संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) की ओर से जल्द ही देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा. बीते दिनों दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा गैर-राजनीतिक की गांधी शांति प्रतिष्ठान में आयोजित बैठक में इस संबंध का निर्णय लिया गया है. तीनों कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डरों पर हुए आंदोलन की अगुवाई करने वाले संयुक्त किसान माेर्च ने इस बार किसानों की कर्जमुक्ति, सभी मुक्त व्यापार समझौतों को रद्द करने और MSP गारंटी कानून की मांग को लेकर आंदोलन करने का फैसला लिया है. बीते दिनों गांधी शांति प्रतिष्ठान में हुई बैठक में मोर्चे से जुड़े देशभर से लगभग डेढ़ सौ किसान नेताओं ने प्रतिभाग किया. बैठक में कुछ महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी पास किए गए.
बीतेे दिनों आयोजित हुई बैठक का स्वागत भाषण गुरिंदर सिंह भंगू ने दिया. आज इस सम्मेलन की अध्यक्षता किसान नेता सरदार जगजीत सिंह दल्लेवाल ने की. सेमीनार का शुभारंभ शिवकुमार कक्का ने किया. उन्होंने किसान आंदोलन के शहीदों को नमन करते हुए दो मिनट का मौन रखा. मुख्य वक्ता विजय प्रकाश जैन ने अपने संबोधन में कहा कि किसानों के साथ व्यापारी, मजदूर व बेरोजगार को मिलकर कॉरपोरेट्स के खिलाफ इस लड़ाई को लड़ना होगा.
एफडीआई व ई-कॉमर्स के एक्सपर्ट परमिंदर सिंह व हाॅकर्स फेडरेशन के धमेंद्र सिंह ने भी बैठक को सम्बोधित किया. बैठक में ये तय किया गया कि आने वाले दिनों में सभी राज्यों में इसी तरह की बैठकें आयोजित की जाएंगी. जिसमें कृषि में बढ़ते काॅरपोरेट के एकाधिकार के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. कर्नाटक के किसान नेता क़ुर्बरु शांताकुमार, आत्माराम झोरड़, जरनैल सिंह चहल और केवी बीजू सहित कई लोग मौजूद रहे. सेमिनार में निम्नलिखित मुद्दों पर देशव्यापी आन्दोलन को तेज करने का निर्णय लिया गया
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