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Farmers Protest: शंभू बॉर्डर पर दिल का दौरा पड़ने से 63 साल के किसान की मौत, आंदोलन में था शामिल

Farmers Protest: शंभू बॉर्डर पर दिल का दौरा पड़ने से 63 साल के किसान की मौत, आंदोलन में था शामिल

पंजाब के गुरदासपुर जिले के रहने वाले ज्ञान सिंह दो दिन पहले किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च में भाग लेने के लिए शंभू बॉर्डर पर आए थे, जिसका मकसद फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित उनकी मांगों को स्वीकार करने के लिए सरकार पर दबाव डालना है.

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शंभू बॉर्डर पर दिल का दौरा पड़ने से 63 साल के किसान की मौत शंभू बॉर्डर पर दिल का दौरा पड़ने से 63 साल के किसान की मौत

हरियाणा के अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों में से एक 63 वर्षीय किसान की शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई. इस बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पंजाब के किसानों का जमावड़ा लगा है जो अपने आंदोलन को लेकर दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं. इन्हीं किसानों में यह बुजुर्ग किसान भी शामिल था जिसकी मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हो गई.

किसान का नाम ज्ञान सिंह था. ज्ञान सिंह ने सुबह सीने में दर्द की शिकायत की और उन्हें पंजाब के राजपुरा के सिविल अस्पताल ले जाया गया. अधिकारियों ने बताया कि वहां से उन्हें पटियाला के राजिंदरा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

आंदोलन में भाग लेने आए थे किसान

पंजाब के गुरदासपुर जिले के रहने वाले ज्ञान सिंह दो दिन पहले किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च में भाग लेने के लिए शंभू बॉर्डर पर आए थे, जिसका मकसद फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित उनकी मांगों को स्वीकार करने के लिए सरकार पर दबाव डालना है. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने मार्च का आह्वान किया है.

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बेनतीजा रही तीसरे दौर की बातचीत 

किसानों ने मंगलवार को मार्च शुरू किया और तब से किसान पंजाब और हरियाणा की शंभू और खनौरी सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. किसान यूनियन नेताओं और सरकार के बीच गुरुवार को तीसरे दौर की बातचीत बेनतीजा रही. अगले दौर की बातचीत रविवार को होगी.

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने शुक्रवार को भारत बंद का आह्वान किया है. एसकेएम ने सभी समान विचारधारा वाले समूहों से उसके बंद के आह्वान का समर्थन करने की अपील की है. कई कर्मचारी संगठनों और अन्य संगठनों ने बंद को समर्थन दिया है.

इन मांगों को लेकर हो रहा आंदोलन

एमएसपी की कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 के पीड़ितों के लिए "न्याय" की मांग कर रहे हैं. लखीमपुर खीरी हिंसा, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग है.