
बारिश और बाढ़ के बाद उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान, गुजरात समेत कई राज्यों में जलजनित संक्रामक रोगों का प्रकोप बढ़ गया है. सर्वाधिक तेजी से मौसमी फ्लू के मामले सामने आ रहे हैं. जबकि, त्वचा संबंधी रोगों भी सरकारी अस्पतालों में रिपोर्ट किए जा रहे हैं. एमपॉक्स समेत इन संक्रामक रोगों की रोकथाम और बचाव के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है, जिसमें इन रोगों को फैलने से रोकने के तरीके बताए गए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार बारिश और बाढ़ के कारण ग्रामीण व शहरी इलाकों में रुके हुए पानी और गंदगी के कारण कई प्रकार की जलजनित संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं. इनमें त्वचा से जुडे़ रोग जैसे फोड़े-फुंसी, सर्दी-जुकाम के साथ बुखार, खांसी और गले में टॉन्सिल स्वेलिंग के केस तेजी से सामने आ रहे हैं. वहीं, सीजनल फ्लू में अचानक बुखार, गले में खराश, सूखी खांसी, सिर और बदन दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों के साथ ही आंखों में दर्द, थकान, कमजोरी जैसे लक्षण दिख सकते हैं. वहीं, बच्चों को सीजन फ्लू के कारण उल्टी और दस्त की शिकायत भी हो सकती है. ऐसा होने पर डॉक्टर की सलाह लें और इन बातों का ध्यान रखें ताकि अन्य लोगों तक यह संक्रमण न फैले.
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एमपॉक्स रोग मंकीपॉक्स वायरस के कारण होने वाला एक संक्रामक रोग है. इसके शुरुआती लक्षणों में शरीर पर दाने, तेज बुखार, ज्यादा कमजोरी, लसिका ग्रंथियों में सूजन आदि शामिल हैं. यह एक खुद से ही सीमित होने वाली बीमारी है और इसके लक्षण दो से चार हफ्ते तक बने रह सकते हैं. इस रोग से बचने के लिए समय पर उचित देखभाल और इलाज जरूरी है. मंकीपॉक्स के पीड़ित रोगी के संपर्क में आने पर भी यह रोग हो सकता है. हालांकि, भारत में मंकीपॉक्स का आखिरी मरीज मार्च 2024 में केरल में मिला था.
मंकी पॉक्स को लेकर देशभर में एडवाइजरी जारी की गई है तो वहीं, उत्तर प्रदेश में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर है. यहां सभी जनपदों के एंट्री प्वाइंट्स पर स्क्रीनिंग होगी. इससे संदिग्ध मरीजों का चिन्हीकरण, सैंपल कलेक्शन और उपचार में आसानी होगी. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न घोषित किया है. इस संंबंध में यूपी में राज्य स्तरीय हेल्पलाइन नंबर 18001805145 जारी किया गया है.
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