नदी उफान पर...बाढ़ की स्थिति, खेतों तक पहुंचने के लिए जालना के किसानों ने निकाला गजब तरीका

नदी उफान पर...बाढ़ की स्थिति, खेतों तक पहुंचने के लिए जालना के किसानों ने निकाला गजब तरीका

महाराष्ट्र के जालना जिले की भोकरदन तहसील के किसानों ने भारी बारिश और बाढ़ के कारण बनी आवागमन की मुश्किलों का समाधान खुद निकाल लिया है. पूर्णा नदी के केटी वेयर पर पानी भर जाने से नांजा गांव के किसानों को सारंग बाबा बस्ती तक पहुंचना मुश्किल हो गया था.

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नदी उफान पर...बाढ़ की स्थिति, खेतों तक पहुंचने के लिए जालना के किसानों ने निकाला गजब तरीकाFarmers built a ropeway
Story highlights
  • जालना जिले के भोकरदन तहसील के किसानों ने बनाया रोपवे
  • नांजा गांव से सारंग बाबा बस्ती तक जाने के लिए किसान ले रहे हैं रोपवे का सहारा

महाराष्ट्र के जालना जिले की भोकरदन तहसील के किसानों ने भारी बारिश और बाढ़ के कारण आ रही मुश्किलों का समाधान खुद निकाल लिया है. पूर्णा नदी के केटी वेयर पर पानी भर जाने से नांजा गांव के किसानों को सारंग बाबा बस्ती तक पहुंचना मुश्किल हो गया था. लेकिन अब किसानों ने एक कारगर रोपवे बना लिया है, जिस पर सवार होकर वे नदी पार कर रहे हैं. इस अनोखे सफर का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

भारी बारिश और बाढ़ ने बढ़ाई मुश्किलें
भोकरदन तहसील में लगातार हो रही मूसलधार बारिश से कई नदियां और नाले उफान पर आ गए हैं. खासकर नांजा गांव से बहने वाली नदी में पानी इतना बढ़ गया कि केटी वेयर पर पानी जमा हो गया. इस वजह से किसानों का आवागमन प्रभावित हुआ और वे पारंपरिक रास्तों से सारंग बाबा बस्ती नहीं पहुंच पा रहे थे.

किसानों ने खुद बनाया रोपवे, शुरू किया सफर
आवागमन की इस दिक्कत को देखते हुए स्थानीय किसानों ने मिलकर खुद एक रोपवे का निर्माण किया. यह रोपवे केटी वेयर के ऊपर बनाया गया है, जिससे वे आसानी से नदी पार कर सकें. किसानों का कहना है कि यह सफर खतरनाक है, लेकिन इससे उन्हें रोजाना जरूरी काम और अपने खेत तक पहुंचने में मदद मिल रही है.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा खतरनाक सफर
किसानों के इस अनोखे और जोखिम भरे रोपवे का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग एक-एक करके रस्सी से बंधे हुए उस पार जा रहे हैं, कभी-कभी तेज हवा और बहते पानी के बीच यह सफर बहुत ही जोखिम भरा नजर आता है. सोशल मीडिया यूजर्स इस अनोखे प्रयास की तारीफ कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसकी सुरक्षा को लेकर भी परेशान हैं.

बाढ़ और बारिश से प्रभावित भोकरदन तहसील में इस तरह के हालात में प्रशासन की ओर से जल्द राहत और स्थायी समाधान की जरूरत है. किसानों की सुविधा के लिए पुल निर्माण या सुरक्षित आवागमन के अन्य उपाय किए जाने चाहिए ताकि वे बिना खतरे के अपने काम कर सकें.

-गौरव साळी की रिपोर्ट

 

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