर रही थी.' हालांकि, उन्होंने चुनाव आयोग से मतदान से पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस की इंटेलीजेंस यूनिट के मुखिया सहित सीनियर पुलिस ऑफिसर्स की बड़े पैमाने पर फेरबदल पर चिंताओं पर ध्यान देने को कहा. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव पर जोर दिया है. हमने पिछले 24 घंटों में पुलिस तबादलों के बारे में चुनाव आयोग को लिखा है और उन्हें इस पर ध्यान देना चाहिए. उनका कहना था कि तबादले शायद बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए किए जा रहे हैं.
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उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर लिखा, 'जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने स्वतंत्रता दिवस पर अधिकारियों को बुलाकर इस बड़े पैमाने पर फेरबदल का आदेश दिया. इससे मुझे पता चलता है कि उन्हें इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि चुनाव आयोग आज तारीखों की घोषणा कर रहा है.' उन्होंने कहा, 'चुनाव आयोग को इन तबादलों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के नजरिए से देखना चाहिए.' उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा की 'पक्षपातपूर्ण मंशा' पर संदेह जताया.
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अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि दिशा-निर्देशों के बाहर ट्रांसफर को रोका जाना चाहिए जिन्होंने मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के लिए सुरक्षा कवर वापस लेने या कम करने की मांग की, जिसे बहाल किया जाना चाहिए. फेरबदल के तहत जम्मू, रामबन, कठुआ, रियासी, उधमपुर, डोडा और पुंछ जिलों के साथ-साथ कश्मीर घाटी के शोपियां और गंदेरबल को नए पुलिस प्रमुख मिले हैं. इन तबादलों को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इन इलाकों में पिछले कुछ हफ्तों और महीनों में आतंकी घटनाओं में इजाफा हुआ जिसे चिंताजनक माना जा रहा है.
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