कैसे करें सही मात्रा में वर्मी कंपोस्‍ट का इस्‍तेमाल गार्डन में, जिससे हो बंपर मुनाफा

कैसे करें सही मात्रा में वर्मी कंपोस्‍ट का इस्‍तेमाल गार्डन में, जिससे हो बंपर मुनाफा

वर्मी कंपोस्‍ट एक ऐसी ऑर्गेनिक खाद है जिसे केंचुओं की मदद से तैयार किया जाता है. यह खाद मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है, नमी को बनाए रखती है और पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करती है. इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम, मैग्‍नीशियम और सूक्ष्‍म पोषक तत्‍व भरपूर मात्रा में होते हैं. 

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 कैसे करें सही मात्रा में वर्मी कंपोस्‍ट का इस्‍तेमाल गार्डन में, जिससे हो बंपर मुनाफाVermi Compost Profit: वर्मी कंपोस्‍ट से ऑर्गेनिक फार्मिंग का पहला कदम होता है

अगर आप अपने घर के गार्डन में फल-सब्जियां या फूल उगाते हैं और चाहते हैं कि पैदावार अच्‍छी हो, मिट्टी की सेहत बनी रहे और लागत भी कम आए, तो वर्मी कंपोस्‍ट आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं. लेकिन वर्मी कंपोस्‍ट का सही लाभ तभी मिलता है जब आप इसे सही मात्रा और सही तरीके से उपयोग करें. अगर आप ऑर्गेनिक खेती की तरफ बढ़ना चाहते हैं तो वर्मी कंपोस्‍ट आपके लिए एक बेस्‍ट ऑप्‍शन है और आपको इससे ही शुरुआत करनी चाहिए. यह न सिर्फ मिट्टी को जीवन देता है बल्कि आपकी मेहनत का मुनाफा भी दोगुना कर सकता है. वहीं अगर इसे सही मात्रा और सही विधि से प्रयोग किया जाए तो आप अपने गार्डन से जबरदस्‍त मुनाफा कमा सकते हैं.

क्या है वर्मी कंपोस्ट?

वर्मी कंपोस्‍ट एक ऐसी ऑर्गेनिक खाद है जिसे केंचुओं की मदद से तैयार किया जाता है. यह खाद मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है, नमी को बनाए रखती है और पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करती है. इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम, मैग्‍नीशियम और सूक्ष्‍म पोषक तत्‍व भरपूर मात्रा में होते हैं. 

कितनी होनी चाहिए मात्रा 

फूलों के पौधों के लिए: 1 से 1.5 किलो प्रति गमला
सब्जियों के लिए:  2 से 3 किलो प्रति वर्ग मीटर
फलदार पौधों के लिए: 3 से 5 किलो प्रति पौधा (हर 2 महीने में)

कब और कैसे डालें वर्मी कंपोस्ट?

हमेशा नई मिट्टी तैयार करते समय 25 से 30 फीसदी तक वर्मी कंपोस्ट उसमें मिलाएं. 
पहले से लगे पौधों पर अगर प्रयोग करना है तो मिट्टी की ऊपरी सतह को हल्का खुरचकर उसमें मिलाएं और फिर पानी दें. 
बारिश के मौसम में इसे प्रयोग न करें क्‍योंकि इससे खाद बह सकती है. 

क्‍या होता है इससे फायदा 

इसकी वजह से खाद की लागत में 40 से 50 फीसदी तक की बचत होती है. 
मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार, जिससे बार-बार खाद डालने की जरूरत नहीं. 
वर्मी कंपोस्‍ट की वजह से उपज बेहतर होती है और साथ ही बेहतर उपज और स्वादिष्ट फल-सब्जियां मिलती हैं. 
कीटनाशकों की भी जरूरत घटती है जिससे लागत कम होती है.

हमेशा ध्यान रखें ये बातें

वर्मी कंपोस्ट हमेशा अच्छी क्वालिटी का लें जिसमें किसी भी तरह की गंध या फंगस न हो. 
खाद को सीधी धूप और बारिश से बचाकर रखें. 
वर्मी कंपोस्ट के साथ केमिकल खाद न मिलाएं इससे इसका ऑर्गेनिक इफेक्‍ट कम हो सकता है. 
 

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