नोएडा में किसानों का आंदोलनदेश की राजधानी से सटे नोएडा में किसानों का प्रदर्शन शुरू हुआ. आज बुधवार को नोएडा के 81 गांवों के किसान एक साथ आए और नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. सैकड़ों की संख्या में पहुंचे किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्राधिकरण कार्यालय का घेराव किया और सड़क पर ही धरना दे रहे है. इतना ही नहीं बहुत से किसानों ने पुलिस की बेरिकेटिंग को तोड़ दिया और प्राधिकरण के गेट तक पहुंच गए. अब ये जानना भी जरूरी है कि आखिर किसान एथॉरिटी के खिलाफ सड़कों पर क्यों उतर गए हैं. आइए जान लेते हैं.
नोएडा एथॉरिटी के खिलाफ धरना दे रहे किसानों की मुख्य मांगों में 64 फीसदी बढ़ा मुआवजा, 10 फीसदी और 5 फीसदी के प्लॉट और आबादी निस्तारण जैसी पुरानी मांगें हैं. किसान लगातार एथॉरिटी से अपनी मांगों की चर्चा करते रहे हैं. आज एक बार फिर किसान किसान नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर में घुसने की कोशिश कर रहे थे. प्रदर्शन के दौरान किसानों और पुलिस के बीच हल्की नोकझोंक भी देखने को मिली.
64 फीसदी बढ़े मुआवजे के अलावा अन्य मांगों को लेकर प्राधिकरण के खिलाफ प्रदर्शन करते किसान दफ्तर तक पहुंच गए. किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था. पुलिस ने किसानों को कार्यालय परिसर में घुसने से रोकने के लिए बेरीकेडिंग लगा रखी थी, लेकिन कई किसानों ने बेरीकेडिंग तोड़ कर प्राधिकरण के गेट तक पहुंच गए.
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एथॉरिटी के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर प्राधिकरण के खिलाफ लगातार प्रदर्शन करते रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे. आपको बता दें कि नोएडा और आसपास के करीब 81 गांवों के किसानों ने एक साथ हल्ला बोला है, किसान सड़कों पर उतरने के बाद प्राधिकरण के दफ्तर में भी घुसने की कोशिश की है.
किसानों के इस धरने के बाद यातायात काफी हद तक प्रभावित रहा साथ कि प्राधिकरण में भी तनाव की स्थिति देखी गई. आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने मोर्चा संभाला और किसानों के साथ हल्की नोंकझोक भी देखने को मिली. अब किसानों ने एक बार फिर चेतावनी दी है कि अगर उनकी सभी मांगों का कोई समाधान नहीं निकला तो वे अनिश्चितकाल तक के लिए आंदोलन करेंगे.
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