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Poultry Feed: अमेरिकन सोयाबीन एसोसिएशन की इंडियन पोल्ट्री पर नजर, इसलिए गुड़गांव पहुंची टीम 

Poultry Feed: अमेरिकन सोयाबीन एसोसिएशन की इंडियन पोल्ट्री पर नजर, इसलिए गुड़गांव पहुंची टीम 

फीड सेक्टर के लिए जरूरत पड़ने पर पहले भी सोयाबीन मील इंपोर्ट हो चुका है. अगस्त, 2021 में फीड की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के चलते बाद घरेलू पोल्ट्री को मदद देने के लिए सोयाबीन मील की 1.2 मिलियन टन की खेप इंपोर्ट करने की अनुमति दी गई थी. 

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अमेरिकन सोयाबीन एसोस‍िएशन का प्रत‍िनिध‍ि मंडल अमेरिकन सोयाबीन एसोस‍िएशन का प्रत‍िनिध‍ि मंडल

देश में पोल्ट्री सेक्टर तेजी से बढ़ने वाले सेक्टर की लिस्ट में टॉप पर है. पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो अंडे और चिकन से जुड़ा पोल्ट्री कारोबार हर साल आठ से 10 फीसद की दर से बढ़ रहा है. अच्छी बात ये है कि हर साल ये रफ्तार बढ़ रही है. पोल्ट्री से जुड़ी फीड इंडस्ट्री में भी संभावनाएं बढ़ रही हैं. इसी के चलते ही चीन के बाद अब अमेरिकन सोयाबीन एसोसिएशन (यूएसएसईसी) की नजर इंडियन पोल्ट्री सेक्टर पर है. हाल ही में एसोसिएशन से जुड़ी एक टीम ने गुड़गांव में पोल्ट्री फीड मिल और कमर्शियल पोल्ट्री फार्म का दौरा किया था. 

गौरतलब रहे पोल्ट्री फीड में मक्का और सोयाबीन मील की बड़ी हिस्सेदारी है. जैसे-जैसे बाजार में अंडे और चिकन की डिमांड बढ़ रही है वैसे ही नई-नई पोल्ट्री फीड मिल खुल रही हैं. सबसे ज्यादा घरेलू बाजार में चिकन और अंडे की डिमांड बढ़ रही है. अब तो इंटरनेशनल मार्केट से भी अंडे की डिमांड आ रही है. एक्सपर्ट का कहना है कि इसकी सबसे बड़ी वजह कम पैसों में अंडे और चिकन से सबसे ज्यादा मिलने वाला प्रोटीन है.  

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हाईटेक होते पोल्ट्री सेक्टर पर हुई चर्चा 

यूएसएसईसी के अध्य‍क्ष लांस रेजैक और सीईओ जिम सटर के नेतृत्व में एक टीम ने गुड़गांव में खुशबू फीड और कमर्शियल ब्रॉयलर फार्म का दौरा किया. इस मौके पर ब्रैड डॉयल, केविन, रेबेका जोनिस्कन, इंडियाना स्टेट पोल्ट्री एसोसिएशन, ग्रेटा इरविन, आयोवा टर्की फेडरेशन, जैसन जॉन आदि भी थे. टीम ने पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट संजीव गुप्ता और कोषाध्यक्ष रिकी थॉपर से भी मुलाकात की. टीम ने ब्रॉयलर फार्म और फीड मिल देखने के बाद पोल्ट्री सेक्टर और पोल्ट्री फीड सेक्टर की तारीफ करते हुए कहा कि इंडियन पोल्ट्री सेक्टर मे हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. यही वजह है कि ये तेजी से बढ़ रहा है. 

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इसलिए इंडियन पोल्ट्री सेक्टर पर है अमेरिका की नजर

रिकी थॉपर ने किसान तक को बताया कि बढ़ते हुए पोल्ट्री सेक्टर के चलते ही अमेरिकन सोयाबीन एसोसिएशन भारतीय पोल्ट्री फीड बाजार में अपने लिए संभावनाएं तलाश रही है. देश में हर साल पोल्ट्री प्रोडक्ट में आठ से 10 फीसद की दर से बढ़ोतरी हो रही है. साल 2022-23 में 14 हजार करोड़ अंडों का उत्पादन हुआ था. 90 लाख टन से भी ज्यादा कुल मीट उत्पादन में चिकन की हिस्सेदारी 51.14 फीसद है. इतना ही नहीं ये सेक्टर एक्सपोर्ट और घरेलू बाजार में बढ़नी वाली डिमांड को पूरा करने के लिए कभी भी उत्पादन बढ़ाने में सक्षम हैं.