PM मोदी ने उदाहरण देकर समझाया, कहा- इस तरह भारत बनेगा 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी

PM मोदी ने उदाहरण देकर समझाया, कहा- इस तरह भारत बनेगा 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी

पीएम मोदी ने कहा कि नीतियों में बदलाव करने से कुछ भी संभव है. पीएम ने कहा कि आज गुजरात की अर्थव्यवस्था लगभग 260 अरब डॉलर हो गई है, जिसकी भारतीय मुद्रा में वैल्यू 21.6 लाख करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा कि 23 वर्ष का यह ट्रैक रिकॉर्ड दिखाता है कि यह रियलिस्टिक टारगेट है. 

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PM मोदी ने उदाहरण देकर समझाया, कहा- इस तरह भारत बनेगा 5 ट्रिलियन की इकोनॉमीपीएम मोदी ने कहा कि भारत 2023 में भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में बना रहा.

 इंडिया टुडे ग्रुप को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था पर खुलकर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि देश की इकोनॉमी तेज गति से आगे बढ़ रही है. आने वाले कुष वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन बनाने का लक्ष्य रखा गया है. पीएम मोदी ने इंडिया टुडे के एडिटर-इन-चीफ तथा चेयरपर्सन अरुण पुरी, वाइस-चेयरपर्सन कली पुरी और ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा से खास बातचीत में 5 ट्रिलियन इकोनॉमी से जुड़े सवाल पर कहा कि हमारा ट्रैक-रिकॉर्ड ही इसकी गारंटी है.

पीएम मोदी ने कहा कि भारत 2023 में भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में बना रहा. उन्होंने कहा कि जब 2001 में मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी तो उसकी अर्थव्यवस्था 26 अरब डॉलर यानी 2.17 लाख करोड़ रुपये थी. लेकिन साल 2014 में जब मैंने गुजरात छोड़ा तो यहां की अर्थव्यवस्था बढ़कर 133.5 अरब डॉलर की हो गई, जोकि करीब 11.1 लाख करोड़ रुपये होती है.

अर्थव्यवस्था लगभग 260 अरब डॉलर हो गई है

पीएम मोदी ने कहा कि नीतियों में बदलाव करने से कुछ भी संभव है. पीएम ने कहा कि आज गुजरात की अर्थव्यवस्था लगभग 260 अरब डॉलर हो गई है, जिसकी भारतीय मुद्रा में वैल्यू 21.6 लाख करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा कि 23 वर्ष का यह ट्रैक रिकॉर्ड दिखाता है कि यह रियलिस्टिक टारगेट है. 

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कोरोना वायरस जैसे महामारी का सामना किया

वहीं, विपक्षी पार्टियों द्वारा लगाए जा रहे है बरोजगारी और महंगाई के आरोपों पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने सदी में एक बार आने वाली कोरोना वायरस जैसे महामारी का सामना किया है. कोरोना वायरस और वैश्विक टकरावों की वजह से पूरे विश्व में फूड सप्लाई चेन नहस-तहस हो गई. इससे मंदी का दौर शुरू हो गया. लेकिन इसके बावजूद भी भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया.

उन्होंने कहा कि भारी मुश्किलों, वैश्विक संकटों, सप्लाई चेन के टूटने और भू-राजनैतिक तनावों का दुनियाभर में कीमतों पर असर पड़ा. इसके बावजूद 2014-15 और 2023-24 (नवंबर तक) के बीच औसत मुद्रास्फीति मात्र 5.1 फीसदी थी, जबकि इससे पहले के 10 वर्षों (2004-14) के दौरान यह 8.2 फीसदी थी. उन्होंने सवाल किया कि कौन-सी ज्यादा है, 5.1 फीसदी महंगाई या 8.2 फीसदी महंगाई?

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