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लग्जरी कार मर्सिडीज से भी महंगा है यह बैल, कीमत है 50 लाख

लग्जरी कार मर्सिडीज से भी महंगा है यह बैल, कीमत है 50 लाख

बैल तो आपने कई देखे होंगे, लेकिन क्या 50 लाख का कोई बैल देखा है? शायद नहीं. तो आइए बैल की इस अनोखी ब्रीड के बारे में बताते हैं जिसकी कीमत 50 लाख है, लेकिन वह अपने मालिकों की कमाई कई लाखों में करा देती है. यह ब्रीड आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले से ताल्लुक रखती है.

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आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले का ओंगोल बैल आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले का ओंगोल बैल

क्या आपने कभी सोचा है कि किसी बैल की कीमत 50 लाख रुपये हो सकती है? आप भले भरोसा न करें, लेकिन अपने देश में बैलों की ऐसी ब्रीड भी है जिसकी कीमत आधा करोड़ रुपये तक है. इस ब्रीड का नाम है ओंगोल. भारत की प्राचीन ब्रीड में ओंगोल का नाम है और यह आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले से निकली है. ब्रीड का नाम ओंगोल इसलिए पड़ा क्योंकि प्रकाशम में ओंगोल नाम की जगह है जहां से यह ब्रीड आती है. आप सोच रहे होंगे कि आखिर ओंगोल ब्रीड का दाम लाखों रुपये में क्यों है?

तो इसका जवाब है कि ओंगोल बैल उन कई बीमारियों से मुक्त है जो आम मवेशियों में होती हैं. मसलन खुरपका और मुंहपका बीमारी ओंगोल बैल में नहीं होती. यहां तक कि मवेशियों की सबसे खतरनाक बीमारी मैड काऊ भी ओंगोल का कुछ नहीं बिगाड़ पाती. इन तीनों बीमारियों से ओंगोल पूरी तरह से मुक्त है. यही वजह है कि ओंगोल इतने सेहतमंद और ताकतवर होते हैं कि इनका काम बड़े-बड़े सूरमा भी नहीं कर पाते.

नेशनल गेम्स में भी मिली जगह

ओंगोल के ताकत को देखते हुए आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में इनका इस्तेमाल बैलों के कंपटीशन (बुल-फाइट) में होता है. लड़ने की क्षमता को देखते हुए कई लोग इन बैलों को खरीदते हैं और इसके लिए लाखों रुपये खर्च करते हैं. ओंगोल बैल के महत्व का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि 2002 के इंडियन नेशनल गेम्स में इसी ब्रीड को शुभंकर (मैस्कॉट) का दर्जा दिया गया था. इस गेम्स में शुभंकर को वीरा नाम दिया गया था. यह वीरा ओंगोल बैल ही था.

ओंगोल बैल

ओंगोल ब्रीड में गायें भी होती हैं, लेकिन यह ब्रीड बैलों के लिए मशहूर है. इस ब्रीड के बैलों का निर्यात मैक्सिको, अमेरिका, नेदरलैंड्स, मलेशिया, ब्राजील, अर्जेंटीना, कोलंबिया, प्राग, इंडोनेशिया, वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया, फीजी, मॉरीशस और फिलीपींस में किया जाता है.

विदेश में भी पहुंची ब्रीड

चौंकाने वाली बात ये है कि ओंगोल ब्रीड से ही निकला ब्राह्मणा बुल अमेरिका ने पेटेंट करा लिया है. अब इस ब्रीड को भारत या कोई और देश नहीं ले सकता. इसी तरह ब्राजील ने भी ओंगोल का ब्रीड तैयार किया है जिसका नाम है नेल्लोर. ये भी पेटेंट है और ये सभी ब्रीड ओंगोल बैल से ही तैयार किए गए हैं.

बैल और सांडों में जो सबसे भारी और ताकतवर ब्रीड होती है, उनमें ओंगोल भी एक है. नर ओंगोल का वजन लगभग आधा टन होता है और ऊंचाई 1.7 मीटर तक होती है. फीट में कहें तो ओंगोल की ऊंचाई साढ़े पांच फुट होती है, लेकिन इसमें डील (पीठ पर बना हुआ हंप) शामिल नहीं है. डील के साथ इस बैल की ऊंचाई छह फीट तक होती है. इस बैल की लंबाई लगभग 1.6 मीटर यानी कि साढ़े पांच फीट के आसपास होती है.

पुराने जमाने का ट्रैक्टर है यह बैल

पुराने जमाने में जब ट्रैक्टर नहीं था और कृषि के साधन नहीं थे, तो यही बैल खेती में काम आता था. यह बैल किसी भी मौसम में बराबर काम करता है और इस पर किसी बीमारी का असर नहीं होता. जहां तक खाने की बात है तो इसका भोजन सामान्य होता है जिसमें काला चना सबसे अधिक शामिल होता है.

प्रकाशम जिले का ओंगोल बैल

ओंगोल बैल की कीमत की बात करें तो इसका कोई फिक्स रेट नहीं है. लेकिन सबसे जुझारू या लड़ाकू बैल की कीमत 50 लाख रुपये तक जा सकती है. बैल का रेट इस बात पर निर्भर करता है कि वह बुल-फाइट और बैलों के कंपटीशन के लिए कितना मुफीद है. 

ओंगोल की खासियत

ओंगोल का सबसे अधिक इस्तेमाल बैलों के कंपटीशन में होता है. ये कंपटीशन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु में बड़े पैमाने पर आयोजित हो रहे हैं. इस मुकाबले में ओंगोल बैल की जो जोड़ी जीतती है उसे अवॉर्ड में ट्रैक्टर से लेकर नकद में सवा लाख रुपये तक का इनाम मिलता है. इसका मतलब हुआ कि ओंगोल की जोड़ी अगर मुकाबले में जीत जाए तो 15-20 लाख का ट्रैक्टर दिलाने के साथ कैश में लाख रुपये तक आराम दिला सकती है. यही वजह है कि लोग लाखों रुपये खर्च कर ओंगोल बैल को खरीदते हैं और पालते हैं.