किसान विरोध प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एक्शन पर किसान नेता और पुलिस आमने सामने है. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के मुखिया जगजीत सिंह दल्लेवाल ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अत्याचार करने पर हरियाणा पुलिस को दोषी ठहराया है. शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दल्लेवाल ने कहा कि हरियाणा पुलिसकर्मियों ने कुछ लोगों को भेजकर प्रदर्शन में बाधा डाली. इसके बाद हरियाणा पुलिस की तरफ से कुछ वीडियोज जारी कर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दावे पर सवाल भी उठाए गए हैं.
जगजीत सिंह दल्लेवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि किसानों की आवाज को दबाने के लिए पुलिस की तरफ से मोर्टार फायरिंग की जा रही है. साथ ही उन्होंने किसानों से संयम बरतने की अपील भी की है. उनका कहना था, 'जो ये गोलीबारी हो रही है हम भी थोड़ा संयम बनाके रखें. उनको मौका ना दें ताकि वो हमारे ऊपर किसी भी तरह का हमला कर पाएं. कल हमने बड़े जोर के साथ ये बात रखी वहां पर कि देखिए मोर्टार के साथ किसानों पर हमला किया जा रहा है.' दल्लेवाल के मुताबिक मोर्टार कोई साधारण हथियार नहीं हैं. उसे दरवाजे तोड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है और इतना खतरनाक हथियार है अगर किसानों के ऊपर आकर गिरेगा तो भारी नुकसान होगा.
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दल्लेवाल ने हरियाणा पुलिस की तरफ से जारी वीडियोज का भी जिक्र किया. दल्लेवाल ने कहा, 'आज उन्होंने एक विडियो जारी किया है जिसमें उन्होंने अपने गुनाह को उसमें छुपाने का प्रयास किया है. कहीं से यह विडियो ली गई है और अब उसको सामने लाया गया है. इसके जरिए बताया जा रहा है कि देखिए प्रदर्शनकारी हमको उकसा रहे हैं' दल्लेवाल ने आगे कहा, 'मैं इधर से भी सभी हमारे युवाओं को निवेदन करना चाहता हूं कि कोई भी ऐसा मौका उनके हाथ ना दें कि वो आपका नुकसान कर सकें.'
दल्लेवाल ने खुलासा किया कि एक मोबाइल उनके हाथ लगा है जिसमें कुछ कॉल्स आ रही हैं. ये कॉल्स पुलिस अधिकारियों की थीं. इसका मतलब साफ है कि जिस व्यक्ति के पास से यह फोन बरामद हुआ है, वह पुलिस का ही कोई करीबी है. उन्होंने दावा किया कि इस व्यक्ति को हरियाणा पुलिस की तरफ से भेजा गया था. दल्लेवाल ने कहा, 'जिस शख्स के बारे में हमनें बताया उसकी जांच के आदेश हो चुके हैं.'
दल्लेवाल के मुताबिक ये जो भी घटनाएं हो रही हैं, उन्हें दूसरी तरफ से आए लोगों की तरफ से अंजाम दिया जा रहा है. उनका कहना था कि कुछ लोग उधर से आकर उनके कैंप के लोगों को भड़का रहे हैं और उन्हें अपने कैंप में मिला रहे हैं. दल्लेवाल की मानें तो किसान, नौजवान और युवा अनुभवी नहीं हैं और वो भटक जाते हैं. ऐसे में इस बात का भी ध्यान रखना है कि वो किसी के बहकावे में ना आएं.
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