अगर आप शुगर की समस्या से परेशान हैं तो ये आर्टिकल आपको पूरा पढ़ना चाहिए. इसे पढ़कर आपको सिर्फ इस समस्या को दूर करने का एक उपाय ही पता नहीं चलेगा, बल्कि आपके सामने आएगी एक ऐसी कहानी जो मिसाल है. डाइट में बदलाव करके शुगर की समस्या को खत्म करने की मिसाल. अब अगर आप ये सोच रहे हैं कि ये कैसे हो सकता है !! तो ये भी साफ कर देना अभी ही जरूरी है कि ये कोई काल्पनिक कहानी नहीं है. जीता जागता एक उदाहरण है, जिससे आप भी सीख ले सकते हैं. इस मिसाल, इस सीख, इस उदाहरण का परिचय या कहूं कि नाम है- लता रामास्वामी (Lata Ramaswamy). 67 साल की एक फिजिक्स पढ़ाने वाली टीचर जो इन दिनों गुरुग्राम में रहती हैं, हजारों लोगों के लिए मिसाल बन चुकी हैं. जानते हैं क्या है ये पूरी कहानी-
लता रामास्वामी की इस पूरी कहानी के बारे में जब किसान तक ने उनसे बातचीत की तो परत दर परत एक ऐसा सफर सामने आया जो एक तरफ परेशानी भरा था और दूसरी तरफ प्रेरणा दे रहा था. लता रामास्वामी की उम्र सिर्फ 35 साल थी, जब डायबिटीज की समस्या ने उन्हें घेर लिया. दवाई शुरू हुई और साथ में और भी कई तरह के परहेज रहे, मगर शुगर कंट्रोल नहीं हुई. बताती हैं, 'एक दिन जब पार्क में अपने पोते के साथ खेल रही थी तो ऐसा महसूस हुआ जैसे एक तरफ से देख ही नहीं पा रही हूं. बाद में पता चला कि शुगर की वजह से दाहिने रेटिना पर असर हो गया है और बिना चेहरा घुमाए दाहिनी तरफ देखना मुश्किल है.' बस यही टर्निंग प्वॉइंट था जो ऐसा दृढ़ संकल्प लेकर आया कि फिर लता रामास्वामी ने शुगर कंट्रोल करने की बजाय उसे खत्म करने को अपना लक्ष्य बना लिया.
ये भी पढ़ें- ‘Millets kulfi: मिलेट्स की कुल्फी ने मचाई धूम, किसान के बेटे ने बाजरे का किया अनोखा प्रयोग
लता रामास्वामी बताती हैं, 'रेटिना की समस्या को ठीक करने के लिए सर्जरी करानी पड़ी. वो समस्या ठीक भी हो गई, मगर मैंने अब ठान लिया था कि इस शुगर की परेशानी को खत्म करना ही है. कई तरह के मेडिकल जर्नल्स पढ़ना शुरू किया. वीडियोज देखे. इस दौरान उन्हें Millets Man Of India खादर वल्ली के बारे में पता चला और यहीं से हुई उनकी जिंदगी में Millets यानी मोटे अनाज की एंट्री.
ये भी पढ़ें- Millets: मोटे अनाजों की बड़ी छलांग...यूएन की घोषणा के बाद 30 फीसदी बढ़ी श्रीअन्न की बिक्री
मिलेट्स को लेकर उन्होंने जो भी जाना, सीखा और समझा उसके बाद 67साल की उम्र में अपने लिए डाइट का एक नया प्लान बनाया. इसके लिए वक्त तय हुआ 3 महीने और डाइट में तय किए गए 5 पॉजिटिव मिलेट्स. बताती हैं, 'इन तीन महीने में न केवल मेरा वजन कम हुआ बल्कि शुगर भी कम होने लगी. असर 3 हफ्ते में दिख गया था, मगर मैंने 3 महीने इस डाइट को कंटीन्यू किया और उसके बाद मेरी दवा की मात्रा कम कर देने के लिए खुद मेरे डॉक्टर ने कगा. बस उसके बाद से लता रामास्वामी को कभी पलटकर नहीं देखना पड़ा. आज आलम ये है कि वह हजारों लोगों को ये डाइट कोर्स करवाती हैं, कंसल्टेशन देती हैं, जागरुक करती हैं. मिलेट्स की रेसिपी (Millets Recipe) बनाना सिखाती हैं औऱ हां...फिजिक्स तो पढ़ाती ही हैं.
ये भी पढ़ें-झारखंड: रागी की खेती को गुमला जिले में दिया जा रहा बढ़ावा, नीति आयोग ने की प्रयासों की सराहना
अब आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये 5 पॉजिटिव मिलेट्स (what are 5 Positive Millets) हैं क्या.
तो आपको बता दें कि ये 5 पॉजिटिव मिलेट्स हैं कुटकी, कोदो, कंगनी, सांवा, हरी कंगनी. अब आप इनके अंग्रेजी नाम भी जान लीजिए
Little Millet | कुटकी |
Barnyard Millet | सांवा |
Kodo Millet | कोदो |
Foxtail Millet | कंगनी |
Browntop Millet | हरी कंगनी |
इस वीडियो में जानें मिलेट्स से जुड़े सवालों के जवाब-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today