Haridwar: टोल प्लाजा पर तीसरे दिन भी जारी रहा किसानों का धरना, 28 अगस्त को होगी पंचायत

Haridwar: टोल प्लाजा पर तीसरे दिन भी जारी रहा किसानों का धरना, 28 अगस्त को होगी पंचायत

भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) का बहादराबाद टोल प्लाजा पर चल रहा धरना आज तीसरे दिन भी जारी रहा. धरनास्थल पर किसानों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था भी की गई है. वहीं संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने घोषणा की है कि 28 अगस्त को यहां एक बड़ी पंचायत आयोजित की जाएगी.उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने इस किसान आंदोलन को दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया है.

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Haridwar: टोल प्लाजा पर तीसरे दिन भी जारी रहा किसानों का धरना, 28 अगस्त को होगी पंचायत Farmer Protest: हरिद्वार में जारी किसानों का प्रदर्शन

भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) का बहादराबाद टोल प्लाजा पर चल रहा धरना आज तीसरे दिन भी जारी रहा. धरनास्थल पर किसानों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था भी की गई है. वहीं संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने घोषणा की है कि 28 अगस्त को यहां एक बड़ी पंचायत आयोजित की जाएगी. 21 अगस्त को जब भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता देहरादून कूच करने के लिए बहादराबाद टोल प्लाजा से गुजर रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें रोक लिया था. इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच टकराव हुआ और हालात लाठीचार्ज तक पहुंच गए. इसी घटना के बाद किसानों ने टोल प्लाजा पर ही अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया था, जो अब लगातार तीसरे दिन तक पहुंच चुका है. 

वन मंत्री ने जताई नाराजगी

उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने किसान आंदोलन को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि, 'दुर्भाग्य से आज का किसान आंदोलन किसानों के वास्तविक हित से ज्यादा राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए किया जा रहा है. अगर आंदोलन सच में किसानों के फायदे के लिए होता तो देश की 75 फीसदी आबादी, जो कृषि पर निर्भर है, उसका लाभ मिलता. मेरा मानना है कि ऐसे आंदोलनों को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए.' सुबोध उनियाल ने स्मार्ट मीटर के मुद्दे पर भी अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी और पावर लॉसेस पर रोक लगेगी. साथ ही प्रीपेड सिस्टम से लोग बिजली की अनावश्यक खपत से बचेंगे, जिससे उपभोक्ताओं की जेब पर भी बोझ कम होगा. 

समाधान की भी उम्मीद

रानीपुर विधायक आदेश चौहान ने कहा कि यह पूरा मामला सरकार और प्रशासन दोनों के संज्ञान में है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं. चौहान का कहना है कि, -मुझे पूरा विश्वास है कि एक-दो दिन के भीतर इस समस्या का कोई ठोस समाधान सरकार द्वारा निकाल लिया जाएगा.' किसान यूनियन के नेता टिकैत ने साफ कहा है कि यदि उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं होती तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा. वहीं 28 अगस्त को बुलाई गई पंचायत आंदोलन की दिशा तय करेगी.  

क्‍या हैं इनकी मांगे 

  • भारतीय किसान यूनियन की मांग है ,कि 10 वर्षों में फसलों में लगभग 8 से 10 फीसदी तक इजाफा हुआ है.  
  • मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सिंचाई शुल्क फ्री नहीं हुआ है. 
  • किसानों को घरेलू व ट्यूबवेल की बिजली एक रुपए प्रति यूनिट हो जाए व स्मार्ट मीटर नहीं लगने देंगे. 
  • विधायकों की सत्र में 1 लाख 80 हजार / माह वेतन बढ़ाया गया घोर अनर्थ है. 
  • किसान यूनियन गन्‍ने की कीमत पहले की तरह हरियाणा और पंजाब से ज्‍यादा है है जो 500 रुपये क्विंटल होना चाहिए,
  • किसानों की मांगे हैं कि 6 और 15 साल के पुराने वाहनों का नियम वापस हो. 

(मुदित अग्रवाल की रिपोर्ट)

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