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Spice Prices: जनवरी के बाद मसालों की कीमतों में आ सकती है कमी, नई फसल आने के बाद कम होंगे दाम

Spice Prices: जनवरी के बाद मसालों की कीमतों में आ सकती है कमी, नई फसल आने के बाद कम होंगे दाम

राजकुमार मेनन ने कहा कि हम अच्छी फसल की उम्मीद कर रहे हैं और यह भी उम्मीद है कि जब नई फसल बाजार में आएगी तो हमें मसालों की कीमतें नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. नेशनल स्पाइस कॉन्फ्रेंस 2023 में शामिल होने के बाद मेनन ने कहा कि भारत ने पिछले साल  चार बिलियन डॉलर के मसाले का निर्यात किया था.

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देश में अलग अलग मसालों की आसमान छूतीं कीमतों पर जल्द ही ग्राहकों को राहत मिल सकती है. खास कर जीरे के दाम कम हो सकते हैं. उम्मीद जतायी जा रही है कि जनवरी 2024 में मसालों की कीमतों में गिरावट आज सकती है जब बाजार खरीफ फसल में उगाई जाने वाली नए मसालों की इंट्री होगी. गौरतलब है कि पिछले साल कई मसालों की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया था, जब इनकी कीमते सबसे उच्चतम स्कर पर पहुंच गई थी. इन मसालों में जीरा की कीमतें भी शामिल थी. विश्व मसाला संगठन के चेयरमैन राजकुमार मेनन ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि जब बाजार में नई फसल आएगी तब जनवरी 2024 से लेकर मार्च 2024 के बीच तक मसाला की कीमतों में गिरावट आएगी और इसका फायदा ग्राहकों को मिलेगा. 

राजकुमार मेनन ने कहा कि हम अच्छी फसल की उम्मीद कर रहे हैं और यह भी उम्मीद है कि जब नई फसल बाजार में आएगी तो हमें मसालों की कीमतें नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. नेशनल स्पाइस कॉन्फ्रेंस 2023 में शामिल होने के बाद मेनन ने कहा कि भारत ने पिछले साल  चार बिलियन डॉलर के मसाले का निर्यात किया था. अब इसका प्रयास है कि इस इसमें और वैल्यु एडिशन किया जाए, ताकि दूसरे अंतरराष्ट्रीय बाजार भी भारतीय मसालों के लिए खुल सकें. उन्होंने कहा कि जीरे के दाम 250 रुपये से बढडकर 640 रुपये हो गए थे जो अब नीचे गिरकर 450 रुपये हो गए हैं. 

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2030 तक निर्यात को बढाकर 10 बिलियन करने की जरुरत

मेनन ने कहा कि हम मसालों की पुरानी कीमतों पर तो नहीं जा सकते हैं पर इतना जरूर कर सकते हैं कि इसकी कीमतों को नियंत्रित कर सकें. वर्तमान में मसाला निर्यात का 50 फीसदी वैल्यू ऐडेड उत्पाद है जैसे मसालो का मिक्सचर और मसाला तेल शामिल है. इसे बढ़ाकर 75 फीसदी करने की जरूरत है. ताकी 2030 तक निर्यात को बढ़ाकर 10 बिलियन डॉलर तक पहुंचाया जा सके. उन्होंने कहा कि 2025 तक हम 5 बिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंच जाएंगे.  

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नये बाजार तलाशने की जरूरत

राजकुमार मेनन ने यह भी कहा कि हमे अपने द्वारा उत्पादित मसालों की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. क्योंकि घरेलु और वैश्विक बाजार में गुणवत्तापूर्ण उत्पाद की मांग बढ़ रही है. मेनन ने बताया की भारत कुल उत्पाद 10.3 मिलियन टन का 15 प्रतिशत निर्यात करता है और 85 प्रतिशत की खपत देश में होती है. उन्होंने यह भी कहा ही मसाला निर्यात में 10 बिलियन डॉलर का टार्गेट पूरा करने के लिए भारत को नए बाजारों की तलाश करनी होगी. सीआईएस अफ्रीक और दक्षिण अमेरिका में नए बाजारों की संभावना दिखाई पड़ती है.