कलेक्टरेट ऑफिस के काटते रहे चक्कर लेकिन नहीं हुई सुनवाई, माफिया से परेशान किसान ने सुनाई आपबीती

कलेक्टरेट ऑफिस के काटते रहे चक्कर लेकिन नहीं हुई सुनवाई, माफिया से परेशान किसान ने सुनाई आपबीती

आपको बता दें वायरल वीडियो में शंकरलाल ने दावा किया कि कई शिकायतों के बावजूद माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे उन्हें अधिकारियों का ध्यान अपनी तरफ करने के लिए इस तरह से गुहार लगानी पड़ी. किसान ने यह भी दावा किया है कि वह कम से कम 25 बार कार्यालय के चक्कर लगा चुका है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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कलेक्टरेट ऑफिस के काटते रहे चक्कर लेकिन नहीं हुई सुनवाई, माफिया से परेशान किसान ने सुनाई आपबीतीबुजुर्ग किसान का वायरल वीडियो

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के एक किसान का वीडियो सोशल मीडिया पर जम कर वायरल हो रहा है. जिसमें वह शिकायत लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचा जहां उसने अपनी शिकायत पर सुनवाई करने की गुहार लगाते हुए आरोप लगाया कि उसकी सुनवाई नहीं हो रही है. जिसके बाद अपनी बातों को मंगवाने के लिए वो जमीन पर लोटने लगा. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हड़कंप मच गया. वहीं घटना का वीडियो देखने के बाद कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने इस पूरी घटना पर अपनी सफाई दी है.

वीडियो में शंकरलाल ने किया दावा

आपको बता दें वायरल वीडियो में शंकरलाल ने दावा किया कि कई शिकायतों के बावजूद माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे उन्हें अधिकारियों का ध्यान अपनी तरफ करने के लिए इस तरह से गुहार लगानी पड़ी. जनसुनवाई के दौरान शंकरलाल ने जिला प्रशासन को आवेदन दिया. प्रशासन ने स्पष्ट किया कि विवादित जमीन पर अभी भी शंकरलाल का कब्जा है.

जमीन को लेकर था विवाद

स्थानीय प्रशासन की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कुल 3.52 हेक्टेयर जमीन शंकरलाल और संपत बाई के बीच बराबर-बराबर बंटी हुई है. 2010 में संपत बाई ने अपनी जमीन का एक हिस्सा अश्विन नाम के व्यक्ति को बेच दिया, जिसने जमीन पर कब्जा नहीं किया.

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प्रशासन ने दी जानकारी

प्रशासन के अनुसार, शंकरलाल के पास न केवल अपनी जमीन है, बल्कि वह जमीन भी है जो संपत बाई ने अश्विन को बेची थी. हालांकि, शंकरलाल ने आरोप लगाया, "स्थानीय माफिया उस जमीन को निशाना बना रहा है जिस पर वह और उनका परिवार संयुक्त रूप से रहता है."

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

केंद्र की एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा, 'यह वीडियो मोदी सरकार के तहत किसानों की स्थिति को बयां करता है.' कांग्रेस ने कहा, "मध्य प्रदेश के मंदसौर में एक बेबस किसान सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाता रहा, लेकिन उसकी फरियाद कहीं नहीं सुनी गई. कहीं रिश्वत मांगी गई तो कहीं लोगों को बिना सुनवाई के भगा दिया गया. आखिरकार तंग आकर किसान को यह कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा."

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जिला प्रशासन कर रहा जांच

सीतामऊ के तहसीलदार मनोहर लाल वर्मा का कहना है कि शंकर लाल की जमीन पर माफिया द्वारा कब्जा करने की कोई घटना अभी तक सामने नहीं आई है. पूरे आवेदन की जांच की जा रही है. यह मामला जमीन खरीद से जुड़ा है. अश्विन देशमुख ने वर्ष 2010 में जमीन खरीदी थी. ऐसे में प्रशासन इस बात की जांच कर रहा है. 

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