पीयूष गोयल के बयान से किसानों को मिल सकती है थोड़ी तसल्लीभारत और अमेरिका के बीच बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA)को लेकर जारी सभी खबरों पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के बयान ने विराम लगा दिया है. पीयूष गोयल ने साफ कर दिया है कि भारत किसी भी व्यापार समझौते पर जल्दबाजी में हस्ताक्षर नहीं करेगा और अल्पकालिक लाभ के लिए अपने दीर्घकालिक आर्थिक हितों से समझौता नहीं करेगा. गोयल का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका समेत बड़े साझेदारों के साथ ट्रेड वार्ता जारी है. एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि भारत, अमेरिका से मक्का के आयात को मंजूरी दे सकता है. इसके बाद से ही किसानों के बीच चिंता का माहौल है.
जर्मनी की राजधानी बर्लिन में एक कार्यक्रम के दौरान पीयूष गोयल ने जोर देकर कहा कि ट्रेड एग्रीमेंट सिर्फ टैरिफ या मार्केट एक्सेस के बारे में नहीं होते बल्कि भरोसा बनाने, दीर्घकालिक संबंध कायम करने और ग्लोबल बिजनेस को-ऑपरेशन के लिए टिकाऊ ढांचे तैयार करने के बारे में होते हैं. गोयल ने कहा, 'बहुत छोटे समय के संदर्भ में, यह सिर्फ अगले छह महीनों में क्या होने वाला है, इसके बारे में नहीं है.यह सिर्फ अमेरिका को स्टील बेचने तक सीमित नहीं है.' इस बयान के साथ ही उन्होंने अमेरिका के साथ जारी व्यापार वार्ता की तरफ इशारा किया. उन्होंने यह भी साफ किया कि भारत की ट्रेड वार्ता के लिए नजरिया लंबी सोच पर आधारित है न कि तत्काल व्यापार लक्ष्यों को पूरा करने के दबाव से.
उन्होंने कहा, 'व्यापार समझौते लंबे समय के लिए होते हैं. यह सिर्फ टैरिफ के बारे में नहीं है बल्कि भरोसे और संबंधों के बारे में भी है. ट्रेड एग्रीमेंट बिजनेस के लिए भी महत्वपूर्ण हैं.' गुरुवार को दूरदर्शन के साथ बातचीत में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका अपने व्यापार वार्ता में प्रगति कर रहे हैं. गोयल ने बताया कि भारत और अमेरिका बातचीत में लगे हुए हैं, दोनों देशों की टीमें मिलकर काम कर रही हैं. कॉमर्स सेक्रेटरी ने अमेरिका का दौरा कर अपने अमेरिकी समकक्षों से मुलाकात की ताकि वार्ता को एक निष्पक्ष और समान व्यापार समझौते की ओर बढ़ाया जा सके.
गोयल ने कहा, 'हम अमेरिका के साथ बातचीत कर रहे हैं और हमारी टीमें सक्रिय हैं. हाल ही में वाणिज्य सचिव ने अमेरिका का दौरा किया और अपने समकक्षों से मुलाकात की. हम उनके साथ लगातार संवाद कर रहे हैं और वार्ता प्रगति कर रही है. हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में एक निष्पक्ष और समान समझौते की दिशा में काम करेंगे.' भारत और अमेरिका लंबे समय से रुके हुए एक व्यापार समझौते पर महत्वपूर्ण प्रगति कर रहे हैं जिसका मकसद अमेरिकी आयात पर भारतीय उत्पादों पर लगने वाले 50 प्रतिशत शुल्क को कम करना है. दोनों देश 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखते हैं.
अखबार मिंट की एक रिपोर्ट में तीन सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि भारत और अमेरिका लंबे समय से अटकी ट्रेड डील के करीब पहुंच रहे हैं.इस ट्रेड डील के बाद भारतीय एक्सपोर्ट पर मौजूदा टैरिफ 50 फीसदी से घटकर 15 से 16 फीसदी हो सकता है. नाम न बताने की शर्त पर बताया जा रहा है कि बातचीत में एनर्जी और एग्रीकल्चर अहम मसले हैं. सूत्रों के अनुसार भारत अमेरिका से नॉन-GM मक्का इंपोर्ट करने का कोटा बढ़ाने पर विचार कर रहा है. हालांकि इन इंपोर्ट पर ड्यूटी 15 फीसदी पर वैसी ही रहेगी. वर्तमान समय में अमेरिका से मौजूदा मक्का इंपोर्ट का कोटा सालाना 0.5 मिलियन टन है. ऐसे में गोयल का यह बयान निश्चित तौर पर किसान वर्ग को राहत दे सकता है.
यह भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today