भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत सोमवार को यूपी के संभल जिले के चंदौसी जिले में पहुंचे. जहां राकेश टिकैट ने बीकेयू कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से मुलाकात की. वहीं, बीकेयू कार्यकर्ताओं ने भी राकेश टिकैत का स्वागत किया. इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान टिकैत ने एक बार फिर दावा किया है कि 2024 चुनाव से पहले आंदोलन होगा. राकेश टिकैत ने कहा कि इस देश में आंदोलन होते रहेंगे और आंदोलन ही इस देश को बचाएगा. जब इस देश में आंदोलन चलते रहेंगे तो सरकार खुद सचेत हो जाएगी और अगर आंदोलन कमजोर पड़ गए तो सरकार अपनी नीति लेकर आएगी.
इस बार बीकेयू नेता राकेश टिकैत सिर पर भगवा पगड़ी पहने नजर आए ना कि हरे रंग का. लेकिन जब उनसे भगवा रंग को लेकर सवाल किया गया तो वह अपनी पगड़ी के भगवा रंग की तुलना तिरंगे से करते दिखे और फिर बाद में सभी को भगवा पहनने की सलाह दे डाली.
बीकेयू द्वारा आयोजित की जा रही महापंचायतों और आगामी चुनावी रणनीति के सवाल पर बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा चुनाव से कोई संबंध नहीं है और न ही हम चुनाव लड़ रहे हैं. बल्कि राजनीतिक दल चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन सरकार जो भी गलत नीति अपनाएगी हम उसका विरोध जरूर करेंगे. टिकैत ने कहा कि कानून तो वापस हो गए हैं लेकिन देश में कुछ ऐसे अनाधिकारिक कानून आ रहे हैं और खाद्य सुरक्षा पर देश के बड़े घरानों का कब्जा हो गया है.
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इसलिए आने वाले समय में यह रोटी बंद कर दी जाएगी. उस पर बंदूकों का पहरा होगा और हालात ऐसे होंगे कि रोटियों पर ताला लग जाएगा और फिर अकाल के समय रोटियों की कीमत बढ़ जाएगी. लेकिन अगर तेलंगाना नीति पूरे देश में लागू हो जाए तो किसानों को इसका कुछ फायदा मिल सकता है. जिसे वहां प्रति एकड़ दस हजार रुपये सालाना मिलते हैं, लेकिन यहां किसान को सालाना छह हजार रुपये मिलते हैं, चाहे वह ढाई एकड़ का हो या पांच एकड़ का.
टिकैत ने कहा कि जब सरकार ने फसलों के लिए एमएसपी दरें लागू की हैं, तो बिजली कर भी लगाया जाना चाहिए. 7 से 8 राज्यों में बिजली बिल्कुल मुफ्त है. हरियाणा में हॉर्स पावर का रेट 15 रुपये है और हमारे यहां हॉर्स पावर का रेट 17.5 रुपये है. टिकैत ने कहा कि ये लोग गांव की अर्थव्यवस्था को खत्म करना चाहते हैं और जमीनें छीनना चाहते हैं. योजनाएं सरकारी हों या निजी, जमीन जरूर छीनी जा रही है.
राकेश टिकैत ने कहा कि इस देश में आंदोलन होते रहेंगे और आंदोलन ही इस देश को बचाएगा. जब इस देश में आंदोलन चलेंगे तो सरकार खुद सचेत हो जाएगी और अगर आंदोलन कमजोर पड़ गए तो सरकार अपनी नीति लेकर आएगी. इसलिए हम किसी सरकार से नहीं बल्कि सरकार की नीतियों से नाराज हैं. आज बिहार में उनकी सरकार नहीं है बल्कि वहां किसी और की सरकार है, लेकिन हम वहां भी गए थे और अगले तीन-चार दिनों में फिर वहां जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ में जमीन अधिग्रहण के मामले चल रहे हैं और वहां भी कोई भाजपा की सरकार नहीं है. इसलिए सरकार जो भी गलत फैसला लेगी हम उसका विरोध करेंगे.
वहीं 2024 के चुनाव से पहले बीजेपी सरकार द्वारा मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन शुरू करने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि आंदोलन तो होंगे ही. इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब बीकेयू प्रवक्ता राकेश टिकैट से इस बार भगवा रंग की पगड़ी पहनने को लेकर सवाल पूछा गया तो राकेश टिकैट ने कहा कि तिरंगे का रंग भगवा क्यों है. लेकिन जब उन्हें बताया गया कि तिरंगे में तीन रंग हैं तो टिकैत ने कहा कि हमारे तिरंगे में भी तीन रंग हैं. टिकैत ने कहा कि हम कहते हैं कि हर किसी को सिर पर भगवा पहनना चाहिए क्योंकि भगवा रंग किसी पार्टी का नहीं है. संभल से अभिनव माथुर की रिपोर्ट)
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