ओडिशा में बोलंगीर में फिर एक किसान ने आत्महत्या कर ली है. मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि जिले के टिटिलागढ़ के बनेइकेल गांव में एक किसान ने कथित तौर पर फसल बर्बाद होने के कारण जहर खाकर आत्महत्या कर ली. मृतक किसान की पहचान चमरू बाग के रूप में की गई है. उसकी उम्र 44 साल बताई जा रही है. चमरू के परिवार में उनके दो बेटे हैं जो गुजरात में प्रवासी मजदूर के रूप में काम करते हैं. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, चमरू ने अपनी दो एकड़ कृषि भूमि पर खेती करने के लिए कर्ज लिया था.
कर्ज लेकर खेती इस बार बड़ी मुश्किल से उन्होंने खेती की थी. क्योंकि इस राज्य में बारिश की स्थिति भी अच्छी नहीं थी. फिर जब फसल कटाई का समय आया तो बेमौसम बारिश के कारण उनकी फसल खराब हो गई. इसके कारण वो काफी परेशान हो गए की उनकी कर्ज की भारपाई कैसे होगी. माना जा रहा है कि फसल की बर्बादी और कर्ज के दबाव से दुखी होकर चमरू ने इस तरह का आत्मघाती कदम उठाया और जहर खा कर आत्महत्या कर ली. जहर खाने के बाद उन्हें तुरंत ही उनके परिवार के सदस्य उन्हें भीमा भोई मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले गए. जहां अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
चारू के एक रिश्तेदार ने स्थानीय मीडिया को बताया कि चारू ने खेती करने के लिए उधार लिया था. पर बेमौसम बारिश के कारण उनकी फसल खराब हो गई इससे वे परोशान हो गए, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी की इस बार उन्हें 40 बोरी उत्पादन प्राप्त होगा, पर फसल बर्बाद होने के कारण मात्र तीन बोरी ही उपज प्राप्त हुई. इस नुकसान से परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली. एक अन्य स्थानीय ने कहा, “चारु बहुत गरीब आदमी था और गुजारा करने के लिए पूरी तरह से खेती पर निर्भर था. फसल बर्बाद होने के कारण वह मानसिक दबाव में था और उसने यह कदम उठाया.
गौरतलब है कि पिछले महीने ही बोलांगिर जिले के किसान रमेश भोई ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली थी. उनके बारे में बताया गया था कि उन्होंने भी कर्ज लेकर धान की खेती की थी. लेकिन उनके खेतों में कीट का प्रकोप हो गया और पूरी फसल नष्ट हो गई. इसकी शिकायत लेकर वो स्थानीय कृषि अधिकारियों के पास भी गए थे पर उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो पाया, वो स्थानीय दुकानों से कीटनाशक लाकर खेत में डालते रहे पर इसका कोई असर नहीं हुआ, अंत में फसल को नष्ट होता देखकर उन्होंने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली.
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