दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के करीब, हथिनीकुंड और वजीराबाद बैराज से छोड़ा गया पानी

दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के करीब, हथिनीकुंड और वजीराबाद बैराज से छोड़ा गया पानी

बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों के मुताबिक, यमुना का जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण हथिनीकुंड और वजीराबाद बैराज से छोड़ा जा रहा पानी है. हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे करीब  36,000 क्यूसेक और वजीराबाद बैराज से 44,320 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. इन दोनों बैराजों से छोड़ा गया पानी करीब 48 से 50 घंटे में दिल्ली पहुंचता है.

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दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के करीब, हथिनीकुंड और वजीराबाद बैराज से छोड़ा गया पानीYamuna River Flood: यमुना में रोज बढ़ रहा जलस्‍तर (सांकेतिक तस्‍वीर)

देश की राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. शनिवार शाम करीब 8 बजे ओल्ड रेलवे ब्रिज (ओल्ड यमुना ब्रिज) पर जलस्तर 205.11 मीटर दर्ज किया गया, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है. जलस्तर में हो रही यह वृद्धि बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका को बढ़ा रही है, जिस पर प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए है.

क्‍यों बढ़ रहा है जलस्‍तर  

बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों के मुताबिक, यमुना का जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण हथिनीकुंड और वजीराबाद बैराज से छोड़ा जा रहा पानी है. हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे करीब  36,000 क्यूसेक और वजीराबाद बैराज से 44,320 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. इन दोनों बैराजों से छोड़ा गया पानी करीब 48 से 50 घंटे में दिल्ली पहुंचता है. अधिकारी का कहना है कि ऊपरी क्षेत्रों से अपेक्षाकृत कम डिस्चार्ज होने के बावजूद जलस्तर बढ़ रहा है और यह लगातार चेतावनी स्तर को छू रहा है.

साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स एंड पीपल (SANDRP) के एसोसिएट कोऑर्डिनेटर भीम सिंह रावत ने कहा कि यमुना नदी में पिछले तीन दिनों से हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे 40,000 क्यूसेक से ज्‍यादा पानी छोड़ा जा रहा है. ज्‍यादा पानी छोड़े जाने की वजह से जलस्तर चेतावनी स्तर से ऊपर बना हुआ है.' उन्‍होंने कहा कि रविवार को जलस्तर में गिरावट आने की संभावना है. रावत  के अनुसार हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से बेहतर प्रवाह के कारण यमुना की स्वच्छता सुनिश्चित होगी. 

अलर्ट मोड पर सभी एजेंसियां

फिलहाल, बाढ़ नियंत्रण विभाग ने सभी संबंधित एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा है और प्रभावित इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है. निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की जा रही है. पिछले कुछ सालों में बरसात के मौसम के दौरान यमुना का जलस्तर कई बार खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे निचले क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई थी. इस बार भी यदि जलस्तर में और वृद्धि होती है तो हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ सकता है.

क्‍या कहा सिंचाई विभाग ने 

बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, दिल्ली में चेतावनी स्तर 204.5 मीटर है जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर पर है. यदि जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचता है तो निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग की तरफ से भी यही कहा गया. विभाग के अनुसार जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचने के बाद निचले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया जाएगा. दिल्ली में 2023 की बाढ़ के दौरान उच्चतम स्तर 208.66 मीटर दर्ज किया गया था, जिसमें हथिनीकुंड बैराज से अधिकतम 350,000 क्यूसेक से  ज्‍यादा पानी छोड़ा गया था. वहीं 2024 में नदी में कोई बाढ़ नहीं आई है. 

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