Maharashtra Farmer Crisis: कौन हैं बच्चू कडू? इनके साथ हाईवे पर धरना देने बैठे हजारों किसान, महाराष्ट्र में छिड़ा महासंग्राम Maharashtra Farmer Crisis: कौन हैं बच्चू कडू? इनके साथ हाईवे पर धरना देने बैठे हजारों किसान, महाराष्ट्र में छिड़ा महासंग्राम
प्रहार जनशक्ति पार्टी के संस्थापक बच्चू कडू अपने आक्रामक अंदाज, किसानों और दिव्यांगों के मुद्दों के लिए जाने जाते हैं, लेकिन नासिक में दिए हालिया विवादित बयान ने राजनीति में हलचल फिर छेड़ दी है. उन्होंने खुलेआम सरकार को चुनौती दी है.
प्रहार जनशक्ति पार्टी के संस्थापक बच्चू कडूकिसान तक - New Delhi ,
- Oct 30, 2025,
- Updated Oct 30, 2025, 11:33 AM IST
ओमप्रकाश बाबाराव कडू, जिन्हें आमतौर पर बच्चू कडू के नाम से जाना जाता है, महाराष्ट्र की राजनीति में एक ऐसा नाम हैं जो हमेशा किसी न किसी कारण से सुर्खियों में रहते हैं. किसानों और दिव्यांगों के हक के लिए सड़क से लेकर विधानसभा तक आवाज उठाने वाले कडू को लोग “फायरब्रांड नेता” के तौर पर जानते हैं. आइए उनके बारे में डिटेल में जानते हैं-
- बच्चू कडू प्रहार जनशक्ति पार्टी (PHJSP) के संस्थापक और प्रमुख हैं. इस पार्टी की स्थापना 1999 के आसपास किसानों के विकास और सामाजिक न्याय की विचारधारा के साथ की गई थी. उन्होंने अचलपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है और 2004 से 2019 तक लगातार चार बार विधायक चुने गए हैं.
- कडू ने दिसंबर 2019 से जून 2022 तक महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार में राज्य मंत्री के रूप में काम किया. बाद में, वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कैबिनेट मंत्री बने और महाराष्ट्र के दिव्यांग कल्याण मंत्रालय का कार्यभार संभाला. उन्हें अकोला जिले का पालक मंत्री भी नियुक्त किया गया था.
- हालांकि, उनकी पहचान केवल उनके काम से नहीं, बल्कि विवादों से भी जुड़ी रही है. चुनावी हलफनामे में दी गई जानाकरी के अनुसार, उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें दंगा, हमला जैसी धाराएं शामिल हैं.
- हाल ही में, नासिक (अक्टूबर 2025) में दिए गए एक भाषण के दौरान बच्चू कडू ने किसानों से कहा कि “आत्महत्या करने के बजाय किसी विधायक को मारो.” इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में तूफान मचा दिया और उन पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया.
- यह पहली बार नहीं है जब कडू विवादों में घिरे हों. 2016 में उन्हें मंत्रालय (राज्य सचिवालय) में एक क्लर्क के साथ विवाद के बाद हमले के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले 2009 में भी उन पर मंत्रालय के एक क्लर्क पर हमला करने का आरोप लगा था.
- अपनी सीधी और तीखी राजनीतिक शैली के लिए मशहूर बच्चू कडू आज भी महाराष्ट्र की राजनीति में एक ऐसे नेता हैं जो या तो समर्थन पाते हैं, या तीखी आलोचना.
नागपुर आंदोलन में अब तक क्या हुआ
- बच्चू कडू के नेतृत्व में बुधवार को नागपुर में किसानों का गुस्सा फूट पड़ा. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर के सामने आंदोलन की चेतावनी के बाद हजारों किसानों ने नागपुर-वर्धा हाईवे पर रास्ता रोको आंदोलन शुरू कर दिया.
- सुबह से ही नागपुर के कई इलाकों में किसानों ने सड़कों पर उतरकर जाम लगा दिया. जगह-जगह ट्रैक्टर और वाहनों की कतारें लग गईं. पूरे नागपुर शहर से लेकर हाईवे तक यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई.
- किसानों की मांग थी कि राज्य सरकार तुरंत और बिना शर्त कर्जमाफी की घोषणा करे, अन्यथा वे मुख्यमंत्री आवास तक पदयात्रा करेंगे. प्रशासन की निष्क्रियता से नाराज किसानों ने कई जगहों पर जाम को और सख्त कर दिया.
- शाम होते-होते स्थिति बिगड़ने लगी. सुओ मोटो (स्वप्रेरणा से) न्यायालय ने इस मामले में दखल देते हुए पुलिस को निर्देश दिया कि आंदोलनकारियों से रास्ता खाली कराया जाए. इसके बाद पुलिस ने बातचीत शुरू की, लेकिन किसान गिरफ्तारी देने पर अड़ गए.
- इसी दौरान राज्य के दो मंत्री मौके पर पहुंचे और बच्चू कडू समेत किसान नेताओं से वार्ता की. लंबी चर्चा के बाद आंदोलन को फिलहाल स्थगित करने का फैसला लिया गया. मंत्रियों ने आश्वासन दिया कि किसानों की सभी मांगों पर मुंबई में मुख्यमंत्री फडणवीस के साथ बैठक कर निर्णय लिया जाएगा.
- हालांकि, आंदोलन के असर से नागपुर की यातायात व्यवस्था अभी भी पूरी तरह सामान्य नहीं हो सकी है. 30 घंटे बीत जाने के बाद भी जबलपुर से बेंगलुरु जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-7 पर रात 12:00 बजे तक ट्रैफिक धीमी गति से चल रहा था. ट्रकों की लंबी कतारें अब भी कई किलोमीटर तक फैली हुई हैं.(अकोला से धनंजय साबले के इनपुट के साथ)