एसकेएम आज गणतंत्र द‍िवस पर देश भर में न‍िकालेगा ट्रैक्टर परेड, जान‍िए क्या है टाइम और एजेंडा

एसकेएम आज गणतंत्र द‍िवस पर देश भर में न‍िकालेगा ट्रैक्टर परेड, जान‍िए क्या है टाइम और एजेंडा

एक तरफ देश भर में सरकार के व‍िरोध में एसकेएम ट्रैक्टर परेड न‍िकाल रहा है तो दूसरी ओर सरकार ने 1500 प्रगत‍िशील क‍िसानों को गणतंत्र द‍िवस के मुख्य कार्यक्रम में व‍िशेष अत‍िथ‍ि के तौर पर सरकारी मेहमान के तौर पर द‍िल्ली बुलाया हुआ है. दोनों पक्ष अपनी ओर से अपना-अपना संदेश देने की कोश‍िश कर रहे हैं. एसकेएम क‍िसानों से द‍िलाएगा ये शपथ.

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एसकेएम आज गणतंत्र द‍िवस पर देश भर में न‍िकालेगा ट्रैक्टर परेड, जान‍िए क्या है टाइम और एजेंडाट्रैक्टर मार्च के जर‍िए शक्त‍ि प्रदर्शन करेगा एसकेएम (File Photo).

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) आज गणतंत्र द‍िवस पर देश के अध‍िकांश ज‍िला मुख्यालयों पर ट्रैक्टर परेड न‍िकालेगा. लेक‍िन यह परेड तब न‍िकलेगी जब उस ज‍िले में गणतंत्र द‍िवस पर आयोज‍ित मुख्य सरकारी कार्यक्रम खत्म हो चुका होगा. ताक‍ि सरकारी कार्यक्रम में बाधा न पड़े और क‍िसान अपनी ट्रैक्टर परेड के जर‍िए सरकार के ख‍िलाफ जनता तक बात भी पहुंचा सकें. इसल‍िए ज्यादातर जगहों पर 11 बजे के बाद ही यह परेड न‍िकलने की संभावना है. दरअसल, अब बैलों की बजाय ट्रैक्टर क‍िसानों की नई पहचान बन चुका है इसल‍िए इसकी परेड के जर‍िए ही क‍िसान अपनी मांगों को लेकर सरकार को ताकत द‍िखाएंगे. खासतौर पर एमएसपी गारंटी की मांग इस परेड में उठाई जाएगी.  

दूसरी ओर इस परेड को जवाब देने के ल‍िए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में होने वाले मुख्य परेड में करीब 1500 क‍िसानों को व‍िशेष अत‍िथ‍ि के तौर पर बुला रखा है. संभवत: आजादी के बाद पहली बार क‍िसान सरकारी खर्चे पर गणतंत्र द‍िवस के राष्ट्रीय कार्यक्रम में मेहमान बनाकर बुलाए गए हैं. ये सभी प्रगत‍िशील क‍िसान हैं. बृहस्पत‍िवार को कृष‍ि मंत्री और कृष‍ि वैज्ञान‍िक देश भर से आए इन क‍िसानों से रूबरू हुए थे. मतलब 26 जनवरी पर क‍िसानों के ल‍िए सरकार अलग संदेश दे रही है और संयुक्त क‍िसान मोर्चा अलग. 

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एसकेएम क‍िसानों से द‍िलाएगा ये श‍पथ 

एसकेएम ने कहा है क‍ि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की किसान विरोधी, मजदूर विरोधी और जन विरोधी नीतियों के खिलाफ पूरे भारत में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर और वाहन परेड न‍िकलेगी. इस अवसर पर क‍िसानों को शपथ लेने  के लिए एक संदेश जारी किया गया है. दावा क‍िया गया है क‍ि इसमें ट्रेड यून‍ियनें भी ह‍िस्सा लेंगी. 

फ‍िलहाल, एसकेएम ने जो शपथ बनाई है उसे जान लेते हैं. इसमें कहा गया है क‍ि "हम भारत के संविधान द्वारा गारंटीकृत हमारे गरिमापूर्ण जीवन और आजीविका की रक्षा के लिए गंभीरता से संघर्ष करने की शपथ लेते हैं. हम अपने साथी ग्रामीणों को सांप्रदायिक एजेंडे के हमले के बारे में जागरूक करने की भी शपथ लेते हैं, जो हमारे समाज के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बर्बाद कर रहा है." 

इस शपथ के तहत इन बातों का व‍िरोध करेंगे क‍िसान 

  • बिजली और कृष‍ि मशीनरी सहित महंगे इनपुट. 
  • अपने बाज़ारों के अनुरूप फसल पैटर्न को बदलने. 
  • कृषि सब्सिडी बंद करने. 
  • फसलों का सुनिश्चित मूल्य निर्धारण और खरीद न करने. 
  • खाद्य भंडारण को नियंत्रित करके मुनाफाखोरी करने. 
  • खाद्य प्रसंस्करण और खाद्य बाजारों पर कब्जा करने.
  • गरीबों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली की सुरक्षा को कमजोर करने. 
  • कृषि भूमि, वन और जल संसाधनों पर कब्ज़ा करके उनका व्यावसायीकरण करने. 
  • जाति-वर्चस्व पर आधारित मनुवादी सिद्धांतों.

सामूह‍िक रूप से लड़ने की शपथ 

एसकेएम ने कहा क‍ि हम इस दिन सभी प्रकार के अन्याय, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक दमन और विशेष रूप से लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हनन के खिलाफ सामूहिक रूप से लड़ने की शपथ लेते हैं. हम अपने संविधान में निहित सभी लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और आधुनिक विकास से संबद्ध अधिकारों का सम्मान करने और उन पर जोर देने की शपथ लेते हैं. हम देश की विविधता की रक्षा के लिए पूरे भारत के लोगों के एकजुट और लोकतांत्रिक आंदोलन को जीवंत बनाने की शपथ लेते हैं.   

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