Trump Tariff: ट्रंप ने भारत को फिर दी टैरिफ वाली धमकी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को टैरिफ की धमकी दी है. ट्रंप ने मंगलवार को कहा है कि अगर दोनों देश जल्द ही व्यापार समझौते को अंतिम रूप नहीं दे पाते हैं, तो भारतीय आयातों पर 25 फीसदी तक का टैरिफ लग सकता है. खास बात है कि यह धमकी तब आई जब 24 जुलाई को भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) साइन हुआ है और ट्रंप यूके के दौरे से लौटे हैं.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने एयरफोर्स वन पर मीडिया से कहा, 'वो 25 फीसदी टैरिफ अदा करेंगे.' अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से पूछा गया था, 'क्या भारत पर 20 से 25 फीसदी तक का टैरिफ लगेगा? इस पर ट्रंप का जवाब था, ' हां, मुझे ऐसा लगता है.' ट्रंप के शब्दों में, 'भारत एक अच्छा मित्र रहा है लेकिन वो काफी ज्यादा टैरिफ चार्ज करते हैं.' ट्रंप ने इसके साथ ही साफ कर दिया कि भारत को अगर अमेरिकी बाजार में एंट्री चाहिए तो उसे भारी टैरिफ अदा करना पड़ सकता है.
ट्रंप के अनुसार दोनों देशों के बीच डील अभी फाइनल नहीं हुई और बातचीत जारी है. वर्तमान समय में भारत पर टैरिफ की दर 10 फीसदी है जिसे अप्रैल में कुछ समय के लिए रोका गया था. अमेरिकी राष्ट्रपति पहले ही 26 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ की चेतावनी दे चुके हैं. अगर दोनों देशों के बीच ट्रेड डील नहीं हुई तो फिर 1 अगस्त से भारत पर भी भारी शुल्क लग सकता है. 2024 में अमेरिका का भारत के साथ व्यापार घाटा 45.7 अरब डॉलर का रहा है.
भारत से अमेरिका दवाइयां, कपड़े और सोना बड़ी तादाद में खरीदता है. पिछले दिनों खबरें आई थीं कि अमेरिका के अधिकारी अगस्त मध्य में फिर आएंगे भारत, बातचीत आगे बढ़ेगी. माना जा रहा है कि सरकार का ने डील को फाइनल करने के लिए सितंबर से अक्टूबर तक की समयसीमा का लक्ष्य रखा है. लेकिन अड़चनें अभी भी वही हैं: कृषि, डेयरी और जीएम फूड और भारत की तरफ से साफ किया जा चुका है कि ये मसले उसके लिए संवेदनशील हैं.
जीएम यानी जेनेटिकली मोडिफाइड फसलों पर भारत का रुख कड़ा है और उसने साफ कर दिया है कि वह अपनी जीएम आयात नीति पर कायम रहेगा. ऐसे में उसके लिए मक्का और सोयाबीन का आयात करना संभव नहीं है. भारत में जीएम अनाज, दालें, तिलहन, फल और इसी तरह के खाद्य/चारा उत्पादों के आयात की अनुमति नहीं है. साल 2021 से, ऐसी 20 से ज्यादा उत्पाद श्रेणियों के लिए गैर-जीएमओ सर्टिफिकेशन अनिवार्य है जिसमें आकस्मिक उपस्थिति के लिए 1 प्रतिशत सहनशीलता स्तर शामिल है.
वहीं पिछले दिनों वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका की डील पर बड़ा अपडेट दिया था. उन्होंने कहा था कि अमेरिका के साथ ही नहीं बल्कि ओमान और यूरोपियन यूनियन के देशों के साथ भी ट्रेड डील पर वार्ता जारी है. उन्होंने इस बात पर पर भी जोर दिया कि हर ट्रेड डील या एफटीए की अपनी गतिशीलता होती है और तमाम देशों के साथ ये तेजी से आगे बढ़ रही है. माना जा रहा है कि कहीं न कहीं गोयल यह बात साफ कर देना चाहते हैं भारत, अमेरिका के साथ ट्रेड डील के लिए उतावला नहीं हो रहा है.
आधिकारिक सूत्रों ने संकेत दिया है कि अमेरिका के साथ टैरिफ को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. अब बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी अधिकारियों का एक दल अगले महीने यानी अगस्त के मध्य में भारत आने वाला है. गोयल ने भी कहा है कि सरकार अब विकसित देशों और उन देशों के साथ व्यापार समझौतों पर फोकस कर रही है, जो भारत के लिए खतरा नहीं हैं, बल्कि जिनकी वस्तुएं और सर्विसेज हमारे प्रोडक्ट्स और सेवाओं के पूरक हैं.
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