
उत्तर प्रदेश में हुनर की कोई कमी नहीं है. हरदोई जनपद के शाहाबाद के रहने वाले फकीर इरफान ने कुछ ऐसा कारनामा किया जिसको देखकर हर कोई उसकी तारीफ कर रहा है. इरफान नाम के व्यक्ति ने एक खुरपी और फावड़े की मदद से 12 साल में 11 कमरों का शानदार दो मंजिला महल जमीन के अंदर तैयार कर दिया है. पिता की मौत के बाद इरफान ने 2011 में मिट्टी के टीले के नीचे मकान बनाने का काम शुरू किया. अकेले दिन-रात मेहनत करके उन्होंने अपने लिए एक ऐसा आलीशान महल बनाया है जो पूरी तरीके से पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि इसमें लकड़ी और सीमेंट का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया गया हैं. इरफान की कड़ी मेहनत से बनाए गए आलीशान महल की तारीफ अब महिंद्रा ग्रुप के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने अपने ट्विटर हैंडल से की है.
आनंद महिंद्रा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि हरदोई में एक शख्स ने 12 साल की अवधि में एक भूमिगत घर बनाया है. इसे कुछ ऐसी चीज के रूप में वर्णित किया है जो बिल्कुल लीक से हटकर है लेकिन यह खूबसूरती की चीज है और वह आदमी एक मूर्तिकार है. हमें उसके जैसे कई और नवोन्मेषी और जुनूनी वास्तुकारों की जरूरत है.
हरदोई की शाहाबाद कस्बे के मोहल्ला खेड़ा के रहने वाले इरफान उर्फ पप्पू बाबा ने 2011 में ही गांव के एक ऊंचे मिट्टी के टीले को खोदना शुरू किया. दिन-रात मेहनत करके जमीन के अंदर 11 कमरों का दो मंजिला शानदार महल तैयार कर दिया. उन्होंने खुरपे की मदद से 20 फीट की गहराई में अपना यह शानदार महल तैयार किया है. उसके घर में दो गेट हैं. एक गेट से प्रवेश और दूसरे गेट से निकास है. यही नहीं प्रवेश द्वार पर मिट्टी की 20 सीढ़ियां बनाई गई है. वही इस मकान में एक मस्जिद भी तैयार किया गया है. 20 फीट गहरे इस शानदार महल को देख इरफान के हुनर की अब हर कोई तारीफ कर रहा है. इरफान ने बताया की खुरपी और फावड़े से उन्होंने इस पूरे महल को बनाया है. यह महल पूरी तरीके से पर्यावरण अनुकूल है क्योंकि इसमें सीमेंट और लकड़ी का बिल्कुल भी प्रयोग नहीं किया गया है. जमीन के अंदर बनाई गई मस्जिद में इरफान बेफिक्र होकर नमाज अदा करते हैं और रात्रि में यही रहते भी है.
ये भी पढ़ें :UP सरकार 75 जिलों में लगाएगी 30 हजार सोलर पंप, किसानों को देने होंगे 5 हजार रुपये, ऐसे करें आवेदन
इरफान की शादी नहीं हुई है. वे बताते हैं कि पिता की मौत के बाद वह टूट गए थे. उन्होंने अपने क्षेत्र में एक चुनाव भी लड़ा जिसमें उन्हें निराशा हाथ लगी. 2011 में हुए अज्ञातवास में चले गए और फकीरी का जीवन जीने लगे. अपनी बस्ती को छोड़ एक निर्जन स्थान पर मिट्टी के टीले के अंदर गुफा बनाने में जुट गए और उसे दिन-रात की मेहनत से एक शानदार महल का रूप दे दिया. इरफान के 11 कमरों वाले दो मंजिला महल को आज दूर-दूर से लोग देखने आ रहे हैं.
इरफान ने टीले के पास ही अपनी बंजर जमीन को भी उपजाऊ बना दिया है. घर के आस-पास का पूरा इलाका बंजर है. इस जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए उन्होंने खुदाई से निकली मिट्टी का उपयोग किया. इस जमीन को खेती लायक बना दिया. अब वह किसान बनकर इस पर जीवन यापन भी करेंगे. घर के पास ही उन्होंने कुआं भी खुदवाया है. इस कुएं की मदद से न केवल वे अपने और पास के लोगों की प्यास बुझायेंगे बल्कि खेती के लिए सिंचाई के पानी का इंतजाम भी किया है.
Copyright©2023 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today