आईएमडी के मुताबिक, आज देश भर के कई राज्यों में मौसम का मिजाज बदला हुआ नजर आ रहा है. सुबह से आसमान में बादल छाए हुए हैं. उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश या ओलावृष्टि की गतिविधियां देखी जा सकती हैं. मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के राज्यों के तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा. हालांकि इसके बाद अगले चार दिनों तक तापमान में 2 से 4 डिग्री की गिरावट दर्ज की जा सकती है. वहीं, पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में तापमान में अगले दो दिनों तक कोई खास बदलाव नहीं होगा. पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में अगले तीन दिनों तक तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा. ऐसे में आज देशभर में कैसा रहेगा मौसम, पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) की 14वीं किस्त, MSP पर रबी फसलों की खरीदारी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और खेती-किसानी से जुड़ी हर अपडेट जानने के लिए पढ़ते रहें आज का हमारा लाइव अपडेट्स (Live Updates)-
हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा चाय ने भारत के साथ-साथ विदेशों में भी अपना परचम लहराया है. यूरोपीय संघ ने कांगड़ा चाय को जीआई टैग दिया है. इससे यूरोपियन यूनियन के देशों में हिमाचल की चाय की खास पहचान बनेगी.
दिल्ली आसपास के कई इलाकों में बारिश हो रही है. इसमें दिल्ली के अलावा नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद भी शामिल हैं. शाम में अचानक आई बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई. गुरुवार को सुबह से तापमान में वृद्धि देखी गई और दिन चढ़ने के साथ आम दिनों से अधिक गर्मी महसूस की गई. लेकिन शाम होते-होते बारिश हुई जिससे मौसम सुहाना हो गया. खबर लिखे जाने तक दिल्ली के कुछ हिस्से, गुरुग्राम और फरीदाबाद में बारिश हो रही है.
गाय-भैंस में होने वाली जानलेवा बीमारी खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) को लेकर सरकार गंभीर है. इसी के चलते एफएमडी के खिलाफ युद्धस्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. हाल ही में इस टीकाकरण अभियान में सरकार को एक बड़ी कामयाबी मिली है. इसी को देखते हुए जल्दह ही सरकार एफएमडी के खिलाफ पोलियो अभियान की तरह से टीकाकरण अभियान शुरू करने जा रही है. यह जानकारी मत्सयपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के सचिव राजेश कुमार सिंह ने दी है. उनका कहना है कि तीसरे चरण से इसकी शुरुआत हो जाएगी. गौरतलब रहे अभियान के दूसरे चरण में करीब 24 करोड़ पशुओं को एफएमडी का टीका लग चुका है.
पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: लिंक
राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में जीरे की खेती होती है. प्रदेश के जैसलमेर, बाड़मेर, नागौर, जालोर और बीकानेर के कुछ हिस्सों में जीरा पैदा होता है. लेकिन इस बार भाव अच्छा होने के बाद भी जीरा किसान मायूस हैं. वजह है बेमौसम हुई बारिश और ओलावृष्टि. खराब मौसम के कारण किसानों को काफी बड़ी मात्रा में जीरे की फसल खराब हुई है. हालांकि इस बार जीरे का भाव काफी अच्छा है. मांग ज्यादा होने और उत्पादन कम होने के कारण भावों में और ज्यादा तेजी आने की संभावना जताई जा रही है. बाजार में नया जीरा आने लगा है. इस बार भाव करीब 350 रुपये प्रति किलो तक हैं.
पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: Link
जैसलमेर के किसानों के लिए एक और खुशखबरी जुड़ गई है. जिले के सुल्ताना क्षेत्र में पीथेवाला कृषि उपज मंडी सबयार्ड का हाल ही में प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने उद्घाटन किया. कार्यक्रम में उच्च शिक्षा व गृह राज्य मंत्री राजेन्द्र यादव और जैसलमेर विधायक रुपाराम धनदे भी मौजूद थे. इस क्षेत्र में मंडी खुलने से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए दूसरी जगह नहीं जाना पड़ेगा. साथ ही नहरी क्षेत्र के किसानों को इसका लाभ ज्यादा मिलेगा. मंडी में धीरे-धीरे किसानों के लिए अन्य सुविधाएं भी विकसित की जा रही हैं.
पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: लिंक
पद्म भूषण से सम्मानित श्री रामचंद्र मिशन के अध्यक्ष, हार्टफुलनेस ध्यान के आध्यात्मिक मार्गदर्शक और हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट के संस्थापक कमलेश डी पटेल (दाजी) ने बीते दिन कृषि वैज्ञानिकों को तनाव मुक्त किया. उन्होंने पूसा परिसर स्थित एनएएससी परिसर पर कृषि वैज्ञानिकों के साथ हार्टफुलनेस ध्यान किया साथ ही उनसे चर्चा की. इस दौरान केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ ही कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, डेयर सचिव व आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक, उप महानिदेशक, (कृषि शिक्षा) डॉ. आरसी अग्रवाल तथा हार्टफुलनेस ध्यान से जुड़े संजय सहगल समेत आईसीएआर व कृषि मंत्रालय के अधिकारीगण एवं वैज्ञानिक उपस्थित रहे.
पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: Link
कहीं बारिश तो कहीं आगलगी. आजकल किसानों को एक साथ कई तरह की परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है. हाल की बारिश ने गेहूं की फसल को चौपट कर दिया, तो कहीं-कहीं बिजली ने पूरी फसल को जलाकर रख दिया है. ताजा मामला मध्य प्रदेश के गुना का है. यहां कड़ी मेहनत से तैयार की गई गेहूं की फसल अब बिजली लाइन की चपेट में आकर बर्बाद होने लगी है. गुना के इमझरा गांव में गेहूं की फसल में आग लगने से फसल जलकर खाक हो गई. मध्य प्रदेश के ही कई इलाके ऐसे हैं जहां बारिश और ओलावृष्टि ने गेहूं को तबाह किया है. अब मामला आगलगी का सामने आया है.
पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: Link
जिस बात की आशंका थी, आखिर वही हुआ. देश के अधिकांश इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. खासकर, उत्तर भारत के सभी इलाके कुदरती मार की चपेट में हैं. गेहूं, सरसों और चने के अलावा सब्जियों की फसलें बर्बाद हुई हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा था कि आम और अमिया का क्या होगा जो अभी शुरुआती स्टेज में है. सबसे बुरी खबर गुजरात से आई है जहां आम का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है. गुजरात में बहुतायत में किसान आम से सालभर की कमाई निकालते हैं. मगर हालिया बारिश ने इन किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है. मौसम की मार केवल बारिश तक ही सीमित नहीं है बल्कि बर्फबारी ने भी उतना ही नुकसान पहुंचाया है. गुजरात के जितने भी आम के क्षेत्र हैं, उन सभी जगहों पर बारिश और ओले का भारी असर देखा जा रहा है. गुजरात सरकार ने कहा है कि बारिश और ओलावृष्टि से आम के उत्पादन पर भारी असर देखे जा सकते हैं.
पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: Link
फरवरी के बाद से नींबू का बाजार बदलना शुरू हो जाता है. नींबू के लिए मार्च वो वक्त. होता है जब बाजारों में नींबू की सप्लाेई कम हो जाती है. साथ ही इस महीने में एक साथ आने वाले रमजान और नवरात्र के चलते नींबू की डिमांड बढ़ जाती है. बीते साल 2022 की बात करें तो बाजार में नींबू 400 रुपये किलो तक बिका था. लेकिन इस बार 110 से 120 रुपये किलो बिकने के बाद 90 से 100 रुपये किलो पर आ गया है. और यह सब हुआ है बीते 10 दिन से करवट बदल रहे मौसम के चलते. मौसम में ठंडक आई तो रोजेदार और व्रत रखने वालों के बीच नींबू की डिमांड ही घट गई. नींबू की डिमांड के दौरान दिल्ली की आजादपुर मंडी में सात से आठ ट्रोला गाड़ी रोजाना का नींबू आता है. लेकिन अब तो मुश्किल से तीन से चार गाड़ी ही आ रही हैं.
पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: लिंक
बेकार जमीन जो किसी काम की नहीं रही, खासतौर से एग्रीकल्चर के मतलब से. लेकिन ऐसी जमीन भी हर चार महीने में एक एकड़ एरिया से चार लाख रुपये की इनकम कराए तो चौंकना लाजमी है. वो भी तब जब नुकसान की संभावना ना के बराबर हो. पंजाब और हरियाणा से लेकर गुजरात तक ऐसी ही बेकार जमीन का इस्तेमाल कर चार से पांच लाख रुपये कमाए जा रहे हैं. एक साल में तीन-तीन बार झींगा मछली की फसल ली जा रही है. फसल भी ऐसी जिसकी लोकल मार्केट के साथ-साथ इंटरनेशनल मार्केट में भी डिमांड है.
पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: Link
अगर आप शुगर की समस्या से परेशान हैं तो ये आर्टिकल आपको पूरा पढ़ना चाहिए. इसे पढ़कर आपको सिर्फ इस समस्या को दूर करने का एक उपाय ही पता नहीं चलेगा, बल्कि आपके सामने आएगी एक ऐसी कहानी जो मिसाल है. डाइट में बदलाव करके शुगर की समस्या को खत्म करने की मिसाल. अब अगर आप ये सोच रहे हैं कि ये कैसे हो सकता है !! तो ये भी साफ कर देना अभी ही जरूरी है कि ये कोई काल्पनिक कहानी नहीं है. जीता जागता एक उदाहरण है, जिससे आप भी सीख ले सकते हैं. इस मिसाल, इस सीख, इस उदाहरण का परिचय या कहूं कि नाम है- लता रामास्वामी (Lata Ramaswamy). 67 साल की एक फिजिक्स पढ़ाने वाली टीचर जो इन दिनों गुड़गांव में रहती हैं, हजारों लोगों के लिए मिसाल बन चुकी हैं.
पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: लिंक
दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है. पश्चिमी हिमालय में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण बुधवार शाम से आंधी और बारिश का दौर शुरू हो गया, जिससे तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है. पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिल्ली-एनसीआर में यह सप्ताह सुहावना रहेगा. आज भी दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में बादल छाए रहेंगे और गरज के साथ तेज बारिश हो सकती है. आईएमडी के मुताबिक, आज और कल यानी 30-31 मार्च को ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, सिक्किम और बिहार में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आज ओलावृष्टि भी हो सकती है. ऐसे में किसानों को यह सलाह दी गई है कि कटी हुई फसलों को सुरक्षित स्थान जिससे किसानों को अन्य फसलों के साथ गेहूं की फसल को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: Link
सुप्रीम कोर्ट ने कीटनाशकों को प्रतिबंधित करने के मुद्दे पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. सोमवार को इससे जुड़े एक मामले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि देश में केवल तीन कीटनाशकों को ही बैन करने के पीछे वजह क्या है, जबकि इस लिस्ट में 27 के नाम हैं. इस साल फरवरी में जारी एक अधिसूचना में केंद्र सरकार ने कैंसर के खतरे का हवाला देते हुए तीन कीटनाशकों को प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया है. इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है.
पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: लिंक
समय के साथ बढ़ते प्रदूषण का असर पेड़-पौधों और फसलों की सेहत पर भी पड़ रहा है. ऐसे में किसानों की फसलों को भी नई-नई बीमारियां घेरने लगी हैं. इंसानों एवं पशुओं की तरह ही वैज्ञानिक शोध के आधार पर फसलों की बीमारियों के इलाज के लिए अस्पताल काम करने लगे हैं. इसके तहत पेड़ पौधों और फसलों काे होने वाले रोगों का इलाज खेत पर ही करने के लिए सरकार ने एक क्लीनिक शुरू किया है. इतना ही नहीं फसलाें को होने वाले गंभीर रोगों के इलाज के लिए अब आईसीयू की सुविधा भी दी जा रही है. किसानों को अपने तरह की यह अनूठी सेवा यूपी में झांसी स्थित रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में शुरू की गई है.
पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: लिंक
दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है. पश्चिमी हिमालय में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण बुधवार शाम से आंधी और बारिश का दौर शुरू हो गया, जिससे तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है. पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिल्ली-एनसीआर में यह सप्ताह सुहावना रहेगा. आज भी दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में बादल छाए रहेंगे और गरज के साथ तेज बारिश हो सकती है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today