आज जहां पूरा देश आजादी का 79वां जश्न मना रहा था, वहीं, दूसरी ओर महाराष्ट्र बुलढ़ाना के सैंकड़ों किसान अपनी मांगों के लिए पूर्णा नदी में आंदोलन कर रहे थे. इस आंदोलन के दौरान एक किसान ने नदी में छलांग लगा दी, जिसके बाद गांव के किसान प्रशासन के खिलाफ नाराज है. वहीं, इस मामले का वीडियो सोशियल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. आइए जानते हैं क्या है पूरा ंमामला.
बुलढाना जिले अडोल खुर्द के ग्रामीणों ने करणवाड़ी से अडोल खुर्द गांव तक सड़क बनाने के लिए बुलढाणा जिले के जिगांव सिंचाई प्रकल्प पर जल समाधि आंदोलन किया. इस दौरान किसानों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी है. आंदोलन शुरू होने के कुछ देर बाद विनोद पवार नामक किसान ने पूर्णा नदी में छलांग लगाई और पानी के तेज बहाव में बह गया.
रास्ते के लिए शुरू इस आंदोलन में किसान नदी में बह जाने के कारण आंदोलन आक्रामक हो गया. किसान की पूर्णा नदी में खोज की जा रही है. किसान विनोद पवार ने कूदने से पहले अपनी प्रतिक्रिया भी रिकॉर्ड की थी, जिसमे उसने बताया कि जो रास्ता पहले पारित किया गया था, उसे शासकीय और प्रशासकीय अधिकारियों की मिलीभगत से दूसरी ओर मोड दिया गया.
किसान के नदी में बह जाने के समय घटना स्थल पर सैंकड़ों किसानों के साथ गांववासी, पुलिस प्रशासन और जिगांव प्रकल्प के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे. लेकिन सिर्फ एक रास्ते की मांग के चलते किसान को इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा जिससे जिले भर में रोष व्यक्त किया जा रहा है. इस घटना के जिम्मेदारों पर कारवाई की मांग जोर पकड़ रही है.
किसान विनोद पवार ने पानी में कूदने से पहले कहा था कि आज अडोल खुर्द की ओर से जूना रास्ते की प्रक्रिया पूरी हो गई थी, वह रास्ता कुछ शासकीय और प्रशासकीय अधिकारियों की मिलीभगत से नया रास्ता पारित किया गया है, हमारी मांग है की जुना रास्ता फिर से पारित किया जाए.
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