Jammu Kashmir Election: क्‍यों जम्‍मू कश्‍मीर में विधानसभा चुनाव की तारीख सुप्रीम कोर्ट की समय सीमा से आगे है  

Jammu Kashmir Election: क्‍यों जम्‍मू कश्‍मीर में विधानसभा चुनाव की तारीख सुप्रीम कोर्ट की समय सीमा से आगे है  

जम्‍मू कश्‍मीर में चुनाव का इंतजार आखिरकार खत्‍म हो गया है. शुक्रवार को चुनाव आयोग ने जम्‍मू कश्‍मीर में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. राज्‍य में तीन चरणों में चुनाव होंगे और 18 सितंबर से इसका आगाज हो जाएगा. चुनाव आयोग के ऐलान के बाद यहां की पार्टियां उत्‍साहित हैं. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तय की गई 30 सितंबर की समय सीमा से आगे बढ़ाया जा रहा है. 

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Jammu Kashmir Election: क्‍यों जम्‍मू कश्‍मीर में विधानसभा चुनाव की तारीख सुप्रीम कोर्ट की समय सीमा से आगे है  जम्‍मू कश्‍मीर में 18 सितंबर से होगी विधानसभा चुनाव की शुुरुआत

जम्‍मू कश्‍मीर में चुनाव का इंतजार आखिरकार खत्‍म हो गया है. शुक्रवार को चुनाव आयोग ने जम्‍मू कश्‍मीर में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. राज्‍य में तीन चरणों में चुनाव होंगे और 18 सितंबर से इसका आगाज हो जाएगा. चुनाव आयोग के ऐलान के बाद यहां की पार्टियां उत्‍साहित हैं. वहीं चीफ इलेक्‍शन कमिश्‍नर  राजीव कुमार ने शुक्रवार को साफ किया है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तय की गई 30 सितंबर की समय सीमा से आगे क्यों बढ़ाया जा रहा है. 

क्‍या बोले मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त 

शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग ने जम्‍मू कश्‍मीर में मतदान की तारीखों का ऐलान किया है. इस दौरान उनसे चुनाव और सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तय की गई समय सीमा से जुड़ा सवाल पूछा गया. इस पर पूछे गए सवाल के जवाब में चीफ इलेक्‍शन कमिश्‍नर  कुमार ने कहा, 'लोकसभा चुनाव 4 और 6 जून को खत्‍म हुए थे.  उसके बाद अमरनाथ यात्रा शुरू हुई जो 19 अगस्त को खत्‍म होगी. पहले मौसम खराब था और फिर अमरनाथ यात्रा हुई. कोई भी व्यक्ति 19 अगस्त को यात्रा पर नहीं जा सकता था. हम आधा दिन भी नहीं दे रहे हैं जब यात्रा शुरू की जा सके. फिर यह समय सीमा के अंदर शुरू हो गई है और समय पर खत्‍म भी हो जाएगी.' 

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भावना के अनुसार ही हो रहे चुनाव 

उन्‍होंने आगे कहा कि दिन महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि यह महत्‍वपूर्ण है कि भावना के अनुसार आगे बढ़ा जाए. उनका कहना था कि आरक्षण देने के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में संशोधन दिसंबर 2023 में आया था. आयोग के लिए समय सीमा दिसंबर 2023 में ही शुरू होगी. उसके बाद लोकसभा चुनाव होने थे और इसलिए इसमें बिल्कुल भी देरी नहीं हो रही है. पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को संवैधानिक रूप से वैध ठहराया था. इसके साथ ही चुनाव आयोग को 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया गया था. 

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10 साल के बाद होंगे विधानसभा चुनाव 

भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि संविधान का अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था और राष्‍ट्रपति के पास इसे रद्द करने का अधिकार है. 5 अगस्त, 2019 को केंद्र  मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करके जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष राज्‍य का दर्जा खत्‍म कर दिया था. इसके बाद जम्मू-कश्मीर राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया. केंद्र शासित प्रदेश में तीन चरणों में चुनाव होंगे और 18 सितंबर को पहले चरण से इसका आगाज हो जाएगा. 25 सितंबर को दूसरा चरण और आखिरी चरण एक अक्‍टूबर को होगा. वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को कराई जाएगी. जम्‍मू कश्‍मीर में साल 2014 में आखिरी बार विधानसभा चुनाव हुए थे.  

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