
खनौरी में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और टेंटों में रहने वाले किसानों ने खनौरी में एक नया गांव बसाया है, जिसमें पंजाब के अलग-अलग क्षेत्रों से सैकड़ों ट्रैक्टर और हजारों किसान डल्लेवाल को देखने और उनका समर्थन करने के लिए आ रहे हैं. यहां किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसानों का समूह 13 मांगों को पूरा करने के लिए विरोध कर रहे हैं, जिसमें एमएसपी को वैध बनाना और उस पर नया कानून बनाना शामिल है. इसके लिए किसान नेता जगजीत डल्लेवाल आमरण अनशन पर हैं. वे पिछले 28 दिनों में अनशन पर हैं, जबकि खनौरी में किसानों की संख्या भी पिछले 7 दिनों में बढ़ी है.
डल्लेवाल के स्वास्थ्य के बारे में डॉक्टर्स का कहना है, “हमने डल्लेवाल की जांच की, उनका नर्वस सिस्टम प्रभावित है, ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव है, शरीर में प्रोटीन और तरल पदार्थ की कमी है, लीवर और कुछ अंग कम और खराब तरीके से काम कर रहे हैं. उनकी स्थिति गंभीर है और कभी भी डल्लेवाल को दिल का दौरा पड़ सकता है.”
किसानों ने आरोप लगाया कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि डल्लेवाल और उनकी मेडिकल स्थिति सामान्य है, जो सही नहीं है, जबकि हमारे पास जो रिपोर्ट है, उसमें कहा गया है कि शरीर में 'कीटोन' 6.90 है जो सामान्य मानव शरीर से 25 परसेंट अधिक है. किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा, चेकअप के ये रिजल्ट क्यों नहीं दिखाए गए हैं.
खनौरी बॉर्डर पर टिके किसानों ने चेतावनी दी कि अगर डल्लेवाल को यहां से हटाया गया तो दोनों तरफ खून-खराबा होगा और तनावपूर्ण स्थिति के लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा. हम प्रशासन और पुलिस को चेतावनी देना चाहते हैं और डल्लेवाल की तरफ से यही संदेश है, क्योंकि वह प्रशासन से समझौता करके राजनीतिक मौत नहीं मरना चाहते. यह बात रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता सुरजीत सिंह फूल ने कही.
संसदीय समिति की रिपोर्ट में एमएसपी के लिए एक आयोग की सिफारिश की गई है. समिति में बीजेपी से भी 30 सदस्य थे और उन्होंने पूर्व सीएम और अब सांसद चरणजीत चन्नी की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर अपनी सहमति दी है.
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा, "चन्नी ने संसदीय समिति की जो रिपोर्ट दी है, उसमें एमएसपी पर कई पॉइंट्स हैं. इसमें प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की बात भी शामिल है, जिन्हें ठीक किया जाना चाहिए. किसानों की आय अभी भी खर्च से कम है. किसानों और कृषि क्षेत्र के बजट का पूरा उपयोग नहीं किया जाता है और उसे कृषि और वित्त विभाग को वापस लौटा दिया जाता है. चन्नी (संसद समिति) की रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है."
किसानों ने 24 तारीख को कॉलेज, स्कूल, यूनिवर्सिटी और पंजाब को छोड़कर जिला स्तर पर कैंडल मार्च निकालने का राष्ट्रव्यापी आह्वान किया है क्योंकि पंजाब में ‘शहीदी दिवस’ है और 26 तारीख को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक उपवास रखने का आह्वान किया है (पंजाब को छोड़कर).
पिछले 28 दिनों से जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर बैठे हैं और यह आंदोलन इस साल 13 फरवरी से सरवन सिंह पंधेर (खेत मजदूर संघर्ष) के किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम-गैर राजनीतिक के बैनर तले पंजाब हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहा है. पिछले हफ्ते से डल्लेवाल की तबीयत खराब होने के कारण खनौरी धरना स्थल पर किसानों और ट्रैक्टर ट्रॉलियों की संख्या बढ़ गई है, अब सैकड़ों ट्रैक्टर ट्रॉलियां और हजारों किसान हैं.
अपना समर्थन जताने के लिए शिरोमणि अकाली दल, कांग्रेस और AAP के नेताओं ने डल्लेवाल से मुलाकात की और गायकों से लेकर धार्मिक हस्तियों तक सभी प्रमुख लोग पिछले कुछ दिनों में खनौरी पहुंचे हैं. इस पर बीजेपी मंत्री रवनीत बिट्टू ने टिप्पणी की, "नेता अपनी फोटो खिंचवाने के लिए डल्लेवाल के पास जा रहे हैं. अगर कांग्रेस या AAP नेताओं में जरा भी स्वाभिमान होता तो वे खुद भूख हड़ताल पर बैठ जाते. आप ने पंजाब में 23 फसलों के लिए एमएसपी का वादा किया था, लेकिन यह पूरा नहीं हुआ. दिल्ली में किसान आंदोलन के समय मैं भी धरने पर बैठा था, लेकिन संसद में एक भी कांग्रेस सांसद ने किसानों के बारे में बात नहीं की." रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा.
पिछले 15 दिनों में पंजाब हरियाणा के अलावा बीजेपी के कई नेता डल्लेवाल का दौरा कर अपना समर्थन जता चुके हैं. हाल ही में पूर्व सीएम चरणजीत चन्नी ने कहा कि "अगर जरूरत पड़ी तो राहुल गांधी भी डल्लेवाल से मिलने आएंगे." अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 2 जनवरी 2025 को है. डल्लेवाल की सेहत को लेकर चिंता है, क्योंकि अगर कुछ हुआ तो आंदोलन उग्र हो सकता है. यही वजह है कि पंजाब के अधिकारियों ने डल्लेवाल को खनौरी से किसी भी तरह के रेस्क्यू करने या शिफ्ट करने से इनकार कर दिया है.(अमन भारद्वाज की रिपोर्ट)
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