भारत में धान की खेती न केवल कमाई के लिए बल्कि खाद्य सुरक्षा के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण है. यहां की आधी आबादी धान यानी चावल को प्राथमिकता देती है. यही वजह है कि धान की खेती किसानों के लिए हमेशा फायदे का सौदा होती है. मानसून के मौसम में किसान धान की खेती करना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं. लेकिन इन दिनों धान की खेती एक चुनौती बन गई है. आपको बता दें कि भूजल की कमी के कारण सरकार किसानों से धान की खेती कम करने या न करने की अपील कर रही है. इतना ही नहीं पंजाब और हरियाणा में तो सरकार किसानों को धान की खेती न करने पर पैसे भी दे रही है. वहीं दूसरी ओर धान की खेती न करने से होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए कृषि वैज्ञानिक धान की ऐसी किस्में तैयार करते नजर आ रहे हैं, जिन्होंने इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक ऐसी किस्म तैयार की है जिससे किसानों को काफी फायदा होगा.
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR-IARI), नई दिल्ली के वैज्ञानिक डॉ. विश्वनाथन सी. और उनकी टीम ने एक खास किस्म की चावल की फसल विकसित की है – Pusa Rice DSTI. यह किस्म CRISPR-Cas9 तकनीक से विकसित की गई है, जो एक अत्याधुनिक जैव प्रौद्योगिकी है. यह चावल की किस्म खासतौर पर सूखा और खारे पानी जैसी कठिन परिस्थितियों में भी अच्छी पैदावार देती है.
Pusa Rice DSTI में कम संख्या में स्टोमाटा (stomatal density) होते हैं, जिससे पौधे को कम पानी की जरूरत होती है. यह विशेषता इसे सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए आदर्श बनाती है, जहां सिंचाई की सुविधा कम होती है.
इस नई किस्म में अधिक टिलर (पौधे की शाखाएं) निकलते हैं, पत्तियां बड़ी होती हैं और बालियों में ज्यादा दाने आते हैं. इससे किसान को प्राकृतिक स्थिति में भी बेहतर उत्पादन मिलता है.
Pusa Rice DSTI सिर्फ कठिन परिस्थितियों में ही नहीं, बल्कि सामान्य मौसम में भी अच्छी पैदावार देती है. इससे किसानों को हर परिस्थिति में लाभ मिलता है.
यह चावल की किस्म सूखे और खारे पानी दोनों तरह के तनाव को सहन कर सकती है. इसलिए यह भारत के उन क्षेत्रों में बेहद उपयोगी हो सकती है, जहां पानी की गुणवत्ता या मात्रा एक बड़ी चुनौती है.
Pusa Rice DSTI आने वाले समय में भारतीय किसानों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है. यह नई तकनीक पर आधारित किस्म खेती को न सिर्फ ज्यादा उपज देने वाली बनाती है, बल्कि पानी की कमी और मिट्टी के खारेपन जैसी बड़ी समस्याओं का भी समाधान देती है.
Pusa Rice DSTI, भारतीय कृषि की दिशा बदलने वाली एक महत्वपूर्ण खोज है. कम पानी, अधिक उत्पादन और तनाव सहन करने की क्षमता इस किस्म को भविष्य की स्मार्ट खेती का हिस्सा बनाती है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today