बात बेहद चौंकाने वाली है. यह सुनकर ही अटपटा लगता है कि बकरियां रोजाना 15 से 20 लीटर दूध देंगी. इतना दूध तो हमारे देश में बहुत सारी गाय ही नहीं देती हैं. ऐसा भी नहीं है कि सभी भैंस भी 15 से 20 लीटर तक दूध देती हों, लेकिन अगर सब कुछ ठीक ठाक चला तो पंजाब में दो नस्ल की कुछ बकरियां 20 नहीं तो 15 लीटर दूध तो रोजाना देंगी ही. इसके लिए गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (GADVASU), लुधियाना का कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), बरनाला नीदरलैंड्स के साथ एक एमओयू साइन करने की तैयार कर रहा है. हाल ही में नीदरलैंड्स से आए (Programma Uitzending Managers) के एक्सपर्ट एड मार्क्स ने पंजाब में कई गोट्स फार्म का दौरा किया था.
डेयरी मंत्रालय के मुताबिक, साल 2021 में बकरी के दूध का 62.61 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ था. यह भारत में कुल दूध उत्पादन का तीन फीसद हिस्सा है. देश में इस साल दूध का कुल उत्पादन 210 मिलियन मीट्रिक टन हुआ है, जबकि साल 2014-15 में बकरी के दूध का 51.80 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ था. साल 2018 से 2020 तक जरूर बकरी के दूध उत्पादन में मामूली गिरावट आई थी, लेकिन फिर से बकरी के दूध का कारोबार अपनी रफ्तार पर है.
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कृषि विज्ञान केंद्र, बरनाला के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. प्रहलाद सिंह ने 'किसान तक' को बताया कि एड मार्क्स ने यहां बीटल गोट फार्म का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने बीटल और बरबरी नस्ल की बकरियां भी देंखी. उन्होंने दोनों ही नस्ल की बकरियों की तारीफ करते हुए उन्हें डेयरी गोट्स बताया. साथ ही नीदरलैंड्स में होने वाली बकरियों की नस्ल सानेन के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सानेन नस्ल की बकरी 25 लीटर तक दूध देती है. लेकिन औसत दूध की बात करें तो सानेन नस्ल की एक बकरी 15 लीटर दूध रोजाना देती है. वहां बकरी पालकर दूध की डेयरियां चलाई जाती हैं. बीटल और बरबरी बकरियों के बारे में उनका कहना था कि इनमें भी ज्यादा दूध देने की संभावनाएं हैं. अगर इनका पालन ठीक तरीके से किया जाए.
डॉ. प्रहलाद सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि एड मार्क्स ने यूनिवर्सिटी के सामने प्रस्ताव रखा है कि अगर नीदरलैंड्स की सानेन नस्ल के बकरे के सीमेन से बीटल और बरबरी बकरी को क्रॉस कराया जाए तो यह दोनों बकरियां भी सानेन के मुकाबले दूध देने लगेंगी. मार्क्स के इस प्रस्ताव पर विचार चल रहा है. बीटल हो या बरबरी नस्ल कुछ ही बकरियों के साथ इस प्रस्ताव पर आगे बढ़ा जा सकता है. क्योंकि हमे अपनी देसी नस्ल बीटल और बरबरी को भी बचाकर रखना है.
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13 से 14 महीने की उम्र पर बच्चा देने लायक हो जाती है.
15 महीने में दो बार बच्चे देती है.
पहली बार बच्चा देने के बाद दूसरी बार 90 फीसद तक दो से तीन बच्चे देती है.
10 से 15 फीसद तक बरबरी बकरी 3 बच्चे देती है.
बरबरी बकरी 175 से 200 दिन तक दूध देती है.
बरबरी बकरी रोजाना औसत एक लीटर तक दूध देती है.
(जैसा कि CIRG के सीनियर साइंटिस्ट एमके सिंह ने बताया)
1. राजस्थान- 68 लाख
2. उत्तर प्रदेश- 46 लाख
3. मध्य प्रदेश- 41 लाख
4. महाराष्ट्रा- 37 लाख
5. तमिलनाडु- 32 लाख
1. राजस्थान- 21.80 लाख
2. उत्तर प्रदेश- 13.19 लाख
3. मध्य प्रदेश- 9.10 लाख
4. गुजरात- 3.52 लाख
5. महाराष्ट्र- 3.22 लाख
• साल 2020-21 में दूध देने वाली बकरियों की संख्या 3.63 करोड़ थी.
• साल 2014-15 में दूध देने वाली बकरियों की संख्या 3.09 करोड़ थी.
• देश में बकरियों की कुल 37 नस्ल रजिस्टर्ड हैं.
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