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Farmers Protest: अंबाला में रेलवे लाइन पर बैठ गए किसान, कई ट्रेनें रद्द-यात्रियों का हाल बेहाल

Farmers Protest: अंबाला में रेलवे लाइन पर बैठ गए किसान, कई ट्रेनें रद्द-यात्रियों का हाल बेहाल

किसानों के रेल रोको आंदोलन के चलते अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का हाल बेहाल है. यात्री परेशान नजर आ रहे हैं, पंजाब से आने वाली यात्री खचाखच भरी भारी बसों में लंबे रूट से सफर करने को मजबूर हैं.

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किसानों का रेल रोको आंदोलन का आज तीसरा दिन किसानों का रेल रोको आंदोलन का आज तीसरा दिन

किसानों का रेल रोको आंदोलन तीसरे दिन भी जारी है. किसान शम्भू रेलवे स्टेशन पर अमृतसर दिल्ली रेल मार्ग रोक कर बैठे हैं और मांग कर रहे हैं कि गिरफ्तार किसानों को रिहा किया जाए. किसानों की मांग के चलते रेल यातायात प्रभावित हो रहा है. लोग अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन पर परेशान होते दिखाई दे रहे हैं. पिछले तीन दिनों से किसान रेलवे लाइनों पर बैठे हैं जिससे कई गाड़ियों की आवाजाही पर असर देखा जा रहा है. किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं और इसी में एक मांग अपने साथियों की रिहाई की भी है.

अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन पर यात्री परेशान

किसानों का रेल रोको आंदोलन का आज तीसरा दिन है और किसान शम्भू रेलवे स्टेशन पर अमृतसर दिल्ली रेल मार्ग रोक कर बैठे हैं और मांग कर रहे हैं कि गिरफ्तार किसानों को रिहा किया जाए. किसानों की मांग के चलते रेल यातायात पूरे तरीके से प्रभावित हो रहा है. वहीं किसानो के रेल रोको आंदोलन का असर रेल यात्रियों पर भी पड़ रहा है. यात्री अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन पर परेशान हो रहे हैं. क्योंकि उन्हें ट्रेन नही मिल पा रही वहीं अमृतसर दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पहले ही बंद है जिसके चलते यात्रियों की मुसीबत दोगुना हो गई है. यात्रियों का कहना है रेल और सड़क दोनों मार्ग प्रभावित है ऐसे में वे जहां जाना चाहते है नही जा पा रहे हैं.

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संगठनों की ओर से रेल रोको प्रदर्शन जारी

किसानों की रिहाई को लेकर संगठनों की ओर से रेल रोको प्रदर्शन किया जा रहा है. जगजीत सिंह दल्लेवाल सहित किसान यूनियन नेताओं ने कहा है कि जब तक तीन किसान कार्यकर्ताओं को रिहा नहीं किया जाता तब तक वे रेलवे ट्रैक को बंद करना जारी रखेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने विभिन्न मांगों पर दबाव बनाने के लिए 13 फरवरी, 2024 को शंभू बॉर्डर पर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया था.

रेलवे ट्रैक को बंद हमारी मजबूरी- दल्लेवाल

किसान संगठन अनीश खटकर, नवदीप सिंह जलवेड़ा और गुरकीरत सिंह सहित तीन कार्यकर्ताओं की रिहाई की भी मांग कर रहे हैं. अनीश खटकर जहां जींद जेल में बंद हैं वहीं अन्य अंबाला सेंट्रल जेल में हैं. जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा, "हमें रेलवे ट्रैक को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि अधिकारियों ने तीन कार्यकर्ताओं को रिहा करने की 16 अप्रैल की समय सीमा पूरी नहीं की. हमारा विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक उन्हें रिहा नहीं किया जाता."

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