पंजाब के एडवोकेट जनरल ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने आज एक गिलास पानी पिया और अपना अनशन तोड़ा. इससे पहले किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया था कि जिस दिन से किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया था, उस दिन से डल्लेवाल ने एक गिलास पानी भी नहीं पिया था. किसान आंदोलन के मुद्दे पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई जिसके दौरान डल्लेवाल के अनशन के बारे में जानकारी दी गई.
इससे पहले पटियाला, पंजाब में किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी-पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, "आज मुझे मुक्तसर साहिब जेल से रिहा कर दिया गया है. आम आदमी पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दावा किया था कि किसानों का विरोध केंद्र सरकार के खिलाफ है. लेकिन, इससे एक अहम सवाल उठता है कि पंजाब सरकार को किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए क्या मजबूर होना पड़ा? हमारे टेंट, ट्रैक्टर और दूसरे सामान को जो नुकसान पहुंचा है, उसकी भरपाई सरकार को करनी चाहिए. हमारा आंदोलन जारी रहेगा."
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दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि हरियाणा ने अब हाईवे को साफ कर दिया है. किसान अब वहां नहीं हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे सूर्यकांत ने कहा, हमने पहले कहा था कि हाईवे को ब्लॉक नहीं किया जा सकता. वे देश की जीवनरेखा हैं. अन्य सड़कें माल के परिवहन के लिए उतनी प्रभावी नहीं हैं. जम्मू-कश्मीर, हिमाचल आदि के लिए परिवहन प्रभावित हो रहा था.
शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा के बीच स्थित शंभू बॉर्डर को खोले जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट में सुना गया. किसान आंदोलन की वजह से हाईवे बंद किया गया था. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि अब हाइवे को खाली करा दिया गया है, किसान अब वहां नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई बंद कर दी.
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सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि डल्लेवाल ने अपना अनशन तोड़ दिया है. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सराहना करते हैं कि वे राजनीतिक नहीं हैं, वे एक सच्चे किसान नेता हैं और इस मुद्दे को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं. इस मसले पर बनी हाईलेबल कमेटी की रिपोर्ट पेश की गई.
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक प्रेस रिलीज में कहा, गिरफ्तार नेताओं को सुबह (3 बजे) रिहा कर दिया गया, यह किसान आंदोलन के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आज 28 मार्च को दमन के खिलाफ डिप्टी कमिश्नर कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई है. पंजाब में लगाए गए पुलिस राज, लोगों के संघर्ष के लोकतांत्रिक अधिकार के दमन, किसानों के जब्त सामान को वापस करने और हुए नुकसान के मुआवजे की मांग के खिलाफ, संयुक्त किसान मोर्चा के तहत संगठन सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक डिप्टी कमिश्नर कार्यालयों के सामने धरना देकर अपना रोष व्यक्त करेंगे.
विशेष रूप से, किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) ने भी इन विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने की घोषणा की है. पंजाब के कई इंसाफ चाहने वाले संगठन भी अपना समर्थन दे रहे हैं.
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