फलों में पपीते का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है. यह फल पकाकर और कच्चा दोनों तरीके खाया जाता है. भारत के अधिकांश हिस्सों में इसकी खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है. पपीते में भरपूर मात्रा में पौष्टिक आहार पाया जाता है. इसमें विटामिन-ए पाया जाता है. यह कई बीमारियों में लाभदायक माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पपीता का सबसे अधिक उत्पादन किस राज्य में होता है? यानी कहां से पूरे देश में सबसे अधिक आता है पपीता. इसके लिए पढ़ें ये रिपोर्ट-
पपीता उत्पादन के मामले में गुजरात देश के सभी राज्यों में अव्वल है. यहां की मिट्टी और जलवायु पपीता की खेती के लिए काफी बेहतर हैं. इस वजह से सबसे अधिक पपीते की खेती गुजरात में होती है. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल उत्पादित होने वाले पपीते में अकेले 20.37 फीसदी उत्पादन करता है.
पपीता उत्पादन के मामले में गुजरात के बाद दूसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश है. जहां कुल 18.68 फीसदी पपीते का उत्पादन किया जाता है, तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र है, जहां कुल 10.58 फीसदी का उत्पादन होता है. इसके साथ ही चौथे पायदान पर मध्य प्रदेश है. इस राज्य ही हिस्सेदारी जहां 10.49 प्रतिशत पपीते का उत्पादन किया जाता है. फिर छत्तीसगढ़ है, जहां 7.13 फीसदी उत्पादन होता है. इसके बाद पश्चिम बंगाल है. इस राज्य की हिस्सेदारी 6.57 फीसदी पपीते का उत्पादन किया जाता है. वहीं ये 6 राज्य मिलकर 75 फीसदी पपीते का उत्पादन करते हैं.
पपीता खाने के कई फायदे हैं, यह न केवल एक स्वादिष्ट फल है, बल्कि इसे खाने से कई स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं. पपीता पाचन में सुधार करता है, कब्ज से राहत देता है और आंखों की रोशनी के लिए अच्छा होता है. इसके अलावा पपीता वजन घटाने, हृदय स्वास्थ्य और सूजन को कम करने में भी मदद करता है.
पपीते की अच्छी खेती गर्म नमी युक्त जलवायु में की जा सकती है. पपीता बहुत ही जल्दी बढने वाला पौधा है. इसे साधारण ज़मीन, थोड़ी गर्मी और अच्छी धूप मिले तो इसके पौधे अच्छे से पनपते हैं. पपीता की खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी जिसमें जलनिकास हो उसे उपयुक्त माना जाता है. वहीं, पौधे लगाने से पहले खेत की अच्छी तरह तैयारी करके खेत में बीज डाल दें.
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