Wheat Price: सरकार के खुले बाजार में गेहूं बेचने से थोक बाजार में सस्ता हुआ गेहूं, खुदरा में भी आएगी नरमी

Wheat Price: सरकार के खुले बाजार में गेहूं बेचने से थोक बाजार में सस्ता हुआ गेहूं, खुदरा में भी आएगी नरमी

खुले बाजार में थोक ग्राहकों को गेहूं की चल रही बिक्री से थोक कीमत में गिरावट शुरू हो गई है. गुजरात के जूनागढ़ जिले की विसावदर मंडी में, जो ताजी गेहूं की फसल की आवक के मामले में शीर्ष राज्य है, लोकवन किस्म (एमपी की शरबती के बराबर) की कीमतें 22 फरवरी को घटकर 2,215 रुपये प्रति क्विंटल रह गईं, जो 1 फरवरी को 2,630 रुपये प्रति क्विंटल थी.

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Wheat Price: सरकार के खुले बाजार में गेहूं बेचने से थोक बाजार में सस्ता हुआ गेहूं, खुदरा में भी आएगी नरमीकम होगी गेहूं और आटे की कीमत, फोटो साभार: Freepik

खुले बाजार में थोक ग्राहकों को गेहूं की चल रही बिक्री से थोक कीमत में गिरावट शुरू हो गई है. थोक कृषि मंडियों से बिक्री के डेटा जुटाने वाले सरकारी पोर्टल एगमार्कनेट के अनुसार गुजरात के जूनागढ़ जिले की विसावदर मंडी में, जो ताजी गेहूं की फसल की आवक के मामले में शीर्ष राज्य है, लोकवन किस्म (एमपी की शरबती के बराबर) की कीमतें 22 फरवरी को घटकर 2,215 रुपये प्रति क्विंटल रह गईं, जो 1 फरवरी को 2,630 रुपये प्रति क्विंटल थीं. वहीं सरकार ने दावा किया है कि बिक्री मूल्य में लगातार गिरावट जल्द ही खुदरा बाजार में दिखाई देगी. इसके अलावा बुधवार को तीसरे दौर की ई-नीलामी के दौरान 5.07 लाख टन गेहूं की बिक्री हुई.

दरअसल, खाद्य मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि ई-नीलामी के तीसरे दौर में अखिल भारतीय भारित औसत बिक्री मूल्य 2,172.08 रुपये प्रति क्विंटल था, जिसमें एफसीआई को 1,086.1 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. वहीं ई-नीलामी के तीसरे दौर में 1,269 व्यापारियों/मिलर्स ने भाग लिया, जोकि एक सुधार है क्योंकि दूसरे दौर में 1,060 व्यापारियों/मिलर्स ने भाग लिया और पहले दौर में 1,150 व्यापारियों/मिलर्स ने भाग लिया था. वहीं दूसरे दौर में भारित औसत बिक्री मूल्य 2,338.01 रुपये प्रति क्विंटल और पहले दौर में 2,474 रुपये प्रति क्विंटल था.

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बेची गई गेहूं की कुल मात्रा में से, 1.39 लाख टन तीन प्रमुख उत्पादक राज्यों- हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश में बेचा गया, जहां भारित औसत बिक्री मूल्य 2,148.32 रुपये प्रति क्विंटल से कम था, जबकि देश के बाकी हिस्सों में 3.68 लाख टन गेहूं औसतन 2,181.08 रुपये प्रति क्विंटल पर बिका.

गेहूं की कीमतों में गिरावट 

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवनीत चितलांगिया ने कहा, "लोकवन उपभोक्ताओं द्वारा पसंद की जाने वाली एक अच्छी गुणवत्ता वाली गेहूं की किस्म है और जब मिल गुणवत्ता वाले गेहूं की आवक शुरू होती है, तो कीमतें लगभग 200 रुपये प्रति क्विंटल तक कम हो सकती हैं." उन्होंने कहा कि बैतूल, खंडवा और आसपास के इलाकों में दुरुम किस्म की आवक शुरू हो गई है, जबकि शरबती को मंडियों में उपलब्ध होने में एक पखवाड़ा यानी 15 दिन और लगेगा. 

राजस्थान में गेहूं की आवक 20 दिनों के बाद शुरू होने की उम्मीद है और अप्रैल से आवक में सुधार होगा, जबकि पंजाब और हरियाणा में बैसाखी के बाद आवक शुरू होगी.

‘अभी अच्छी स्थिति में है गेहूं की फसल'

एफसीआई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अशोक मीणा ने गुरुवार को कहा कि गेहूं की फसल अच्छी स्थिति में है और अप्रैल से शुरू होने वाले मार्केटिंग सीजन 2023-24 में सरकार की खरीद 300-400 लाख टन "सामान्य" होगी. खाद्य मंत्रालय ने खरीद लक्ष्य तय करने के लिए एक मार्च को राज्य खाद्य सचिवों की बैठक बुलाई है.

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उन्होंने कहा कि गेहूं की चल रही बिक्री से थोक कीमतों में गिरावट आनी शुरू हो गई है और इसी तरह का असर एक हफ्ते में खुदरा कीमतों पर भी दिखने लगेगा. उन्होंने कहा कि ई-नीलामी के पहले तीन दौर में एफ़सीआई ने 18.05 लाख टन गेहूं बेचा है, जिसमें से 11 लाख टन पहले ही व्यापारियों/मिलर्स द्वारा उठा लिया गया है. अगले दौर की ई-नीलामी 1 मार्च को होगी.

उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल तक, एफसीआई के पास गेहूं का स्टॉक 113 लाख टन होने की संभावना है, और अगर ओएमएसएस के तहत पूरे 50 लाख टन को बेच दिया जाता है, तो शुरुआती स्टॉक 93 लाख टन होगा. 1 अप्रैल, 2023 के लिए बफर आवश्यकता 74 लाख टन है.

मध्य मार्च तक रिकॉर्ड तोड़ गर्मी की संभावना कम

इस बीच, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के निदेशक ए के सिंह ने गुरुवार को कहा कि अब तक तापमान के पूर्वानुमान के बारे में चिंता करने का कोई कारण नहीं है. भले ही फरवरी गर्म रहा हो, गेहूं पर कोई विपरीत प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है क्योंकि इस अवधि के दौरान फसल फूलने की अवस्था में रहती है, उन्होंने कहा, मध्य मार्च तक असमान्य रुप से रिकॉर्ड तोड़ गर्मी की स्थिति की संभावना कम है. उन्होंने कहा कि दैनिक औसत तापमान 32 डिग्री सेल्सियस को पार करने की उम्मीद नहीं है.

वहीं कृषि मंत्रालय ने चालू फसल वर्ष (जुलाई 2022-जून 2023) में गेहूं के रिकॉर्ड 112.18 मिलियन टन उत्पादन का अनुमान लगाया है.

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