उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में विशाल किसान होली सम्मेलन में पहुंचे राकेश टिकैत ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम आंदोलन करना है, विपक्ष का काम घर में रहना नहीं है. कमजोर विपक्ष देश में तानाशाहों को जन्म देता है. यही नहीं, राकेश टिकैत ने कहा कि पंजाब सरकार जाएगी और फिर कभी नहीं आएगी. उसके खिलाफ देशभर में हमारा आगामी 28 मार्च को प्रदर्शन है. राकेश टिकैत ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह पूंजीपतियों की सरकार है. इन्हें देश पर कब्जा करना है, इसलिए किसानों को आंदोलन करना होगा और अपनी जमीन बचानी होगी. हमारी मांग है कि सरकार अमेरिकी डेलिगेशन से समझौता नहीं करे.
किसान नेता राकेश टिकैत ने पंजाब में किसानों के आंदोलन को लेकर पूंछे गए सवाल के जवाब में कहा, पंजाब सरकार के खिलाफ हमारा 28 तारीख को संयुक्त मोर्चे का पूरे देश भर में धरना प्रदर्शन है. हम अपना ज्ञापन देंगे और सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करेंगे. उसके बाद संयुक्त मोर्चा या पंजाब की यूनिट जो भी फैसला लेगी, हम उसके साथ में रहेंगे.
टिकैत ने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा, विपक्ष अपना काम नहीं कर रहा है. विपक्ष का काम सोने का नहीं है. या तो सत्ता में रहे, सत्ता में ना रहे तो जेल में रहे. जेल में नहीं रहता है तो आंदोलन में रहे. इनको सत्ता वापसी चाहिए. लड़ने भिड़ने के लिए यह किसान ही है क्या. जो वापसी सत्ता चाहता है उसको आंदोलन में आना पड़ेगा. विपक्ष पर एक लाठी नहीं चल रही है. कमजोर विपक्ष देश में तानाशाहों को जन्म देता है. हम तो अपना काम कर रहे हैं, लेकिन कमजोर विपक्ष अगर देश में होगा तो तानाशाहों का जन्म होगा.
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राकेश टिकैत ने अमेरिका से होने वाले समझौतों को लेकर कहा, अमेरिका से डेलिगेशन आ रहा है. 24 से 29 तारीख तक यही रहेगा, वह फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की बात कर रहा है. वह कृषि पर बात करने यहां आ रहा है. अगर वह समझौते करेगा और भारत सरकार उसकी बात मानेगी. फिर यहां का एग्रीकल्चर सेक्टर बहुत पीछे जाएगा. यहां का किसान बर्बाद होगा. वह ड्यूटी कम करने की बात करेगा. जैसे वहां से उनका सेब आ रहा है. पहले सेब के ऊपर 100% ड्यूटी थी. अब घटकर शायद 40 या 60% होगी. 40% ड्यूटी होती तो यहां पर अमेरिका का सेब आएगा. यह हमारे हिमाचल और कश्मीर के सब को पूरा बर्बाद करेगा. वहां का किसान मर जाएगा.
टिकैत ने कहा, हम इसके लिए भारत सरकार को ज्ञापन दे रहे हैं. आज शाम तक उसकी ड्राफ्टिंग आ जाएगी और आगे की रणनीति हम बता रहे हैं. हमने भारत सरकार से कहा है कि किसानों के मुद्दे पर कोई समझौता फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में नहीं होना चाहिए. टैरिफ हटाने की बात नहीं करनी चाहिए. अमेरिका के एक किसान को करीब 36-37 लाख रुपये हर साल सब्सिडी मिलती है. हमारे किसान को 15000 रुपये की सब्सिडी है. तो हम उसका मुकाबला कर ही नहीं सकते. भारत सरकार इस तरह के समझौते ना करे.
राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, यह सरकार गांव, गरीब, किसान, आदिवासी, मजदूर की नहीं है, यह पूंजीपतियों की सरकार है. यह उद्योगपतियों की सरकार है. जैसे अमेरिका में करीब 56 परिवार हैं. उसी तरह यहां कोई बीज के क्षेत्र में होगा, कोई हथियार के क्षेत्र में होगा, कोई खेत के क्षेत्र में होगा, कोई दूसरे क्षेत्र में होगा. उनकी मिली जुली सरकार है. वही वहां पर गवर्नमेंट बनाते हैं और सारी दुनिया में व्यापार करते हैं. इसी तरह से यहां पर भी उद्योगपति व्यापार करने आ गए. एक पार्टी पर उन्होंने कब्जा किया. इस देश पर कब्जा किया. यह पूंजीवादियों का गैंग है. इसने इस देश पर कब्जा कर लिया. इससे बच के रहना है. आपको आंदोलन तेज करने पड़ेंगे. संगठन बनाने पड़ेंगे. बहुत से किसान संगठन बन रहे हैं. यह सरकारी संगठन सरकार बनवा रही है. उनके अधिकारी बनवा रहे हैं.
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पंजाब में किसान आंदोलन को लेकर कहा, हमने बहुत पहले कहा था कि इस आंदोलन से भारत सरकार को फायदा होगा. इस आंदोलन में आरएसएस के लोग हैं जो अपने विचारधारा से उसको चला रहे हैं. उस आंदोलन में यही हुआ. आंदोलन पंजाब की धरती पर हुआ. भारत सरकार के खिलाफ आंदोलन था, लेकिन पंजाब की जमीन पर चला गया. आज पूरे देश का किसान पंजाब सरकार के खिलाफ है. यह पूरा षड्यंत्र था. वहां के मंत्रियों का, वहां के मुख्यमंत्री का और भारत सरकार का. इसका नुकसान भारत के किसानों का हुआ है.(प्रशांत पाठक की रिपोर्ट)
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