कम लागत, अधिक पैदावार! कमाई की गारंटी हैं ये मूंगफली की ये दो किस्में, कृषि मंत्री ने भी की तारीफ

कम लागत, अधिक पैदावार! कमाई की गारंटी हैं ये मूंगफली की ये दो किस्में, कृषि मंत्री ने भी की तारीफ

Groundnut Farming: गुजरात दौरे पर कृषि मंत्री ने वहां के किसानों की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि यहां के मूंगफली किसान काफी मेहनती और जागरूक हैं. उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वहां के किसान मूंगफली की दो बेस्ट किस्मों की खेती करके कम लागत में बंपर उपज ले रहे हैं.

Advertisement
कम लागत, अधिक पैदावार! कमाई की गारंटी हैं ये मूंगफली की ये दो किस्में, कृषि मंत्री ने भी की तारीफशिवराज सिंह चौहान

भारत में सबसे अधिक मूंगफली की खेती गुजरात में होती है. यहां के किसान बड़ी मात्रा में मूंगफली उगाते हैं और इसकी खेती करके काफी सफल भी है. दरअसल, देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुजरात के किसानों के खेतों का दौरा करने के बाद ऐसा कहा कि यहां के किसान मूंगफली की खेती करने में वास्तव में बहुत मेहनती और जागरूक हैं. उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि जहां देश के अन्य राज्यों के किसान मूंगफली की खेती करके परेशान रहते हैं वहीं, गुजरात के किसान इन दो खास किस्मों को उगाकर कम लागत में अधिक पैदावार हासिल करके खेती की दिशा बदल रहे हैं. ये दो खास किस्में हैं गिरनार-4 और गिरनार-5, आइए जानते हैं इन दोनों किस्मों की खासियत के बारे में.

क्या है गिरनार-4 किस्म की खासियत?

गिरनार-4 मूंगफली की एक उन्नत किस्म है. इसकी खेती ने गुजरात के किसानों की दिशा बदल दी है. इस किस्म से न केवल लागत में कमी आती है, बल्कि पैदावार में भी काफी बढ़ोतरी होती है. गिरनार-4 और  गिरनार-5 मूंगफली की अन्य पुरानी किस्मों की तुलना में औसतन 500 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर अधिक उपज देती हैं. गिरनार-4 में 78.5% ओलिक एसिड पाया जाता है, जिसकी पीनट बटर, मूंगफली तेल और चॉकलेट जैसी चीजों में अत्यधिक मांग है. वहीं, इस किस्म की मांग भी काफी तेजी से बढ़ती जा रही है, जहां पुरानी किस्में अक्सर सूखा, ब्लैक फंगस और कम उत्पादन जैसी समस्याओं से जूझती थीं. वहीं, गिरनार-4 में ऐसी कोई गंभीर समस्या नहीं आती है.

कृषि मंत्री ने किसानों की तारीफ में क्या कहा?

खेतों में मूंगफली की लहलहाती फसल को देखकर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की खूब तारीफ की. उन्होंने गुजरात के मूंगफली किसानों को जागरूक और मेहनती भी बताया. उन्होंने कहा कि मेरा संकल्प है कि इस नई किस्मों का लाभ देश के हर किसान तक पहुंचे, ताकि हम अपने देश को तेल उत्पादन में भी आत्मनिर्भर बना सकें. साथ ही कृषि मंत्री ने कहा कि आईसीएआर-आईआईसीजीआर द्वारा 2021 में विकसित गिरनार-4 आज केवल एक बीज नहीं, बल्कि विकसित भारत की दिशा में एक ठोस कदम बन चुका है.

किसानों ने बताए आधुनिक मशीन के फायदे

किसानों से बातचीत के अलावा शिवराज सिंह चौहान ने खेत में मूंगफली की निराई-गुड़ाई की आधुनिक मशीन को खुद चलाकर देखा और किसानों से इसके फायदे जाने. इस मशीन से खरपतवार आसानी से निकल जाते हैं, और न ही फसल को नुकसान होता है, न ही मिट्टी को. किसानों ने बताया कि इससे काम तेज़, सटीक और कम खर्च में हो जाता है. साथ ही मजदूरी की लागत घटती है और फसल की पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है. कृषि मंत्री ने कहा कि ऐसे आधुनिक कृषि उपकरण खेती को न केवल आसान बना रहे हैं, बल्कि किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी सहायक साबित हो रहे हैं.

कृषि मंत्री को किसानों और वैज्ञानिकों ने क्या बताया?

किसानों और वैज्ञानिकों ने कृषि मंत्री को बताया कि गिरनार-4 और गिरनार-5 पुरानी किस्मों की तुलना में काफी बेहतर है. यह किस्म आज गुजरात के अधिकतर क्षेत्रों में बोई जा रही है और इसकी बाजार में मांग भी तेजी से बढ़ रही है. किसानों का कहना है कि इसकी खेती में उनकी लागत में काफी कमी आई है और अच्छी उत्पादन मिलने से उनकी कमाई भी बढ़ी है. ऐसे में इसकी मांग को देखते हुए यहां के किसान बड़ी मात्रा में मूंगफली की गिरनार-4 और गिरनार-5 किस्मों की खेती कर रहे हैं.

POST A COMMENT