चुनाव आयोग (ईसीआई) ने शुक्रवार को हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कर दी. चुनाव आयोग ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव 18 सितंबर से शुरू होकर तीन चरणों में होंगे. जबकि हरियाणा में एक अक्टूबर को एक चरण में मतदान होगा. दोनों विधानसभाओं के नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. वहीं, आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में चुनावों की तारीखों का ऐलान नहीं किया. इस पर शिवसेना के नेता और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने आयोग की आलोचना की है.
चुनाव आयोग ने साफ किया कि महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव बाद में कराए जाएंगे. हाल ही में आयोग की टीम ने महाराष्ट्र का भी दौरा जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के साथ किया था और चुनाव तैयारियों का जायजा लिया था. इसके बाद से ही इन अटकलों को हवा मिली थी कि महाराष्ट्र में भी चुनावों की तारीखों का ऐलान हो सकता है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, 'पिछली बार महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे. उस समय जम्मू-कश्मीर कोई मुद्दा नहीं था लेकिन इस बार इस साल चार चुनाव हैं. इसके तुरंत बाद पांचवां चुनाव है. बलों की जरूरत के आधार पर हमने 2 चुनाव एक साथ कराने का फैसला किया है. दूसरा मसला यह है कि महाराष्ट्र में भारी बारिश हुई और कई त्यौहार भी आने वाले हैं.'
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शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र में चुनाव की घोषणा न करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण पर निशाना साधा है. ठाकरे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की सभी बातों के बावजूद, संपूर्ण समझौता आयोग (उर्फ चुनाव आयोग) ने जम्मू-कश्मीर में एक साथ चुनाव कराने के बजाय महाराष्ट्र में चुनाव न कराने के लिए 'सुरक्षा बलों की कमी' को कारण बताया है.' उन्होंने आगे लिखा, 'तो फिर जम्मू-कश्मीर में 'बीजेपी के मजबूत नेतृत्व' के तहत क्या बदल गया है? आतंकवादी हमले बढ़ रहे हैं, जो एक सच्चाई है.'
For all that talk of “one nation, one election”, the Entirely Compromised Commission (aka Election commission) states “constraint on security forces” as a reason to not hold elections in Maharashtra, with simultaneous elections in J&K.
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) August 16, 2024
What then has changed under the “strong…
आदित्य के मुताबिक वो एक और कारण बताते हैं कि महाराष्ट्र में 'बारिश' हो रही है और इसलिए उन्होंने अपनी औपचारिकताएं पूरी नहीं की हैं. आदित्य का कहना था कि चुनाव आयोग के अनुसार, सिर्फ महाराष्ट्र में ही मानसून है, बाकी राज्यों में नहीं. यह एक बार प्रसिद्ध संस्था कितनी शर्मनाक साबित हो रही है. उन्होंने लिखा, 'मुझे लगता है कि उनके बॉस अभी भी उन्हें महाराष्ट्र में चुनाव कराने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. इस अवैध और असंवैधानिक सरकार को जारी रखने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्हें कभी कोई अधिकार नहीं था.'
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