उत्तर प्रदेश के बिजनौर में वर्तमान में गन्ना समिति का चुनाव चल रहा है. इसके लिए अलग-अलग समितियों के लिए डेलीगेट्स के नामांकन 26 सितंबर को जमा किए गए थे और 27 सितंबर को इनकी जांच हुई थी. जांच के दौरान बड़ी संख्या में डेलीगेट्स के नामांकन पत्र रिटर्निंग अफसरों ने निरस्त कर दिए थे. इसके बाद किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने सत्ता पक्ष के दबाव में नामांकन पत्र निरस्त करने का आरोप लगाते हुए आंदोलन शुरू कर दिया था. 27 सितंबर की रात को ही नामांकन पत्र निरस्त होने के बाद गन्ना समिति में जबरदस्त हंगामा हुआ था.
किसान यूनियन ने सत्ता पक्ष के दबाव में नामांकन पत्र निरस्त करने के आरोप लगाते हुए कार्यकर्ता गन्ना समिति कार्यालय पर धरने पर बैठ गए थे, जिसके बाद उन्हें आश्वासन दिया गया कि दोबारा से जांच करने के दौरान अगर पर्चे सही निकलते हैं तो उनको बहाल किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
इसके बाद किसान यूनियन ने 29 सितंबर की रात को कलेक्ट्रेट परिसर में धरना शुरू कर दिया, जो रातभर जारी रहा, जब प्रशासन से कोई राहत नहीं मिली तो 30 सितंबर को किसान यूनियन के कार्यकर्ता इकट्ठे होकर दिल्ली पौड़ी नेशनल हाईवे पर तहसील के सामने पहुंचे और वहां पर रास्ता जाम कर दिया.
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इसके बाद किसी तरह अधिकारियों ने किसानों को समझाकर जाम खुलवाया, लेकिन इसके बाद उनके कार्यकर्ता जेल भरो आंदोलन की घोषणा कर गिरफ्तारी के लिए इकट्ठे होकर जेल के गेट पर पहुंच गए और वहां हंगामा हुआ. कोशिश विफल हाेने पर किसानों ने ट्रैक्टरों के साथ थानों पर धरना देने की घोषणा कर दी और रात में अलग-अलग थानों में किसान ट्रैक्टरों के साथ पहुंचे और वहां पर धरना शुरू कर दिया. किसानों का धरना अभी भी जारी है.
भारतीय किसान यूनियन टिकट के जिला अध्यक्ष सोनू चौधरी और किसान नेता कोमल सिंह का कहना है कि सत्तापक्ष के दबाव में जो नामांकन पत्र निरस्त किए गए हैं, उन्हें बहाल किया जाए या इस चुनाव को आगे बढ़ाया जाए. जब तक उनकी यह मांगे पूरी नहीं होगी, तब तक की आंदोलन चलता रहेगा. आंदोलन की आगे की रूपरेखा बनाने के लिए आज बिजनौर में किसानों की पंचायत बुलाई गई है और आगे किस तरह आंदोलन को चलाना है, इस पर पंचायत में निर्णय लिया जाएगा.
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