भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू अंबावता) ने केंद्र सरकार से कीटनाशकों पर लिए गए फैसलों पर फिर से विचार करने की अपील की है. संगठन की तरफ से बताया गया है कि MIP पॉलिसी की तरफ से कीटनाशक Glufosinate के खरीद मूल्य में 40 फीसदी से ज्यादा का इजाफा किया गया है. इससे जुड़ा एक नोटिफिकेशन भी सरकार की तरफ से जारी किया गया है. संगठन की तरफ से कहा गया है कि वह इस बाबत सरकार के सामने एक मांग पत्र पेश करने जा रहे हैं.
बीकेयू अंबावता के ऋषिपालअंबावत ने सरकार से मांग की है कि जो नोटिफिकेशन सरकार की तरफ से जारी किया गया है, उसे वापस लिया जाए ताकि किसानों पर लागत का ज्यादा बोझ न पड़े. बीकेयू अंबावता का कहना है कि यह नोटिफिकेशन सरकार की तरफ से हिंदुस्तानी निर्माता कंपनी के हित में आपसी मिलीभगत से निकाला गया है. इसकी कोई वैधता नहीं है और साथ ही इसकी वजह से किसानों पर लागत का बोझ बड़ेगा. संगठन की मानें तो इसी तरह से दूसरा नोटिफिकेशन बाकी कीटनाशक Glyphosate के छिड़काव के संबंध में निकाला है. इसका डिस्ट्रीब्यूशन पेस्ट कंट्रोल ऑपरेटर (PCOs) के जरिये से किया जाएगा.
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संगठन की मानें तो इस फैसले से किसानों पर कीटनाशकों की लागत का बोझ और बढ़ जाएगा. साथ ही वह सही समय पर इसका प्रयोग नहीं कर पाएंगे. ऐसे में सरकार से मांग की जाएगी कि इसे तुरंत ही वापस लिया जाए. बीकेयू के अनुसार ऐसा लगता है कि ऐसा लगता है कि देश की बड़ी कंपनियां मिलकर अपना हित साध रही हैं और किसानों की बर्बादी की राह देख रहीहै. संगठन की तरफ से यह भी साफ किया गया है कि सरकार और अफसरों की मिलीभगत से बाजार में कंपनी और दुकानदार घटिया और नकली कीटनाशक बेच रहे हैं. अनपढ़ किसान के पास कोई व्यवस्था नहीं है कि वे इसकी शुद्धता की जांच कर सके.
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बीकेयू ने इसे किसानों को ठगने का वह तरीका बताया है जिससे उनकी खेती को लगातार नुकसान पहुंच रहा है. इसका नतीजा है कि किसान भारी नुकसान और कर्ज में डूबते जा रहे हैं. संगठन ने सरकार से मांग की है कि इन मसलों पर तुरंत कार्रवाही की जाए और किसानों को बचाया जाए. संगठन सरकार को इस बाबत एक ज्ञापन सौंपने के लिए कृषि भवन भी. साथ ही धमकी दी गई है कि अगर सरकार ने इस पर कोई सही एक्शन नहीं लिया तो फिर किसान आंदोलन किए लिए मजबूर होंगे.
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इसके अलावा संगठन ने सरकार से अपनी पुरानी मांग को दोहराया है जिसके तहत MSP की गारंटी मांगी गई है साथ ही MSP पर सरकारी खरीद शुरू करने की मांग की गई है. साथ ही भारतीय किसान संघ यूनियन ने कहा है कि किसानों के हित में बुजुर्ग किसानों को पेंशन योजना के तहत 5000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएं.
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