चावल के दामों में भारी उछाल, ढाई साल के उच्च स्तर पर पहुंचा भाव, जानें वजह

चावल के दामों में भारी उछाल, ढाई साल के उच्च स्तर पर पहुंचा भाव, जानें वजह

भारत में चावल पिछले 15 दिनों में 10 प्रतिशत बढ़कर लगभग 30 महीने के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया है. निर्यातकों के अनुसार FCI की खरीदी के कारण चावलों की कीमतों में इजाफा देखा जा रहा है. इसके अलावा और भी कई वजहें हैं, जिससे भाव में वृद्धि हुई है.

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चावल के दामों में भारी उछाल, ढाई साल के उच्च स्तर पर पहुंचा भाव, जानें वजहभारत में चावल की कीमतों में बढ़ोतरी, Photo: Freepik

देश में चावल की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह लगभग सभी घरों में हर रोज बनने वाला अनाज है. इस कारण इसकी बाजार में मांग बनी रहती है. भारत में चावल पिछले 15 दिनों में 10 प्रतिशत बढ़कर लगभग 30 महीने के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया है. निर्यातकों और व्यापारियों ने कहा कि केंद्रीय पूल के लिए भारतीय खाद्य निगम द्वारा अधिक चावल की खरीद और वैश्विक मुद्रा में उतार- चढ़ाव के कारण कीमतों में उछाल आया है.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अनाज वितरण की योजना को समाप्त कर कई अन्य कल्याणकारी योजनाओं को चलाया जा रहा है, जो अतिरिक्त योजनाएं चलाई जा रही हैं. ये भी कीमतें बढ़ने का कारण हैं क्योंकि जिन लोगों को इस योजना के तहत चावल मिल रहा था. वे अब ओपन मार्केट से चावल खरीद रहे हैं. 

MSP स्तर के करीब

नई दिल्ली के निर्यातक राजेश पहाड़िया जैन ने कहा कि निर्यातकों को चावल प्राप्त करने के लिए एफसीआई के साथ होड़ लगानी पड़ती है, जिसके कारण चावल की कीमतें बढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि FCI हर साल खरीफ चावल की कीमत साल-दर साल 20 फीसदी अधिक हो गई है.

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बल्क लॉजिक के निदेशक वीआर विद्यासागर ने bussinessline से बातचीत कर कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में चावल के कीमत 22,000 प्रति टन से लगभग 30 फीसदी बढ़कर 29,000 रुपये प्रति टन हो गया है. कृषि मंत्रालय की एक इकाई एगमार्कनेट पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार पिछले सप्ताह धान की कीमत 2,419.46 प्रति क्विंटल थी, जो एक साल पहल 2,054 निर्धारित किया गया है. उपभोक्ता मामलों के आंकड़ों से पता चलता है कि चावल के औसत थोक मूल्य वर्तमान में 3,328.43 प्रति क्विंटल है जो साल दर साल 9.12 फीसदी अधिक है. साथ ही उन्होंने बताया कि कीमतों में सबसे अधिक बढ़ोतरी पिछले हफ्ते हुई है. चावल की कीमतें MSP स्तर तक बढ़ गई हैं.

अभी भी कीमतों में बढ़ोतरी जारी है

थाई राइस एक्सपोर्टर्स के मुताबिक दिसंबर के तीसरे हफ्ते से भारत में 5 फीसदी टूटे सफेद चावल की कीमत 40 डॉलर प्रति टन बढ़कर 443-47 डॉलर प्रति टन हो गई है. तो वहीं 25 फीसदी टूटे सफेद चावल की कीमत 50 डॉलर बढ़कर 428-32 डॉलर हो गई है. बल्क लॉजिक के निदेशक ने कहा की भारतीय चावल अभी भी होड़ में बना है. उन्होंने आगे कहा कि चीन में नव वर्ष में बाजार खुलने के बाद भारतीय चावल की कीमत एक सप्ताह के समय में 450 डॉलर के ऊपर पहुंच जाएगी, यह देखना होगा कि फरवरी में वियतनाम बाजार कैसा खुलता है. 

कीमतों में हो सकती है कमी

चावल निर्यातक संघ के अध्यक्ष बीवी कृष्ण राव ने कहा घरेलू बाजार में केवल वास्तविक मिलर्स ही चावल की खरीदी कर रहे हैं. थाईलैंड में नई फसल के आते ही कीमतों में बदलाव देखा जा सकता है. इसके अलावा वियतनाम बाजार खुलने के बाद कीमतें सही होने की उम्मीद लगाई जा रही है. निर्यातक जैन ने कहा कि कि FCI अपनी खरीद बंद करेगा तो बाजार में सिर्फ व्यापारी ही रहेंगे इससे कीमतें नीचे आएंगी. 

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