आंध्र प्रदेश सरकार ने किसानों और उद्योग जगत के लिए एक बड़ा फैसला लेने जा रही है. प्रदेश के मंत्री के. श्रीनिवास ने शुक्रवार को कहा कि राज्य अपने समुद्री और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों के लिए निर्यात बाजारों में विविधता लाने पर काम कर रहा है, ताकि बढ़े हुए अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम किया जा सके और साथ ही घरेलू खपत को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित किया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों और उद्योग जगत दोनों की सुरक्षा के उद्देश्य से एक "अच्छा मॉडल" विकसित कर रहा है.
श्रीनिवास ने ये बात एक इंजीनियरिंग सम्मेलन के दौरान पीटीआई बताया. उन्होंने कहा कि राज्य अपने समुद्री और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों के लिए निर्यात बाजारों में विविधता लाने पर काम कर रहा है, ताकि अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम करके घरेलू खपत को बढ़ाया जा सके.
आंध्र प्रदेश के एमएसएमई (MSME) मंत्री का लक्ष्य राष्ट्रीय अंडा समन्वय समिति (एनईसीसी) द्वारा पोल्ट्री के लिए अपनाए गए मॉडल को अपने समुद्री उत्पादों के कीमतों को तय करना भी है, ताकि "न तो राज्य के किसान और न ही उद्योग जगत प्रभावित हों.
औद्योगिक बुनियादी ढांचे के बारे में, श्रीनिवास ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार ने 50 एमएसएमई पार्क शुरू किए हैं और 50 अन्य पार्क पूरे होने वाले हैं. उन्होंने कहा कि हम लगभग 100 पार्कों की नींव रख रहे हैं. साथ ही निजी भागीदारों को क्षेत्र-आधारित प्लग-एंड-प्ले सुविधाओं के लिए सरकारी जमीन देकर P4 मॉडल पर 75 और पार्क विकसित कर रहे हैं.
मंत्री ने आगे कहा कि राज्य वैश्विक उद्योग जगत को आकर्षित करने के लिए रक्षा, एयरोस्पेस और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में क्षेत्रीय नीतियों को भी आगे बढ़ा रहा है. साथ ही सरकार भूमि उपलब्धता और प्रोत्साहन की पेशकश कर रही है.
बता दें कि आंध्र प्रदेश का एक्वा फार्मिंग सेक्टर जो तटीय जिलों में लाखों लोगों की आजीविका का सहारा है, वो अमेरिका की तरफ से भारतीय झींगा आयात पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ से बुरी तरह प्रभावित हो गया है. ऐसे में कई किसान और निर्यातक एकजुट होकर राज्य और केंद्र सरकार से तुरंत राहत देने की भी मांग कर रहे हैं. (सोर्स- PTI)
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