Nanded Flood: बाढ़ से तबाह हुआ नांदेड़ जिले का यह गांव... पांच लोगों की जान गई, सैकड़ों जानवर बहे

Nanded Flood: बाढ़ से तबाह हुआ नांदेड़ जिले का यह गांव... पांच लोगों की जान गई, सैकड़ों जानवर बहे

प्रशासन के अनियोजित प्रबंधन के कारण इस गांव में पांच लोगों की जान चली गई और सैकड़ों जानवर बाढ़ के पानी में बह गए.

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बाढ़ से तबाह हुआ नांदेड़ जिले का यह गांव... पांच लोगों की जान गई, सैकड़ों जानवर बहेNanded Flood

महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने नांदेड़ जिले के मुखेड़ तहसील के बाढ़ प्रभावित हसनाल गांव का दौरा किया. इस दौरान, गुस्साए ग्रामीणों ने प्रशासन की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई. उन्होंने आरोप लगाया कि लेंडी परियोजना से पानी देरी से छोड़े जाने और एक झील के बांध के टूटने के कारण मुखेड़ तहसील में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई. इस स्थिति के लिए सिंचाई विभाग की विफलता ज़िम्मेदार है. 

प्रशासन के इस अनियोजित प्रबंधन के कारण पांच लोगों की जान चली गई और सैकड़ों जानवर बाढ़ के पानी में बह गए. ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक तुषार राठौड़ और पालक मंत्री (Guardian Minister) अतुल सावे पर भी लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि विधायक संकट के दौरान मौजूद नहीं थे और पालक मंत्री विदेश दौरे पर थे. इन गंभीर आरोपों के बाद, मंत्री गिरीश महाजन ने तुरंत स्थिति का संज्ञान लिया. 

पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा 

मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि पालकमंत्री विदेश में थे, इसलिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें यहां भेजा था. उन्होंने राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की. 

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि मृत पशुओं का सर्वेक्षण करने के बाद पशुपालकों को मुआवज़ा दिया जाएगा. साथ ही, उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उच्च-स्तरीय जांच की जाएगी. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि इस जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

सरकार की बढ़ी जिम्मेदारी 

लेंडी नदी क्षेत्र में भारी बारिश हुई. बांध का जलस्तर बीस फीट बढ़ गया. जो नागरिक जाग रहे थे, उन्होंने ग्रामीणों को जगाया. लेकिन कुछ लोग गांव में ही फंस गए. इस दुर्घटना में गांव की चार महिलाओं और एक पुरुष की मौत हो गई. स्थिति बहुत गंभीर है. गांव में बड़ी संख्या में घर ढह गए हैं. ज़रूरी सामानों का भारी नुकसान हुआ है. जो कुछ जहां था, वहीं रह गया है, इसलिए सरकार की ज़िम्मेदारी बढ़ गई है. 

सभी विभागों की बैठक हो चुकी है, लेंडी बांध प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया जा चुका है, और अगर कोई खामियां हैं, तो उन्हें तुरंत ठीक करने का निर्देश दिया गया है. इस बांध में ज़मीन का अधिग्रहण लगभग 40 साल पहले हुआ था, उस समय इन किसानों को बहुत कम मुआवज़ा दिया गया था. लेकिन बांध प्रभावित किसान वर्तमान मानदंडों के अनुसार ज़मीन अधिग्रहण की मांग कर रहे हैं. विधायक तुषार राठौड़ ने जवाब दिया कि वे इन पीड़ितों को अनुग्रह अनुदान के माध्यम से मुआवज़ा दिलाएंगे. 

भारतीय सेना ने शुरू किया बचाव अभियान

भारतीय सेना के 90 जवानों ने नांदेड़ में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है, फ़िलहाल बाढ़ का पानी कम हो गया है. एसडीआरएफ की टीम ने लगभग 300 लोगों को बचाया है. इस बाढ़ से नौ गांवों के नागरिकों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, लेकिन हसनाल गांव पूरी तरह से तबाह हो गया है, सैकड़ों मवेशी लापता हैं, यह गांव पूरी तरह से वीरान हो गया है. अब सेना ने यहां एक चिकित्सा शिविर और एक अस्थायी भोजनालय स्थापित किया था, जहां मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

 

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