विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 24 जुलाई को उन किसान नेताओं से मुलाकात करेंगे जिनके नेतृत्व में शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर 161 दिन से किसान आंदोलन चल रहा है. यह आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा की लीडरशिप में चल रहा है. आंदोलनकारी किसान स्वामीनाथन फार्मूले (C2+50%) से फसल उत्पादन लागत की गणना करने और सभी फसलों की एमएसपी की लीगल गारंटी देने की मांग कर रहे हैं. बहरहाल, राहुल गांधी बुधवार दोपहर 12 बजे किसान नेताओं से मुलाकात करके पूरा मामला समझेंगे. अभी मिलने की जगह तय नहीं हुई है. किसान नेता चाहते हैं कि राहुल गांधी किसानों के मुद्दे को जोरदार तरीके से संसद में उठाएं. साथ ही विपक्ष एमएसपी की लीगल गारंटी के मुद्दे पर प्राइवेट मेंबर बिल लाए.
राहुल गांधी पहले 22 जुलाई, सोमवार को ही किसानों से मुलाकात करने वाले थे, लेकिन यह मुलाकात किसी कारणवश संभव नहीं हो सकी. किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने इस बात की पुष्टि की है कि बुधवार को उन लोगों की राहुल गांधी से मुलाकात होगी. सोमवार को दिल्ली में आंदोलनकारी किसानों को राष्ट्रीय सम्मेलन था, जिसमें जानेमाने कृषि अर्थशास्त्री सोमपाल शास्त्री और देविंदर शर्मा ने किसानों को एमएसपी की लीगल गारंटी को लेकर टिप्स दिए थे. सोमपाल शास्त्री वाजपेयी सरकार में कृषि मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने किसानों को अपना पूरा समर्थन दिया है.
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फसलों के सही दाम की मांग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को तृणमूल कांग्रेस पहले ही अपना समर्थन दे चुकी है. पार्टी के कुछ सांसद खुद शंभू बॉर्डर पर पहुंचे थे और वहां किसान नेताओं से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बात करवाई थी. उधर, सोमवार को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में हुए किसान सम्मेलन के बाद विपक्ष के 12 सांसदों ने आंदोलनकारी किसान नेताओं से मुलाकात करके उन्हें अपना पूरा समर्थन देने का वादा किया था.
इनमें पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और लुधियाना से सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, शिरोमणि अकाली दल की नेत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, कैराना लोक सभा से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन, कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा, आम आदमी पार्टी के सांसद मालविंदर सिंह कंग, आम आदमी पार्टी के सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी और पंजाब से कांग्रेस सांसद डॉ. अमर सिंह शामिल हैं.
किसानों को समर्थन देने हरियाणा के अंबाला से कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी, हिसार से कांग्रेस सांसद जयप्रकाश जेपी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद अरविंद सावंत, भारत आदिवासी पार्टी के संस्थापक और सांसद राजकुमार रोत, जम्मू और कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के सांसद आगा सैयद रुहुल्लाह मेहदी भी पहुंचे थे.
बुधवार 24 जुलाई को जहां किसान नेताओं की राहुल गांधी से मुलाकात होने वाली है वहीं सुप्रीम कोर्ट में शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर सुनवाई भी है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बीती 10 जुलाई को राज्य सरकार को आदेश दिया था कि शंभू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग हटाकर हाईवे को आवागमन के लिए खोल दिया जाए. हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए सात लेयर की बैरिकेडिंग लगाई हुई है.
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) दायर की है. जिस पर 22 जुलाई को सुनवाई होनी थी, लेकिन वह टल गई. अब 24 को सुनवाई है. किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब-हरियाणा बॉर्डर खुलते ही हम दिल्ली के लिए निकल जाएंगे.
इससे पहले राहुल गांधी ने इस साल फरवरी में जब किसान विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हुई थी तो पुलिस कार्रवाई में घायल हुए एक किसान से गुरमीत सिंह से फोन पर बात की थी. साथ ही उन्होंने तब मोदी सरकार पर देश के अन्नदाताओं के लिए 'तानाशाही रवैया' अपनाने का आरोप लगाया था. राहुल ने तब यह भी कहा था कि अगर कांग्रेस लोकसभा चुनाव जीतती है और केंद्र में सरकार बनाती है तो वह किसानों को स्वामीनाथन आयोग के अनुसार फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी देगी.
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