Land Pooling: पंजाब में सरकार की नीति के विरोध में बीजेपी, अकाली दल, मंत्री बोले इन्‍हीं की देन है योजना 

Land Pooling: पंजाब में सरकार की नीति के विरोध में बीजेपी, अकाली दल, मंत्री बोले इन्‍हीं की देन है योजना 

पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार की तरफ से जो लैंड पूलिंग नीति घोषित की गई, उसके खिलाफ आवाजें उठने लगी हैं. पिछले दिनों लुधियाना में शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने नीति के खिलाफ प्रदर्शन किया. कमिश्‍नर ऑफिस के बाहर पार्टी के अध्‍यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने किसानों की भारी भीड़ को संबोधित किया. उन्‍होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने कॉलोनाइजरों से पहले ही करोड़ों रुपए एडवांस में ले लिए हैं.

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Land Pooling: पंजाब में सरकार की नीति के विरोध में बीजेपी, अकाली दल, मंत्री बोले इन्‍हीं की देन है योजना Land Pooling Policy: पंजाब सरकार के खिलाफ बादल का प्रदर्शन

पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार की तरफ से जो लैंड पूलिंग नीति घोषित की गई, उसके खिलाफ आवाजें उठने लगी हैं. पिछले दिनों लुधियाना में शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने नीति के खिलाफ प्रदर्शन किया. दूसरी तरफ मुख्‍यमंत्री भगवंत मान के मंत्रियों ने विरोध को यह कहकर खारिज कर दिया कि आज जिस नीति का विरोध हो रहा है, उसे अकाली दल और बीजेपी ही लेकर आए थे. मंत्रियों की मानें तो यह शोर एकदम बेकार का है. 

बादल ने किया प्रदर्शन 

कमिश्‍नर ऑफिस के बाहर पार्टी के अध्‍यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने किसानों की भारी भीड़ को संबोधित किया. उन्‍होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने कॉलोनाइजरों से पहले ही करोड़ों रुपए एडवांस में ले लिए हैं और अब किसानों की जमीनें जबरन छीनने की तैयारी कर रही है. बादल ने चेतावनी दी है कि अकाली दल सरकार को किसानों की एक इंच भी जमीन छीनने नहीं देगा. उन्‍होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों से जबरदस्ती करीब 60 हजार एकड़ जमीन लेगी और फिर उस जमीन को बेचकर पिछले कर्ज चुकाएगी. वहीं 

सरकार कर रही बचाव 

दूसरी ओर पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने राज्य सरकार की नई भूमि पूलिंग नीति का बचाव किया है. उन्‍होंने विपक्षी दलों पर राजनीतिक लाभ के लिए पाखंड करने का आरोप लगाया है. पंजाब भवन में मीडिया से मुखातिब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान भूमि पूलिंग मॉडल की रूपरेखा असल में अकाली दल-बीजेपी सरकार की तरफ से लाई गई थी. फिर भी अब दोनों पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं. कांग्रेस ने भी अब इसके खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है. 

अरोड़ा का कहना था कि इन्हीं पार्टियों ने मोहाली, अमृतसर, तरनतारन और होशियारपुर जैसे शहरों के मास्टर प्लान को मंजूरी दी थी. इससे निजी डेवलपर्स के लिए कॉलोनियां बनाने का रास्ता खुल गया. इन विकास कार्यों में उचित नागरिक बुनियादी ढांचे की कमी थी और 20,000 एकड़ से ज्‍यादा जमीन पर बिना किसी जवाबदेही के अतिक्रमण किया गया. 

क्‍या बोले सीएम मान 

सीएम मान का कहना है कि लैंड पूलिंग का मकसद किसानों के लिए आय का एक स्थायी स्रोत बनाना और उन्हें राज्य के विकास और प्रगति में सक्रिय भागीदार बनाना है. मान के मुताबिक जमीन का कोई जबरन अधिग्रहण नहीं होगा और केवल वही किसान अपनी जमीन देंगे जो इस नीति से सहमत होंगे. नीति के अनुसार, इस योजना के तहत किसानों को व्यावसायिक और आवासीय भूखंड मिलेंगे. मान ने कहा कि जमीन की रजिस्ट्री पर कोई रोक नहीं है. अगर कोई जमीन देना चाहता है, तो दे सकता है. 

योजना के तहत उसे 1,000 वर्ग गज आवासीय और 200 वर्ग गज व्यावसायिक भूखंड मिलेगा. सीएम मान के अनुसार, 'अगर आपने अपनी जमीन दे दी है तो भी आप तब तक खेती कर सकते हैं जब तक सरकार उस जमीन का विकास नहीं कर लेती.' मान ने यह भी कहा कि लैंड पूलिंग योजना के तहत बनाई जाने वाली नियोजित कॉलोनियों में व्यावसायिक संपत्ति किसानों के लिए एक स्थायी संपत्ति होगी. 

किसानों को मिलेंगे 1 लाख 

राज्‍य सरकार ने किसानों को लैंड-पूलिंग योजना के लिए आवेदन करने के 21 दिनों के अंदर आशय पत्र (एलओआई) के साथ शुरुआत में 50,000 रुपये प्रति एकड़ देने का ऐलान किया है. सरकार के अनुसार जब जमीन पर सरकार का कब्जा होगा तो 50,000 रुपये की राशि बढ़ाकर 1 लाख रुपये प्रति एकड़ कर दी जाएगी. मुंडियन ने यह भी कहा कि भूमि विकास पूरा होने तक प्रति वर्ष 10 प्रतिशत का इजाफा होगा.

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