किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि केंद्र सरकार के साथ तीसरी बैठक होने के बाद अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच पर निकलेगा. पंधेर ने कहा कि दूसरे दौर में दो मीटिंग केंद्र के साथ हो चुकी है और तीसरी मीटिंग 19 मार्च को होगी. पहले के एलान के मुताबिक 25 फरवरी को 101 किसानों का जत्था दिल्ली जाना था. अब वह जत्था 25 मार्च को जाएगा.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार के साथ मीटिंग के बाद अगर हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो 25 मार्च को जत्था रवाना होगा. उन्होंने कहा कि 8 मार्च को महिला दिवस है और दिली में महिला किसानों की बड़ी तादाद इकट्ठी हो रही है. इन किसानों के साथ महिला दिवस मनाया जाएगा. इस दिवस के जरिये सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की जाएगी. आज पंजाब सरकार का इजलास होने जा रहा है. पंजाब सरकार हमारी 12 मांगें विधानसभा में पास करके केंद्र को भेजे. खेती को निजी हाथों में दिए जाने वाले फैसले को वापस लेना चाहिए.
पंधेर ने विपक्ष के नेताओं से अपील की कि किसानों की मांगों को लेकर केंद्र के खिलाफ खड़े हों और पंजाब के लोग चाहते हैं कि नशे के मुद्दे पर भी विधानसभा में चर्चा हो. उन्होंने कहा कि विदेश गए नौजवानों को डिपोर्ट मामले में सरकार पहल करे और ट्रेवल एजेंट पर पंजाब सरकार सख्त कानून लेकर आए.
उन्होंने कहा कि देश में भारतमाला योजना के तहत किसानों की जमीन ली जा रही है पर किसानों को सही मूल्य नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज गुरदासपुर में जबरदस्ती किसानों की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है. पंजाब सरकार इस तरफ ध्यान दे. अभी वह केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. अगर पंजाब सरकार ने किसानों का साथ न दिया तो वह मान सरकार के खिलाफ भी प्रदर्शन करेंगे.
इससे पहले 22 फरवरी को चंडीगढ़ में किसानों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई थी. यह बैठक अच्छे माहौल में हुई जिसकी तारीफ किसान और सरकार के प्रतिनिधियों ने की. मीटिंग के बाद किसान नेता सुखजीत सिंह हरदोझंडे ने कहा, केंद्रीय मंत्रियों के साथ तीन घंटे तक बैठक चली और मुख्य फोकस एमएसपी की कानूनी गारंटी पर रहा. हमने इस बात पर जोर दिया कि सरकार किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी क्यों नहीं दे सकती.
सुखजीत सिंह ने कहा, केंद्रीय मंत्रियों ने हमारी बात सुनी और कहा कि वे 19 मार्च को अगली बैठक में इस पर जवाब देंगे. हमें सकारात्मक रिजल्ट आने की उम्मीद है, लेकिन मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा. आगे बैठक होगी, जिसमें तय किया जाएगा कि किसान 25 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करेंगे या नहीं. हालांकि उनके इस बयान के बाद सरवन सिंह पंढेर ने साफ कर दिया कि 25 फरवरी के मार्च को टाल दिया गया है और अब जत्था 25 मार्च को रवाना होगा.
22 फरवरी की मीटिंग संपन्न होने के बाद किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा, बैठक बहुत ही सौहार्द्रपूर्ण माहौल में हुई और बातचीत एमएसपी गारंटी के इर्द-गिर्द केंद्रित रही. हमने सरकार से कहा है कि एमएसपी की कानूनी गारंटी देने के लिए सालाना 25 से 30 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी. अब सरकार हमारे दिए गए आंकड़ों का अध्ययन करेगी और अगली बैठक 19 मार्च को होगी. मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा. केंद्रीय मंत्रियों ने जगजीत डल्लेवाल से भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की, लेकिन डल्लेवाल ने कहा कि एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग पूरी होने तक यह जारी रहेगा.
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