हरियाणा के वित्त मंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा पेश किया गया राज्य का पहला बजट किसानों, महिला उद्यमियों, बागवानी के क्षेत्र में सुधार और प्रदेश के विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदमों का प्रस्ताव लेकर आया है. इस बजट में हरियाणा सरकार ने कृषि, बागवानी, पशुपालन, और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है.
सरकार किसानों को नकली बीज और कीटनाशकों के चंगुल से बचाने के लिए एक बिल लाने की योजना बना रही है, जो इस सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा. यह कदम किसानों के हित में उठाया जा रहा है ताकि उन्हें गुणवत्ता वाले उत्पाद मिल सकें.
महिला किसानों को विशेष लाभ देने के लिए सरकार ने डेयरी कृषि, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए ब्याज मुक्त 1 लाख रुपये तक का ऋण देने का प्रस्ताव रखा है. यह कदम महिलाओं को कृषि क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में मदद करेगा.
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सरकार मोरनी क्षेत्र के किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक विशेष कार्य योजना लाने जा रही है. यह योजना क्षेत्रीय किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करेगी.
2024-25 के लिए प्राकृतिक खेती के तहत 25,000 एकड़ भूमि का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब सरकार ने इसे बढ़ाकर 1 लाख एकड़ करने का प्रस्ताव रखा है. इससे प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा.
लवणीय/नमकीन भूमि को पुर्नजीवित करने के लिए इस साल 62,000 एकड़ भूमि का लक्ष्य था, जिसे अब 1,00,000 एकड़ किया जाएगा. इससे उन किसानों को लाभ मिलेगा जो ऐसी भूमि पर खेती करते हैं.
“मेरा पानी मेरी विरासत योजना” के तहत धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को अनुदान राशि 7,000 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 8,000 रुपये प्रति एकड़ करने का प्रस्ताव किया गया है. इसके साथ ही, धान की सीधी बुआई के लिए अनुदान राशि 4,000 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 4,500 रुपये प्रति एकड़ की जाएगी.
प्रदेश के सभी 22 जिलों में बागवानी मिशन को लागू किया जाएगा. इसके तहत 400 बागवानी क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे. इस मिशन के तहत जापान सरकार की सहायता से अगले 9 वर्षों में 2738 रुपये करोड़ की लागत से नया सतत बागवानी प्रोजेक्ट शुरू होगा.
2025-26 में अम्बाला, यमुनानगर और हिसार में क्रमशः लीची, स्ट्राबेरी और खजूर के लिए तीन नए उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किए जाएंगे.
गुरुग्राम में फूलों की खरीद और बिक्री के लिए एक फूल मंडी स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है, जिससे इस क्षेत्र को और अधिक संगठित किया जाएगा.
गौ-सेवा आयोग के तहत 1,000 से अधिक पशुओं वाली गौशालाओं को ई-रिक्शा देने का प्रस्ताव है. साथ ही, 51 शैड बनाने के लिए 5 करोड़ रुपये की राशि अनुदान के रूप में दी जाएगी. मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में 70 करोड़ रुपये की आवंटन राशि सहकारी दूध उत्पादकों को दी जाएगी, जिससे प्रदेश में दूध उत्पादक किसानों को लाभ होगा.
दक्षिण हरियाणा में सहकारी क्षेत्र की सबसे बड़ी आधुनिक सरसों तेल मिल और कुरुक्षेत्र में सूरजमुखी के तेल की मिल स्थापित की जाएगी. ये दोनों मिलें पीपीपी मोड के तहत स्थापित होंगी. निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हिसार एयरपोर्ट में एयर कार्गो के लिए एक गोदाम स्थापित किया जाएगा. इसके अलावा, 2025-26 में 3 लाख मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम और यमुनानगर में 1 लाख टन क्षमता का सायलो बनाया जाएगा.
हरियाणा का यह बजट कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार लेकर आया है. किसानों के लिए न केवल वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, बल्कि उन्हें आधुनिक तकनीकों और संसाधनों का भी लाभ मिल रहा है. इन योजनाओं से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि प्रदेश की कृषि और बागवानी की दिशा में भी एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है.
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