वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मांग की है कि पंजाब सरकार हाल ही में आई बाढ़ में नष्ट हुई फसलों के लिए 20,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा तुरंत जारी करे. पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि बाढ़ से हुई तबाही इतनी व्यापक है कि कागजी कार्रवाई के नाम पर प्रारंभिक राहत में देरी नहीं की जानी चाहिए. बता दें कि पंजाब में दशकों बाद सबसे भयंकर बाढ़ आई है, जिसने राज्य में बहुत बड़े स्तर पर विनाश किया है.
बाजवा ने कहा कि पंजाब के खेत पानी और कीचड़ में डूबे हुए हैं, किसान बर्बादी की कगार पर हैं, फिर भी आप सरकार उन्हें सर्वेक्षण और गिरदावरी (नुकसान का आकलन) का इंतजार करने को कह रही है. बाजवा ने ज़ोर देकर कहा, "किसानों को आज तत्काल राहत की जरूरत है, नौकरशाही के बहानों की नहीं. 20,000 रुपये प्रति एकड़ का भुगतान तुरंत किया जाना चाहिए." उन्होंने कहा कि उचित आकलन के बाद 30,000 रुपये प्रति एकड़ की दूसरी किस्त जारी की जा सकती है, जिससे प्रभावित किसानों के लिए कुल 50,000 रुपये प्रति एकड़ का पैकेज सुनिश्चित हो जाएगा. उन्होंने कहा कि 4 लाख एकड़ उपजाऊ कृषि भूमि जलमग्न हो गई है और उन्होंने राज्य सरकार से तत्काल कार्रवाई करने की मांग की.
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, "यह 800 करोड़ रुपये की तत्काल राहत कोई बड़ी मांग नहीं है, बल्कि यह पंजाब के किसानों के लिए न्यूनतम जीवन रेखा है जिसके वे अभी हकदार हैं." बाजवा ने आगे दावा किया कि केंद्र सरकार ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष के तहत 1,582 करोड़ रुपये जारी किए, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान धनराशि वितरित करने में विफल रहे. उन्होंने कहा, "जब पंजाब के किसान आंसू बहा रहे हैं, तब पैसा बेकार क्यों पड़ा है? मूल्यांकन के नाम पर राहत राशि क्यों रोकी जा रही है? सच्चाई साफ है - सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है."
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, बाजवा ने कहा कि 31 मार्च, 2023 तक एसडीआरएफ के तहत 9,041 करोड़ रुपये का कोष था. "मुख्यमंत्री मान इस पर एक शब्द भी क्यों नहीं बोल रहे हैं?" कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि बाढ़ के बाद मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने से परहेज किया. बाजवा ने कहा कि एक असली मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के सामने खड़ा होता, अतिरिक्त मुआवजे की मांग करता और पंजाब के वाजिब हिस्से के लिए लड़ता. लेकिन भगवंत मान ने अनुपस्थित रहना चुना और पंजाब के लोगों को उनके सबसे बुरे संकट में अकेला छोड़ दिया."
बाजवा ने कहा कि किसानों को तत्काल मुआवज़ा देने के बाद, शेष धनराशि को पशुधन के नुकसान, क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत और बुनियादी ढांचे की बहाली के लिए समान रूप से वितरित किया जाना चाहिए. बाजवा ने कहा, "लेकिन लोगों के साथ खड़े होने के बजाय, आप विज्ञापन, प्रचार और बहाने बनाने में व्यस्त है."
(सोर्स- PTI)
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