भारत में अक्टूबर से शुरू होने वाले चीनी सीजन 2023-24 में चीनी का उत्पादन कम होने की संभावना है, क्योंकि महाराष्ट्र में जितना गन्ने का उत्पादन होता है उसमें गिरावट की आशंका है. इसके अलावा, गन्ने से चीनी का उत्पादन नहीं करके, इथेनॉल का उत्पादन किया जा सकता है. चीनी उत्पादन में गिरावट होने की वजह से संभावित रूप से निर्यात में भी कमी दर्ज की जा सकती है, क्योंकि 2024 की पहली छमाही में होने वाले आम चुनावों के मद्देनजर केंद्र सरकार देश में किफायती कीमत पर चीनी उपलब्धता को प्राथमिकता दे सकती है.
हालांकि, सरकार को अभी गन्ना उत्पादक राज्यों के गन्ना आयुक्तों से आकलन लेना बाकी है. अगले महीने तक की स्थिति पक्की हो सकती है, क्योंकि मौसम विभाग ने अगस्त में सामान्य से कम बारिश की भविष्यवाणी की है.
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (आईएसएमए) ने बुधवार को अक्टूबर से शुरू होने वाले 2023-24 सीजन के लिए उत्पादन का प्रारंभिक अनुमान जारी किया, जिसमें उत्पादन (इथेनॉल की ओर मोड़ने के बाद) 31.68 मिलियन टन (एमटी) होने का अनुमान लगाया गया है, जो कि चालू सीजन में अनुमानित 32.8 मिलियन टन से कम है.
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इस्मा ने कहा कि चालू सीजन में 41 लाख टन के मुकाबले 45 लाख टन शिरा इथेनॉल उत्पादन के लिए भेजे जाने की संभावना है. दरअसल, इथेनॉल के उत्पादन में गन्ने के अलावा, चावल, मक्का और खराब अनाजों का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं कर्नाटक और तमिलनाडु में विशेष सीजन 2022-23 चल रहा है, इसलिए अंतिम उत्पादन का आंकड़ा बाद में इकट्ठा किया जाएगा.
एक अगस्त को आयोजित इस्मा की (कार्यकारी) समिति की बैठक में उत्पादन अनुमानों को अंतिम रूप दिया गया, जहां गन्ना क्षेत्र, उपज की उम्मीद, शुगर रिकवरी, बारिश का प्रभाव, जलाशयों में पानी की उपलब्धता, बाकी बचे मॉनसून सीजन में बारिश की उम्मीद और अन्य संबंधित पहलुओं पर चर्चा की गई.
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15 जून के बाद सैटेलाइट द्वारा इकट्ठा किए गए डाटा के अनुसार, देश में गन्ने का कुल क्षेत्रफल पिछले साल के 59.07 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस साल लगभग 59.81 लाख हेक्टेयर है. तमिलनाडु में 9 प्रतिशत और कर्नाटक में 4 प्रतिशत गिरावट की आशंका है, जबकि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र दोनों में गन्ने का रकबा अधिक होने की उम्मीद है.
हालांकि, जून और जुलाई के अधिकांश हिस्सों में कम बारिश के कारण महाराष्ट्र में गन्ने के उत्पादन में कमी आने की आशंका है, जिससे चीनी उत्पादन में गिरावट दर्ज की जा सकती है. वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने पिछले वर्ष के 12.14 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस वर्ष गन्ने का रकबा 10.54 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान लगाया है.
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