scorecardresearch
Heat Stress: पोल्ट्री फार्म के शेड में किया ये खास काम तो नहीं घटेगा अंडे का उत्पादन, पढ़ें डिटेल 

Heat Stress: पोल्ट्री फार्म के शेड में किया ये खास काम तो नहीं घटेगा अंडे का उत्पादन, पढ़ें डिटेल 

दक्षिण और उत्तर भारत के कई राज्यों में गर्मी ने अभी से अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है. तमिलनाडू, कर्नाटक, ओड़िशा, पूर्वी भारत में पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार समेत उत्तर प्रदेश में लगातार तापमान चढ़ रहा है. लू भी चलने लगी है.

advertisement
Poultry farming Poultry farming

चढ़ते तापमान को लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) अप्रैल की शुरुआत में ही चेतावनी दे चुका था. और हुआ भी ठीक वैसा ही. अप्रैल खत्म होने से पहले-पहले कई राज्यों के बहुत सारे शहरों में तापमान 40 डिग्री पर पहुंच चुका है. चढ़ता तापमान इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षियों के लिए भी परेशान करने वाला होता है. गर्मी तेज होते ही पशु-पक्षियों की उत्पादन क्षमता भी कम हो जाती है. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि मुर्गियां भी तापमान बढ़ने पर हीट स्ट्रैस का शिकार होती है. 

इसके चलते मुर्गी जहां अंडे देना कम कर देती हैं, वहीं ब्रॉयलर मुर्गे (चिकन) की ग्रोथ नहीं हो पाती है. लेकिन ऐसे मौसम में अगर पोल्ट्री फार्म में कुछ सावधानियां बरती जाएं तो मुर्गियों को हीट स्ट्रैस का शिकार होने से बचाया जा सकता है. ऐसा करने से अंडे और चिकन के उत्पादन में भी कोई कमी नहीं आएगी. 

ये भी पढ़ें: Goat Farming: सिर्फ 25 रुपये में गाभिन होगी बकरी, सीमेन देने वाले बकरे की मिलेगी फुल डिटेल

25-26 डिग्री रखा तापमान तो नहीं होगी परेशानी

पोल्ट्री एक्सपर्ट मनीष शर्मा ने किसान तक को बताया कि अंडे देने वाली लेयर मुर्गियां हो या फिर ब्रॉयलर चिकन सभी को 25 से 26 डिग्री तापमान की जरूरत होती है. अगर तापमान इससे कम या ज्यादा होता है तो मुर्गियां परेशान होने लगती हैं. मुर्गियों को मौसम की इस परेशानी से बचाने के लिए पोल्ट्री फार्म में तापमान बताने वालीं डिवाइस लगाई जाती हैं. अब गर्मी का मौसम है तो तापमान ऊपर जा रहा है. अंडा देने वाली मुर्गियां और चिकन वाले ब्रॉयलर मुर्गे गर्मी की चपेट में न आएं और उन्हें ठंडक मिलती रहे इसके लिए पोल्ट्री  फार्म में बड़े-बड़े कूलर लगाए जाते हैं. 

जानें एक साल में कितने अंडे देती है मुर्गी 

ऐसा कहा जाता है कि मुर्गी हर रोज एक अंडा देती है. लेकिन ये सच नहीं है. मुर्गी साल के 365 दिन अंडा नहीं देती है. पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो अंडा देने वाली लेयर बर्ड (मुर्गी) एक साल में 280 से 290 अंडे देती है. 85 से 75 दिन अंडा न देने के पीछे वैसे तो बहुत सारी वजह हैं, लेकिन रोजमर्रा की कुछ ऐसी भी बातें हैं जिनसे मुर्गी असहज महसूस करती है. मुर्गी एक बहुत ही सेंसेटिव बर्ड है. अगर इसकी रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ भी थोड़ा सा अलग होता है तो यह अंडा देना बंद कर देती है. ऐसा होने पर अब दो दिन बाद अंडा देगी या चार-छह और 10 दिन बाद यह भी मुर्गी पर ही निर्भर करता है. गर्मियों में गर्मी के चलते तो जाड़ों में सर्दी के चलते भी मुर्गी अंडा देना कम कर देती है. 

ये भी पढ़ें: NOHM: पशु-पक्षियों की लंपी, एवियन इंफ्लूंजा जैसी बीमारियों पर काबू पाने को चल रही ये तैयारी

एक्सपर्ट का कहना है कि मुर्गियां बहुत ही सेंसेटिव होती हैं. अगर मुर्गियों किसी भी तरह के मौसम में खुद को असहज महसूस करती हैं तो अंडे का उत्पादन कम हो जाता है. अंडे का उत्पादन बना रहे इसके लिए सर्दी-गर्मी हर तरह के मौसम में मुर्गियों की जरूरत के हिसाब से तापमान को बनाए रखना जरूरी हो जाता है. अगर पोल्ट्री फार्म में तापमान मेंटेन नहीं किया गया तो कई बार मुर्गियों की मौत भी हो जाती है.